महादेव गोविंद रानाडे का जन्म एवं सिद्धांत

Mahadev govind ranade

महादेव गोविंद रानाडे का जन्म एवं सिद्धांत

स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे की महादेव गोविंद रानाडे के बारे में साथ ही इससे जुड़े कुछ तथ्यों के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.

गोविंद रानाडे का जन्म 1842 ई. में पुणे में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘गोविंद अमृत रानाडे’ था। पुणे में आरंभिक शिक्षा पाने के बाद रानाडे ने ग्यारह वर्ष की उम्र में अंग्रेज़ी शिक्षा आरंभ की। 1859 ई. में उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से प्रवेश परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की और 21 मेधावी विद्यार्थियों में उनका अध्ययन मूल्यांकन शामिल था। आगे शिक्षा जारी रखने के लिए उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।

पूरा नाम महादेव गोविंद रानाडे
जन्म 18 जनवरी 1842
जन्म स्थान निपाड, मुंबई (वर्तमान में नाशिक जिला)
धर्म हिंदू
जाति चितपावन ब्राह्मण
नागरिकता भारतीय
मृत्यु 16 जनवरी, 1901
मृत्यु स्थान पुणे, मुंबई, महाराष्ट्र

 

पुणे के ‘एलफिंस्टन कॉलेज’ में वे अंग्रेज़ी के प्राध्यापक नियुक्त हुए थे। एल.एल.बी. पास करने के बाद वे उप-न्यायाधीश नियुक्त किए गए। वे निर्भीकतापूर्वक निर्णय देने के लिए प्रसिद्ध थे। शिक्षा प्रसार में उनकी रुचि देखकर अंग्रेज़ों को अपने लिए संकट का अनुभव होने लगा था, और यही कारण था कि उन्होंने रानाडे का स्थानांतरण शहर से बाहर एक परगने में कर दिया। रानाडे को सज्जानता की सज़ा भुगतनी पड़ी थी। उन्होंने इसे अपना सौभाग्य माना। वे जब लोकसेवा की ओर मुड़े तो उन्होंने देश में अपने ढंग के महाविद्यालय स्थापित करने के लिए विशेष प्रयास किए।

शिक्षा –

महादेव को शिक्षा दिलवाने के लिए इनके माता-पिता के द्वारा कोल्हापुर के ही किसी विद्यालय में इनका एडमिशन करवाया गया, जहां से इन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई की और फिर 14 साल की उम्र में इन्होंने ग्रेजुएशन करने के लिए मुंबई का रुख किया और मुंबई में स्थित एलफिंस्टन कॉलेज में इन्होंने एडमिशन लिया। आगे चलकर के इन्होंने बैचलर ऑफ आर्ट की डिग्री हासिल की। इसके अलावा इन्होंने कानून की पढ़ाई करने के लिए एलएलबी में भी एडमिशन लिया और सफलतापूर्वक फर्स्ट ग्रेड से एलएलबी की डिग्री को हासिल की।

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद गोविंद रानाडे मुंबई में ही प्रथम कैटेगरी के उच्च न्यायाधीश मुंबई स्मॉल कोर्ट में बने। इसके अलावा 1885 के आसपास में यह हाईकोर्ट से जुड़ गए और इनकी अद्भुत कार्यशैली की बदौलत इनका प्रमोशन साल 1893 में हुआ और प्रमोशन पाने के बाद यह मुंबई हाई कोर्ट के जज बने

कैरियर –

साल 1871- मुंबई स्मॉल केस कोर्ट के चौथे जज बने।

साल 1873- पुणे शहर के पहली कैटेगरी के न्यायाधीश बने।

साल 1884-पुणे शहर के स्मॉल केस कोर्ट के न्यायाधीश बने।

साल 1893- मुंबई हाई कोर्ट के जज बने।

साल 1885: मुंबई विधान परिषद में रहे।

राजनितिक जीवन

राणाडे ने पुणे सार्वजनिक सभा की स्थापना की. बाद में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने और संस्थापकों में से एक बने. वे गोपाल कृष्ण गोखले के बड़े ही विश्वसनीय सलाहगार थे. इनकी सोच हमेशा बाल गंगाधर तिलक से अलग थी. वे हमेशा तिलक जी के विरुद्ध में बोला करते थे|

सामाजिक तथा धार्मिक सुधारना  –

31 मार्च 1867 को बॉम्बे में प्रार्थना समाज की स्थापना की गई, इस संगठन की शुरुआत अत्माराम पांडुरंग, बाल मंगेश वाग्ले, अबाजी मोदक तथा रानाडे द्वारा की गई थी.यह समाज मूलतः महाराष्ट्र में धार्मिक सुधार लाने केलिए बनाया गया था. उस समय भारतीय समाज में कई कुप्रथाओं को माना जाता था जिसमे विवाह, विधवा मुंडन, दहेज़,सागरपार यात्रा आदि  |

महादेव गोविंद रानाडे का विवाह  –

गोविंद बहुत बड़े समाज सुधारक थे और वह हमेशा से ही लोगों के दर्द को कम करने का काम करते थे। शादी होने के कुछ ही साल के बाद इनकी पहली पत्नी की मौत होने के बाद इनके मित्र सुधाकर ने इन्हें एक विधवा से शादी करने के लिए कहा ताकि इनका जीवन भी संवर जाए और उस विधवा को भी सहारा मिल जाए।

रानाडे ने बाद में रमाबाई रानाडे नाम की एक लड़की से शादी की और आगे चलकर के इन्होंने इसे पढ़ाया भी क्योंकि उनकी पत्नी ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं थी। जब गोविंद जी की मृत्यु हो गई तब इनकी पत्नी ने ही इनके काम को आगे बढ़ाया।

रचनाएँ  –

रानाडे प्रकांड विद्वान् थे। उन्होंने अनेक ग्रंथों की रचना की थी, जिनमें से प्रमुख हैं-

मृत्यु –

महादेव गोविन्द रानाडे की मृत्यु 16 जनवरी 1901 को हुई|

FAQ:

Ques- प्रार्थना समाज की स्थापना करने का श्रेय किसे दिया जाता है?

Ans- महादेव गोविंद रानाडे

Ques- महादेव गोविंद रानाडे की जाति क्या है?

Ans- यह हिंदू धर्म से संबंध रखते थे और चितपावन ब्राह्मण जाति से तालुकात रखते थे।

Ques- पहले मुंबई अधिवेशन में रानाडे ने कब भाग लिया था?

Ans- सन 1885

Ques- कम्पैनियन ऑफ़ आर्डर ऑफ़ इंडियन एम्पायर से रानाडे को किसने नवाजा था?

Ans- ब्रिटिश गवर्नमेंट ने

Ques- रानाडे किस के विचारों से सहमत नहीं होते थे?

Ans- बाल गंगाधर तिलक

Ques- दक्कन सभा का संस्थापक कौन था?

Ans- महादेव गोविंद रानाडे

Ques- महादेव गोविंद रानाडे के गुरु कौन थे?

Ans- गोपाल कृष्ण गोखले

आशा करते है कि महादेव गोविंद रानाडे के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही रोचक लेख एवं देश विदेश की न्यूज़ पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।

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