अग्नि प्राइम मिसाइल: भारत ‘वैश्विक ताकत’ बनने की ओर अग्रसर है लेकिन जिसके पड़ोसी पाकिस्तान और चीन जैसे शातिर देश हो, वो चैन से कैसे बैठ सकता है. चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के कारण भारत को अपना हर कदम काफी संभल कर आगे बढ़ाना पड़ता है. इसके बावजूद भारत इनकी लंका लगाने में एक कदम भी पीछे नहीं हटता. भारत के रूख में पहले की अपेक्षा काफी ज्यादा परिवर्तन देखने को मिला है और अब अगर हमें कोई तंग करने की कोशिश भी करता है तो भारतीय सेना उसकी जमकर बैंड बजाती है. हमारी सेना पाकिस्तान और चीनी सेना की बैंड भी कई बार बजा चुकी है. भारत सरकार लगातार अपनी सेना को मजबूत करने की दिशा में प्रयासरत है. इसी बीच भारत ने एक ऐसे मिसाइल का परीक्षण किया है, जिसके रेंज में पूरा पाकिस्तान आ सकता है. यह कहा भी जा रहा है कि इसे पाकिस्तान को ध्यान में रखकर ही बनाया गया है.
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अग्नि प्राइम मिसाइल की खासियत
दरअसल, भारत ने ‘अग्नि प्राइम’ मिसाइल (Agni Prime Missile Test) का तीसरी बार सफल परीक्षण किया है. यह नई पीढ़ी की मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missile) है, जिसे पूरी तरह देश में विकसित किया गया है. अग्नि प्राइम मिसाइल पिछली मिसाइलों से कई तरह में अलग है, यह ज्यादा मारक है और साथ ही साथ इसकी रेंज भी अधिक है. यह मिसाइल 1,000 से 2,000 किमी तक टारगेट को नेस्तनाबूत कर सकती है. साथ ही यह सतह-से-सतह पर मार करने वाली न्यूक्लियर कैपेबल मिसाइल है. ध्यान देने वाली बात है कि यह अग्नि मिसाइल श्रृंखला की छठी मिसाइल है. अग्नि सीरीज में यह सबसे छोटी और हल्की मिसाइल है. इसके कारण इन मिसाइलों को एक जगह से दूसरी लाना-ले जाना और तैनात करना आसान हो जाता है और यह सेना को बड़ी फ्लेक्सिबिलिटी देता है.
ज्ञात हो कि अग्नि प्राइम मिसाइल यानी अग्नि पी देश के मिसाइल डीफेंस सिस्टम को मजबूती देगा. यह नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम से लैश है, जिसके कारण यह दुश्मनों के ठिकाने को ढूंढ़कर निशाना बना लेती है. अगर इसके वजन की बात करें तो यह अग्नि-3 मिसाइलों के वजन का आधा है. इस मिसाइल का वजन करीब 11,000 किलो का होता है. यह बेहद आसानी से 1.5 से 3 टन का वारहेड तक ढो सकती है. इसे लंबे समय तक स्टोर करना संभव है और साथ ही इसे सड़क से भी छोड़ा जा सकता है. यह अग्नि सीरीज मिसाइलों का सबसे एडवांस वेरिएंट है. इसे DRDO द्वारा विकसित किया गया है और भारत ने तीसरी बार इसका सफल परीक्षण कर लिया है. इससे पहले पिछले वर्ष 18 दिसंबर और 28 जून को इसका सफल परीक्षण किया गया था. DRDO की ओर से विकसित यह मिसाइल दो स्टेज में काम करता है, इसमें 2 इंजन होते हैं.
पाकिस्तान के लिए ‘बुरा सपना’
भारत के इस खतरनाक मिसाइल के सफल परीक्षण को देख कर हमारे पड़ोसियों की जमकर सुलगी होगी और उनका सुलगना स्वाभाविक भी है क्योंकि अब उनके विनाश के लिए भारत ने एक और अस्त्र तैयार कर लिया है. यह भारत के मिसाइल भंडार में पहली ऐसी मिसाइल है जिसे MIRV यानी मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री वीकल घोषित किया गया है. इसी से आप इसकी क्षमता का अंदाजा लगा सकते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि यह पूर्णरूप से स्वदेशी है और इसे भारत में ही विकसित किया गया है. इसके रेंज में लगभग पूरा पाकिस्तान है. अब पाकिस्तान अपनी कुत्सित सोच को आगे बढ़ाने से पहले हजार बार सोचने पर मजबूर हो सकता है!
आपको बताते चलें कि भारत अब हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ चला है. अगर हम रक्षा क्षेत्र की बात करें तो जो भारत हथियारों के लिए पूरी तरह से अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे देशों पर निर्भर था लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद स्थिति में ऐसा परिवर्तन देखने को मिला कि अब भारत स्वयं के लिए हथियार तो बनाता ही है, साथ ही दुनिया के 75 देशों को निर्यात भी करता है. हाल ही में भारत द्वारा निर्मित मॉडर्न फाइटर जेट तेजस को खरीदने में अमेरिका समेत 6 देशों ने दिलचस्पी दिखाई, कुछ देशों ने तो डील तक फाइनल कर दी है. इसके अलावा हमारे ब्रह्मोस को भी कई देश पसंद कर रहे हैं. भारत अब इस क्षेत्र में भी अपने पैर पर खड़ा होने के लिए तैयार है और निरंतर खड़ा होता ही जा रहा है, जो हमारे दुश्मनों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है.
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