पाकिस्तान की हालत कैसी है यह आप बेहतर जानते हैं. आतंकपरस्त यह राष्ट्र घुट-घुट कर मर रहा है. इसकी अर्थव्यवस्था रसातल में पहुंच चुकी है, कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है, आतंकियों की फंडिंग रूक नहीं रही, भ्रष्टाचार थम नहीं रहा और यह कपटी अभी भी ‘कश्मीर’ पर अटका हुआ है. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में रूस को लेकर मतदान हो रहा था और पाकिस्तान ने उसी बीच कश्मीर का मुद्दा उठा दिया, जिसके बाद भारत ने उसकी ऐसी बजाई है कि अब वह कुछ भी करने और बोलने से पहले कई बार सोचेगा. इसी बीच खबर है कि पाकिस्तान की सरकार चलाने वाली पाकिस्तानी सेना ने एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया है. पाकिस्तानी सेना, पाकिस्तान की सरकार कैसे चला रही है यह हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पूर्व इस मामले को समझते हैं. ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने वाली पाकिस्तानी सेना भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है और उसी ने इस घटिया कृत्य को अंजाम दिया है.
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पाकिस्तानी सेना ने किया घोटाला
दरअसल, हाल ही में सरकार की ऑडिट में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी सेना ने 2500 करोड़ रुपये का घोटाला किया है. इसमें पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अधिकारी भी शामिल हैं. उनकी मिलीभगत से सैन्य भूमि और छावनियों की जमीनें अपने लोगों को कौड़ियों के दाम में बेची गई. सैनिकों के इलाज के लिए बनाए गए सैन्य अस्पताल में गलत दवाओं की खरीद की गई, कमीशन के लिए अयोग्य वेंडरों को टेंडर जारी किए गए. खेल परिसर के निर्माण में अनियमितता बरती गई. बिजली उत्पादन के लिए गैस खरीद में घोटाला किया गया. पाकिस्तानी वायु सेना के अधिकारियों के आवास में बिजली आपूर्ति में भी हेराफेरी की गई.
ज्ञात हो कि पाकिस्तान के महालेखा परीक्षक (एजीपी) ने सशस्त्र बलों के वित्तीय मामलों में हुई इस अनियमितता का पता लगाया है. ऑडिट वर्ष 2021-22 की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने 21 अरब रुपये, पाकिस्तान वायु सेना को 1.6 अरब रुपये और पाकिस्तानी नौसेना ने 1.6 अरब रुपये की अनियमितता बरती है. रिपोर्ट ने इंटर-सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन में 6.6 करोड़ रुपये और सैन्य महालेखाकार के 203 मिलियन रुपये के गबन की ओर इशारा किया है. इसमें यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान की सैन्य भूमि और छावनियों में 2 अरब रुपये की अनियमितताएं हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तानी सेना के कैंटीन में गलत खरीद के कारण 18 अरब रुपये का घोटाला हुआ है. ऑडिट के अनुसार, अलग-अलग खरीद के दौरान खुली प्रतिस्पर्धा और टेंडरिंग प्रक्रिया में जमकर धांधली की गई. खरीद नियमों का पालन किए बिना टेंडर को अचानक रद्द कर देने के कारण 2 अरब रुपये का नुकसान हुआ. यह देखा गया कि सार्वजनिक खरीद नियमों का उल्लंघन कर सशस्त्र बलों के लिए वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त सैन्य अस्पताल (सीएमएच) पेशावर में नियम के खिलाफ टेंडर जारी करने और दवाओं की गलत खरीद के कारण 290 करोड़ रुपये की अनियमितता हुई है.
कर्ज के मकड़जाल में फंसा है पाकिस्तान लेकिन…
ऐसे में सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें हो रही है. लोग यह कह रहे हैं कि जिस पाकिस्तान की हालत एकदम ही बेकार हो चुकी है, उस पाकिस्तान की सेना अपने ही देश को बचाने के बजाए उसके खजाने को खाली कर रही है. पाकिस्तान बर्बाद हो चुका है, बिना कर्ज के यह 2 दिन भी नहीं चल सकता. कभी चीन, कभी सऊदी अरब तो कभी अपने पश्चिमी आकाओं से यह देश कर्ज लेता रहता है. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, मार्च 2022 तक पाकिस्तान का कुल कर्ज 4300000 (43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये) हो चुका था. मौजूदा समय में इस कर्ज में और वृद्धि ही देखने को मिल रही है. इतनी घटिया स्थिति होने के बावजूद पाकिस्तानी सेना अपने भ्रष्ट आकाओं के साथ मिलकर ऐसे घिनौने कृत्यों को अंजाम दे रही है.
आपको बताते चलें कि मौजूदा समय में पाकिस्तान की जो हालत है उसकी जिम्मेदार पाकिस्तान की सरकार के साथ-साथ पाकिस्तानी सेना भी है. क्योंकि पाकिस्तान की सत्ता पर पाकिस्तानी सेना की ठीक वैसी ही पकड़ है, जैसे गांधी परिवार से होने के कारण कांग्रेस पर राहुल गांधी की. राहुल गांधी एक सांसद हैं लेकिन कांग्रेस पर उनकी पकड़ कैसी है, आप बेहतर जानते हैं और ठीक वैसी ही हालत पाकिस्तानी सेना की है. इसके साथ ही पाकिस्तान की सत्ता में आने वाली सरकारें हमेशा से पाकिस्तानी सेना के इशारे पर काम करती आई हैं. जिसने भी पाकिस्तानी सेना पर उंगली उठाने की कोशिश की, उसकी गद्दी पर संकट के बादल छा गए. ऐसे में सत्ताधारियों ने पाकिस्तानी सेना की कठपुतली की तरह काम किया और स्थिति बद से बदतर होती चली गई. अब स्थिति ऐसी है कि यह राष्ट्र कब दिवालिया घोषित हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पाकिस्तान की जो मौजूदा हालत है उसके लिए पाकिस्तानी सरकार के साथ-साथ पाकिस्तानी सेना भी पूरी तरह से जिम्मेदार है.
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