पूर्वोत्तर के मुख्यमंत्रियों को साल 2014 से पहले देश की राजनीति में हाशिए पर रखा जाता था। केरल और कश्मीर में रहने वाले लोगों को यह पता ही नहीं होता था कि पूर्वोत्तर में कितने राज्य हैं और किस राज्य का मुख्यमंत्री कौन है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस राजनीतिक परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 8 साल की मोदी सरकार के बाद आज बीजेपी के सबसे पॉपुलर मुख्यमंत्रियों की बात की जाती है तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाद पूर्वोत्तर के अहम राज्य असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का ही नाम आता है। वे राष्ट्रीय राजनीति में भी सक्रिय हैं और मुख्य तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समय-समय पर ज्ञान देते रहे हैं।
राजनीतिक विरोध वाला प्रेम
हिमंता बिस्वा सरमा का दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से विशेष राजनीतिक विरोध वाला प्रेम रहा है। वहीं अब ANI की एडिटर स्मिता प्रकाश के साथ एक पॉडकास्ट वाले इंटरव्यू में हिमंता ने यह तक कह दिया कि अरविंद केजरीवाल को राजनीति छोड़ घर में बैठना चाहिए। दरअसल, इंटरव्यू के दौरान हिमंता से सवाल पूछने पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल के बारे में कहा कि यदि केजरीवाल से काम नहीं होता है तो उन्हें घर बैठना चाहिए।
Apne ghar baitho fir, Himanta Da on Kejriwal 🤣🤣🔥🔥 pic.twitter.com/I8AusUPtdr
— Gems of Politics (@GemsOf_Politics) September 29, 2022
दरअसल हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं जो पहले से ही काफी डेवलप शहर है। केजरीवाल को आवश्यकता है कि वह देश की राजधानी का मुकाबला न्यूयॉर्क, पेरिस, लंदन, आदि जैसे विकसित शहरों से कर राजधानी को डेवलप करें लेकिन केजरीवाल के अंदर पता नहीं क्या दिक्कत है कि वे आए दिन अपनी दिल्ली का मुकाबला असम से करते रहते हैं।
आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल असम में स्कूलों की हालत से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठा चुके हैं। वे सवालों के जरिए ट्विटर पर असम की जनता से आम आदमी पार्टी को समर्थन तक करने की मांग कर चुके हैं। इसको लेकर हिमंता और केजरीवाल के बीच ट्विटर पर एक बड़ा टकराव हो गया था जो कि केजरीवाल के लिए मुसीबत बन गया था।
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‘असम में ऐसा कोई डबल पैकेज नहीं है’
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि दिल्ली में वर्ल्ड क्लास स्कूलिंग से लेकर बेहतरीन स्वास्थ्य व्यवस्था होनी चाहिए जबकि ऐसा नहीं है। हिमंता बिस्वा सरमा ने यह तक दावा कर दिया कि केजरीवाल की दिल्ली में बने अस्तपालों से असम के अस्पताल काफी बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में तो राज्य सरकार और केंद्र की विशेष मदद मिलती है जिसके चलते राजधानी को वैश्विक स्तर के शहरों के साथ कंधे से कंधा मिलाने के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जाती हैं जबकि असम में ऐसा कोई डबल पैकेज नहीं है इसके बावजूद असम की स्थिति दिल्ली से बेहतर है।
इस दौरान यह सवाल पूछा गया कि अरविंद केजरीवाल लगातार केंद्र सरकार पर काम न करने का आरोप लगाते हैं। इसको लेकर हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि दिल्ली में काम करने को लेकर अरविंद केजरीवाल द्वारा केंद्र पर लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। जब केजरीवाल काम करने को लेकर आरोप लगाते हैं तब वह केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हैं लेकिन जब वह किसी नई योजना के लिए फीता काटते हैं तो सारा श्रेय खुद लेने की कोशिश करते हैं जो उनके दोगले पन की सोच को दर्शाता है।
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सिसोदिया पर मानहानि का केस
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल राजनीति करना चाहते हैं तो उन पर इस तरह के आरोप प्रत्यारोप का खेल चलता रहेगा लेकिन यदि वे चाहते हैं कि उन्हें प्रत्येक व्यक्ति संत ही समझे तो उन्हें घर बैठना चाहिए। आपको बता दें कि हिमंता बिस्वा सरमा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सबसे मुखर आलोचक रहे हैं। हिमंता ही हैं जिन्होंने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तक पर मानहानि का केस लगाया हुआ हैं जिसकी सुनवाई के लिए मनीष को असम तक जाना पड़ सकता है।
हिमंता बिस्वा सरमा बीजेपी के सबसे फायरब्रांड नेताओं में एक हैं जो कि इस वक्त अरविंद केजरीवाल से लेकर असदुद्दीन ओवैसी समेत राहुल गांधी पर राजनीतिक हमले कर पूरे विपक्ष को अकेले ही बैकफुट पर डाल देते हैं जो कि विपक्ष के लिए एक सबसे मुश्किल सवाल बन गया है।
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