जल ही जीवन है निबंध
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जल ही जीवन है निबंध के बारे में साथ ही जल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
जल ही जीवन है निबंध प्रस्तावना – जल पृथ्वी का एक ऐसा प्राकृतिक तत्व है, जिसके बिना किसी भी जीव के अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ब्रह्मांड के नौ ग्रहों में से केवल पृथ्वी पर ही पानी मौजूद है। यही कारण है कि केवल पृथ्वी पर ही जीव है।जलना ना केवल बाहरी पर्यावरण में मौजूद है बल्कि जल मनुष्य के शरीर में भी मौजूद है। इंसान भले भोजन के बिना एक सप्ताह जीवित रह सकता है लेकिन पानी के बिना 2 दिन से अधिक जीवित नहीं रह सकता. पानी न केवल व्यक्ति के प्यास को बुझाता हैं बल्कि मनुष्य को स्वस्थ रहने में भी मदद करता है.
जल का महत्व – जल मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है, हमारे शरीर का आधा वजन ही पानी से बना हुआ है, बिना जल के पृथ्वी पर जीवन ही असंभव है क्योंकि जल के बिना मनुष्य तड़पने लगता है और दम घुटने से उसकी मौत हो जाती है.
जल के बिना पंछियों और अन्य प्राणियों का भी यही हाल होता है. कुछ फसलें ऐसी होती हैं। जो पानी के बिना पैदा ही नहीं होती हैं जैसे – गेहूं, चावल, मक्का आदि पानी के बिना पेड़ पौधे मुरझा जाते हैं और ऑक्सीजन की कमी से मृत्यु हो जाती है, इसलिए जल की एक-एक बूंद को व्यर्थ होने से बचाना चाहिए क्योंकि जल है तो कल है.
जल का निर्माण जल एक ऐसा पदार्थ है जो दो हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के अणुओं से मिलकर बनता है इसलिए जल का रासायनिक सूत्र H₂O है, यदि आसान शब्दों में कहें तो हाइड्रोजन की एक ऑक्साइड के रूप में जब हाइड्रोजन या हाइड्रोजन योगिक जलते हैं या ऑक्सीजन का ऑक्सीजन यौगिकों के साथ में प्रतिक्रिया करते हैं तब जाकर जल का निर्माण होता है। जल एक ऐसा पदार्थ है जिसके तीन अवस्थाएं होती हैं –
- ठोस
- द्रव
- गैस
जल बचाव के तरीके-
घर का कोई सदस्य घरेलू कार्यों के लिये रोज लगभग 240 लीटर पानी खर्च करता है। एक चार सदस्यों वाला छोटा मूल परिवार औसतन 960 लीटर प्रतिदिन और 350400 लीटर प्रतिवर्ष खर्च करता है। रोजाना पूरे उपभोग का केवल 3% जल ही पीने और भोजन पकाने के लिये उपयोग होता है बाकी का पानी दूसरे कार्यों जैसे पौधों को पानी देना, नहाना, कपड़े धोना आदि में इस्तेमाल होता है।
जल प्रदूषण से होने वाली बीमारियां व उपाय –
जल प्रदूषण से मानव जाति को ही नुकसान नहीं पहुंचाता अपितु जलीय जीव पशु पक्षियों आदि को भी इसका सामना करना पड़ता है। अनेक से ऐसे कारखाने हैं, जिनमें विषैला जल निकलता है और सीधे नदियों नहरों तालाबों आदि में जाकर मिलता है और प्रदूषित हो जाता है, जिस कारण लोगों हैजा, मलेरिया, टाइफाइड, हैपेटाइटिस, दस्त और भी अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
विश्व जल दिवस – 22 मार्च को मनाने वाली विश्व जल दिवस के दिन, देश के कई जगहों पर विभिन्न कार्यक्रम किए जाते हैं 1933 से मनाई जा रही है। इस दिवस को आज भी काफी उत्सव के साथ मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्वकी सभी विकसित देशों को स्वच्छ और साफ जल की उपलब्धता करना साथ जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है।
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जल ही जीवन है निबंध उपसंहार:
किन राज्यों में जल उपयोग अधिक –
- पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और तमिलनाडु, राज्यों में भूजल का उपयोग बहुत अधिक है। परंतु कुछ राज्य जैसे छत्तीसगढ़ उड़ीसा केरल आदि अपने भूजल क्षमता का बहुत कम उपयोग करते हैं।
- गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा, और महाराष्ट्र अपने भूजल संसाधनों का माध्यम दर से उपयोग कर रहे हैं। यदि वर्तमान प्रवृत्ति जारी रहती है, तो जल के मांग की आपूर्ति करने की आवश्यकता होगी। ऐसी स्थिति विकास के लिए हानिकारक होगी और सामाजिक उथल-पुथल और विघटन का कारण हो सकती है।
FAQ-
Ques- भारत के किस राज्य में सबसे अधिक जल संकट है?
Ans- चंडीगढ़
Ques- जल संरक्षण का सबसे अच्छा तरीका क्या होता है?
Ans-वनों की कटाई पर रोक एवं लोगों के अंदर जागरूकता का आना।
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