चारमीनार कहाँ स्थित है एवं कैसे पहुंचे? सम्पूर्ण जानकारी

चारमीनार कहाँ है

स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे चारमीनार कहाँ है, यहाँ कैसे पहुंचे एवं चारमीनार से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी के बारें में एवं साथ ही इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर भी चर्चा करेंगे अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें।

चारमीनार कहाँ स्थित है?

चारमीनार- हैदराबाद की पहचान है. भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद का सबसे प्रसिद्ध और महत्त्वपूर्ण स्मारक है। चार मीनार को यहाँ के शासक मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने बनवाया था। हैदराबाद शहर प्राचीन और आधुनिक समय का अनोखा मिश्रण है जो देखने वालों को 400 वर्ष पुराने भवनों की भव्‍यता के साथ आपस में सटी आधुनिक इमारतों का दर्शन भी कराता है.

हैदराबाद शहर और चार मीनार के निर्माण के लिए, फारसी प्रख्यात आर्किटेक्चर को बुलाया गया था. इसकी संरचना एक मस्जिद एवं मदरसा के रूप में की गई थी. इसकी वास्तुकला शैली भारतीय-इस्लामिक का मिश्रण थी, जिसमें कुछ जगह फारसी वास्तुकला के भी तत्व देखने को मिलते है.

नाम: चार मीनार
स्थान: हैदराबाद, तेलांगना
निर्माण: 1591
चार मीनार की ऊंचाई: 48.7 मीटर
प्रशासन प्रबंधक: कुली क़ुतुब शाह

चारमीनार कहाँ स्थित है एवं इसकी संरचना

चार मीनार की संरचना – चार मीनार में हर दिशा में एक दरवाजा है, जो अलग अलग बाजारों में खुलता है. इसके प्रत्येक कोने में 56 मीटर (लगभग 184 फीट) उची मीनार है, जिसमें 2 बालकनी है. प्रत्येक मीनार के उपरी हिस्से में, नुकीले पत्ती की तरह, एक बल्बनुमा गुंबद की डिजाईन है, ऐसा लगता है मानो किसी ने मीनार को ताज पहना दिया है. ताजमहल की तरह चार मीनार में ये मीनारें इसकी मुख्य संरचना है. यहाँ सबसे उपर जाने के लिए 149 घुमावदार सीढियां है.

चारमीनार को गोलकोंडा किले से जोड़ने के लिए, उसके अंदर बहुत सी भूमिगत सुरंग का भी निर्माण कराया गया था. संभवतः इसका निर्माण इसलिए हुआ होगा, ताकि कभी किले में दुश्मनों के द्वारा घेराबंदी होने पर क़ुतुब शाही शासक वहां से छिप कर भाग सकें. इन सुरंगों के स्थान आज भी अज्ञात है .चार मीनार में बीचोंबीच पानी का छोटा सा तालाब जैसा है, जिस पर फव्वारा भी लगा है. मस्जिद में प्राथना करने से पहले लोग यहाँ हाथ पैर धोते थे.

चारमीनार का निर्माण कब और किसने करवाया?

हैदराबाद में स्थित इस विशाल और प्रभावशाली ऐतिहासिक स्मारक का निर्माण 1591 ईसवी में कुतुब शाही राजवंश के पांचवे शासक सुल्तान मोहम्मद कुली कुतुब शाह द्धारा करवाया गया था। मुहम्मद कुली कुतुब शाह इब्राहिम कुली कुतुब शाह के तीसरे पुत्र थे, उन्होंने गोलकोंडा पर करीब 31सालों तक राज किया था।

आपको बता दें कि जब कुतुब शाह ने अपनी राजधानी को गोलकुंडा से हैदराबाद शिफ्ट कर दिया था, जब इस भव्य इमारत और प्राचीन काल की सबसे उत्कृष्ट कृति का निर्माण किया गया था। ऐसा भी कहा जाता है कि कुतुब शाह द्धारा इसका निर्माण इसलिए किया गया था, ताकि गोलकोंडा और पोर्ट शहर मछलीपट्टनम के व्यापार मार्ग को एक साथ जोड़ा जा सके। चारमीनार के निर्माण के पीछे कई ऐतिहासिक कथाएं भी जुड़ी हुईं हैं।

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चारमीनार से जुड़े रोचक तथ्य

चारमीनार कहाँ है एवं कैसे पहुंचे?

ऐसे पहुंचे चारमीनार – How To Reach Charminar- हैदराबाद, सड़क, वायु एवं रेल तीनों परिवहन से बेहतर तरीके से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें कि हैदराबाद रेलवे स्टेशन से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि बस स्टेशन से इसकी दूरी करीब 5 कि.मी. है।

अगर जो सैलानी हवाई मार्ग से पहुंचते हैं इस भव्य इमारत को देखने के लिए करीब 15 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है।

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