MMT और OYO चला रहे थे अपना लाइसेंस राज, फिर CCI ने ‘खेल’ कर दिया

अब किसी की मनमानी नहीं चलेगी

CCI MMT

किसी भी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा यानी कॉम्पीटिशन आवश्यक रूप से होना ही चाहिए। एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकास का मार्ग बनाती है। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा उस क्षेत्र को बेहतर बनाने का ही कार्य करती हैं। बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के परिणाम बेहतरीन होते हैं।  इससे ग्राहकों का भी भला होता है। परंतु तब क्या जब किसी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को ही नष्ट कर दिया जाए? ऐसा ही कुछ काम  ऑनलाइन ट्रैवल सर्व‍िसेज मुहैया कराने वाली कंपनी मेक माई ट्रिप (Makemytrip), गोइबिबो (Goibibo) और होटल सर्व‍िस देने वाली ओयो (OYO) कर रही थीं। MMT-Go और ओयो मिलकर अपना ही अलग लाइसेंस राज चला रहे थे, परंतु CCI ने सबकुछ खराब कर दिया। 

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CCI ने लगाया जुर्माना

इन कंपनियों के द्वारा ग्राहकों को लुभाने के लिए होटलों के साथ कुछ गलत शर्तें रखी गयीं और इसके माध्यम से इन्होंने बाजार की प्रतिस्पर्धा को हानि पहुंचाने की कोशिश की। इस कारण ही अब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने इन कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए करोड़ों रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगाया हैं।

दरअसल, पूरा मामला कुछ ऐसा है कि हाल ही में Competition Commission of India (CCI) ने मेक माई ट्रिप, गोआईबीबो और ओयो पर 392 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इन कंपनियों पर आरोप लगा है कि इन्होंने पोजिशन का गलत प्रकार से प्रयोग करते हुए बाजार से प्रतिस्पर्धा को खत्म करने का काम किया, जिससे अन्य कंपनियों और सर्विस प्रोवाइडर को नुकसान हुआ। CCI के निर्णय के अनुसार MMT-Go (Make My Trip-Goibibo) और OYO पर इनके कारोबार का पांच प्रतिशत की दर से जुर्माना लगाया गया। MMT-Go पर 223.48 करोड़ रुपये और 168.88 करोड़ रुपये की पैनलिटी लगी है। इस संबंध में बुधवार को CCI ने 131-पृष्ठ का आदेश भी जारी किया है।

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MMT-Go पर लगाये गये यह आरोप

इस बीच यहां यह जान लें कि मेक माई ट्रिप ने वर्ष 2017 में आईबीबो ग्रुप होल्डिंग का अधिग्रहण किया था। MMT ने अपने होटल्स और ट्रैवल पैकेज बिजनेस को एमएमटी इंडिया के माध्यम से मेक माई ट्रिप ब्रांड के नाम से और Ibibo India के जरिए Goibibo ब्रांड के नाम से जारी रखा। MMT-Go पर आरोप यह लगाये गये हैं कि होटल भागीदारों के साथ कंपनी ने अपने समझौतों में मूल्य समानता लागू की। इस प्रकार के समझौतों के अनुसार पार्टनर होटलों को अपने कमरे स्वयं के पोर्टल या फिर अन्य किसी भी वेबसाइट पर उस कीमत से कम पर बेचने का अधिकार प्राप्त नहीं था, जिस पर वे मेक माई ट्रिप और गोआईबीबो को उपलब्ध करा रहे थे। यानी समझौतों के तहत आने वाले कोई भी होटल कम कीमत पर कमरे उपलब्ध नहीं करा सकते थे, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंच रहा था।

इन सबके अलावा MMT पर आरोप यह भी लगे हैं कि इसने अपने प्लेटफॉर्म पर ओयो को प्राथमिकता दी गयी थीं। इससे हो यह रहा था कि अन्य कंपनियों को बाजार में बराबर मौका नहीं मिल पा रहा था। रिपोर्ट्स के अनुसार MMT-Go ने वर्ष 2018 में OYO के प्रतियोगियों को अपने ऑनलाइन पोर्टल से हटा दिया था। इन सबसे बाजार की प्रतिस्पर्धा को काफी नुकसान पहुंचा।

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तीन सालों की चली जांच और फिर…

इस पूरे मामले को लेकर नियामक ने अक्टूबर 2019 में विस्तृत जांच का आदेश दिये थे। इसको लेकर तीन सालों तक जांच चली, जिसके बाद अब CCI ने इन कंपनियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की। बता दें कि CCI का कार्य यह सुनिश्चित करना है कि कारोबार में प्रतिस्पर्धा बनी रहे। कारोबार में कंपनियों के बीच इस तरह के समझौतों से जुड़े मामले, जिससे अन्य कंपनियों के कारोबार पर जानबूझकर असर डाला जाता है, उस पर इस CCI के द्वारा नजर रखी जाती है।

बाजार की प्रतिस्पर्धा का गला घोंटने के लिए ही CCI ने इन कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया है। दंड लगाने के साथ ही भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने MMT-Go को निर्देश दिये हैं कि वो तमाम होटलों के साथ अपने समझौतों को उचित रूप संशोधित करें। अपने 131 पेज के आदेश में आयोग द्वारा कहा गया कि मेक माई ट्रिप, गोआईबीबो अपने पार्टनर होटलों के साथ किए करार में शीघ्र बदलाव करें। इसके साथ ही प्राइस पैरिटी यानी मूल्य समानता जैसे नियमों को हटाया जाए और होटल के कमरों की उपलब्‍धता से जुड़ी इन अड़चनों को समाप्त करें। सीसीआई ने दोनों फर्मों से कहा गया है कि वे अपने पार्टनर होटलों को पारदर्शी और भेदभाव रहित माहौल उपलब्‍ध कराएं।

CCI के इस सख्त कार्रवाई के बाद अब MMT-Go को अपने नियम बदलने पर विवश होना पड़ेगा। देखा जाये तो इससे कई तरह से लाभ मिलेगा। बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। साथ ही साथ ग्राहकों को भी कम दाम में बेहतर विकल्प मिल सकते हैं और कुछ कंपनियों की मनमानी पर भी लगाम लग जायेगी।

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