अजंता की गुफाएं : इतिहास से जुड़ी रोचक बाते

Ajanta ki gufa

अजंता की गुफाएं : इतिहास से जुड़ी रोचक बाते

स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे की अजंता की गुफाएं के बारे में साथ ही इससे जुड़े कुछ तथ्यों के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.

अजंता की गुफाएं, भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगावाद शहर के पास स्थित है। यहाँ पर दुनिया के किसी भी कोनें से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

अजंता की गुफाएँ ’बाघोरा नदी’ की घाटी में अवस्थित एक ऊँची पहाङी के ढाल को काटकर बनाई गई है। यह गुफाएँ ’घोङे की नाल’ के आकार की है। वर्ष 1819 ईस्वी में मद्रास सेना के कुछ ’यूरोपीय सैनिकों’ ने इन गुफाओं की अकस्मात् खोज की थी।वर्ष 1824 ईस्वी में ’जनरल जेम्स अलेग्जेंडर’ ने ’राॅयल एशियाटिक सोसाइटी’ की पत्रिका में पहली बार इन गुफाओं का विवरण प्रकाशित कर इन्हें सभ्य संसार के सामने प्रकट किया था। इन गुफाओं को बौद्ध भिक्षु शिल्पियों द्वारा बनाया गया था। इन गुफाओं का निर्माण काल द्वितीय शताब्दी ईसा पूर्व से सातवीं शताब्दी के मध्य माना गया है।

सर्वप्रथम अजन्ता गुफा को ’चीनी बौद्ध यात्री ह्वेनसांग’ ने देखा।  फाह्यान ने सन् 398 ई. में इन कला मंदिरों का उल्लेख किया है। बाणभट्ट ने जो गुफा चित्रों का वर्णन किया है वो भी अजन्ता के समान ही लगता है। अजंता की गुफाओं की दीवारों और छत पर भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं को नक्काशी और चित्रों के द्वारा बताया गया है। अजंता की गुफाओं में 24 बौद्ध विहार और 5 हिंदू मंदिर है। इन सभी में से गुफा 1, 2, 4, 16, 17 सबसे सुंदर है। गुफा 26 बुद्ध की पुनर्निर्मित प्रसिद्ध प्रतिमा स्थित है।

अजंता की गुफाएँ कहाँ स्थित है –

अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के पास वाघोरा नदी के पास सह्याद्रि पर्वतमाला (पश्चिमी घाट) में राक-कट गुफाओं को एक शृंखला के रूप में स्थित है।

अजंता की गुफा का इतिहास

अजंता की गुफाएं मुख्य रूप बौद्ध गुफा है, जिसमें बौद्ध धर्म की कला कृतियाँ है। इन गुफाओं का निर्माण दो चरणों में हुआ है।  पहले चरण की अजंता की गुफा का निर्माण दूसरी शताब्दी के समय हुआ था और दूसरे चरण वाली अजंता की गुफाओं का निर्माण 460-480 ईसवी में हुआ था। पहले चरण में  9, 10, 12, 13 और 15 ए की गुफाओं का निर्माण हुआ था। दूसरे चरण में 20 गुफा मंदिरों का निर्माण किया गया। पहले चरण को गलती हीनयान कहा गया था, इसका सम्बन्ध बौद्ध धाम के हीनयान मत से है। इस चरण की खुदाइयों में भगवान् बुद्ध को स्तूप से संबोधित किया गया है। दूसरे चरण की खुदाई लगभग 3 शताब्दी के बाद की गई। इस चरण को महायान चरण कहा गया। कई लोग इस चरण को वतायक चरण भी कहते हैं। जिसका नाम वत्सगुल्म के शासित वंश वाकाटक के नाम पर पड़ा है।

अजंता की गुफा से जुड़ी रोचक बाते  –

अजंता की गुफा का प्रवेश शुल्क –

अजंता की गुफा में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों को प्रवेश शुल्क के रूप में कुछ चार्ज देना पङता है। अगर आप भारतीय है तो आपको प्रवेश शुल्क के रूप में 10 रु. देना होता है। अगर आप एक भारतीय के अतिरिक्त अन्य नागरिक है, तो आपका प्रवेश शुल्क के रूप में 250 रु. देने होते है।

अजंता की गुफा का खुलने का समय  –

अजंता की गुफा सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा यह अजंता की गुफा प्रत्येक सोमवार को बंद रहती है।

अजंता की गुफा घूमने का समय – यहाँ सुबह 09:00 से शाम 05:00 बजे तक घूम सकते हैं, लेकिन महीने के हर सोमवार को यह गुफाएं बंद रहती हैं।

FAQ

 Ques-अजंता गुफाओं की खोज कब हुई ?

Ans- 1819

Ques-अजंता गुफाओं में ’एक हजार बुद्ध’ किस संख्या की गुफा में चित्रित है ?

Ans- गुफा संख्या-2

Ques-अजंता के चित्र किसके जीवन पर आधारित हैं ?

Ans- बुद्ध के

Ques-अजंता की गुफा को सबसे पहले किसने देखा ?

Ans- ह्वेनसांग

Ques-6. अजंता की गुफा संख्या ’एक’ का निर्माण काल क्या है ?

Ans- छठवीं शताब्दी

Ques-अजंता के भित्ति चित्र किस माध्यम या विधि से निर्मित किए गए हैं ?

Ans- मिश्रित विधि

आशा करते है कि अजंता की गुफा के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही रोचक लेख एवं देश विदेश की न्यूज़ पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।

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