भारत एक ऐसा बड़ा देश है जहां पर हर धर्म के लोग रह रहे हैं, इससे यह तो आभास होता है कि कई धर्म को मानने वाले लोग और अलग-अलग विचारधारा को धारण करने वाले लोग एक साथ रहते हैं लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि एक शांतिप्रय समूदाय के फैलाए गए जबरन और भ्रम में डालकर धर्मांतरण करवाने के दंश को एक बहुसंख्यक वर्ग को झेलना पड़ता है। इस धर्मांतरण को लेकर समय-समय पर चर्चाएं होती रहती हैं।
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धर्मांतरण पर बयान
अभी हाल ही में धर्मांतरण पर तब बातें होनी शुरू हो गयीं जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने इस मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण और सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन के कारण जनसंख्या असंतुलन हो रहा है। होसबाले ने धर्मांतरण विरोधी कानूनों को लेकर कहा कि ऐसे कानून सख्ती से लागू किया जाए। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित उत्तर प्रदेश के साथ ही कुछ और राज्य ऐसे कानून लेकर आए हैं जो ऐसे धर्मांतरण पर रोक लगा सकें जो बल या प्रलोभन या फिर विवाह के माध्यम किया गया हो। RSS की अखिल भारतीय कार्यसमिति की चार दिन की बैठक के समाप्त होने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए अपना बयान दिया।
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बांग्लादेश से घुसपैठ
दत्तात्रेय होसबाले का दावा है कि धर्मांतरण के कारण ही हिंदुओं की जनसंख्या में कमी देश में कई जगहों पर आई है जिसके परिणाम भी देखे गए हैं। दत्तात्रेय होसबाले ने बताया कि घर वापसी जैसे शब्दों को संघ इसलिए उपयोग में लाता है ताकि हिंदू धर्म को मानने वाले वो लोग जिन्होंने इस्लाम और ईसाई धर्म और ऐसे ही किसी धर्म को अनपनाया है, वो जागरूक होकर फिर से वापसी करें।
“जनसंख्या असंतुलन” का दूसरा सबसे बड़ा कारण दत्तात्रेय होसबाले के द्वारा घुसपैठ को बताया गया। उन्होंने कहा कि “जनसंख्या असंतुलन बांग्लादेश से घुसपैठ के कारण देखा गया है, यह पूर्णिया और कटिहार के साथ ही उत्तरी बिहार के जिलों और अन्य राज्यों में देखा गया। उन्होंने जनसंख्या नीति पर बात करते हुए कहा कि इस पर समग्रता से विचार करना चाहिए और ऐसी जनसंख्या नीति बनानी चाहिए जो सब पर लागू हो। आपको बता दें कि इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा भी ऐसी नीति की पैरवी की गयी थी जो सब पर लागू हो।
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मोहन भागवत का बयान
जानकारी दे दें कि हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी अपने बयान में धर्मांतरण के बारे में बात की थी। उन्होंने धर्मांतरण के कारण हिंदुओं की जनसंख्या कम होने की बात की। उत्तर प्रदेश के गौहानिया में चार दिन के बैठक का आयोजन किया गया था। यहां के वात्सल्य संस्थान परिसर में आयोजित इस वार्षिक बैठक की अध्यक्षता मोहन भागवत ने की और इस दौरान उन्होंने भी कहा था कि धर्मांतरण के कारण हिंदुओं की जनसंख्या में कमी आ रही है। वहीं नागपुर में विजयादशमी के अवसर पर उन्होंने जब अपना भाषण दिया था तब भी जनसंख्या असंतुलन, सामाजिक सद्भाव के संबंध में अपनी बात रखी थी साथ ही उन्होंने मातृभाषा में होने वाली शिक्षा के बारे में भी चर्चा की थी।
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