राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा: कांग्रेस पार्टी एक समय में जितनी बड़ी पार्टी थी आज उसकी परिधि उतनी ही घट चुकी है। कांग्रेस मृत्युशय्या पर लेटी हुई है किंतु सत्ता के प्रति उसका मोह कम नहीं हो रहा है और ऊपर से राहुल गांधी जैसे लोग उसका गाला घोटने पर तुले हुए हैं। कर्तव्य अठन्नी के करने वाले राहुल गांधी ने एक बार फिर चवन्नी छाप वाली हरकतें की हैं और इसका श्रेय आप कांग्रेस के महान बुद्धिजीवियों को दे सकते हैं।
युवराज राहुल गांधी की छवि
जी हां एक बार फिर से कांग्रेस ने अपने दीनपनाह, गांधी खानदान के युवराज राहुल गांधी की छवि को चमकाने के लिए उन्हें भारत जोड़ो यात्रा पर जाने के लिए कहा। राहुल गांधी एक बार फिर से लॉन्च होने के उत्साह में जी जान से भारत जोड़ो यात्रा में जुट गए। वहीं कांग्रेसी कुछ ऐसे खुश हो गए मानो बस इस यात्रा के कारण ही राहुल गांधी की पीएम ताजपोशी अटकी हुई थी। इस यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को तो कांग्रेस का स्टार प्रचारक तक बता दिया गया। रीलॉन्च होने का रिकॉर्ड बना चुके युवा नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर क्या निकले, कांग्रेसियों ने उन्हें दूसरा महात्मा गांधी मान लिया। अब इन अति उत्साही कांग्रेसियों को कौन बताए की गांधी उपनाम लगा लेने से कोई महात्मा गांधी नहीं हो जाता है।
आप इस बात से तो भलीभांति परिचित ही होंगे कि राहुल गांधी डूबती हुई कांग्रेस की नैया पार लगाने एवं आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में स्वयं को प्रधानमंत्री बनाने का सपना लिए भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। इस पर कांग्रेसी फूले नहीं समा रहे हैं, किंतु कहते हैं न कि राहुल गांधी से राजनैतिक रूप से परिपक्व होने की उम्मीद करना कुछ इसी प्रकार है जैसे भैसों से उम्मीद करना कि वे बताएंगी चारा कहां गया। मूलतः राहुल गांधी मनोरंजन का पूरा अवसर देते हैं, इसी क्रम में उन्होंने अपनी इस भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जो हरकत की उसे देखकर आप भी ठहाके मारकर हसेंगे।
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हुंकार का बारिश ने पोपट कर दिया
अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक के मैसूर ज़िले में हुंकार भरी। किंतु उनकी इस हुंकार का बारिश ने पोपट कर दिया। अब राहुल गांधी ठहरे राहुल गांधी उन्होंने न आव देखा न ताव और बारिश से भी लोहा लेते हुए उन्होंने अपना भाषण जारी रखा। ऐसे में कुछ ऐसे लोग जो देश के लिए सिरदर्द हैं और राहुल गांधी को झाड़ पर चढ़ाए रखने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं उन्होंने बारिश में भाषण जारी रखने के लिए राहुल गांधी की जमकर प्रशंसा की। राहुल राग गाने वालों में पत्रकार, नेता अभिनेता सब शामिल रहे, चिंता मत करिए नाम जानकर आप समझ जाएंगे कि वह किस मानसिकता के लोग हैं।
कथित पत्रकार के रूप में प्रसिद्ध द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, पुण्य प्रसून बाजपेयी ने इस कृत्य के लिए राहुल गांधी की जमकर प्रशंसा की। तो वहीं स्वरा भास्कर ने तो राहुल गांधी के तारीफ़ों के पुलिंदे बांध दिए, ट्विटर पर राहुल गांधी की बारिश में भाषण देने वाली फ़ोटो लगाते हुए स्वरा ने लिखा की “what a सदियों से रहा दुश्मन दौर ए ज़मां हमारा, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी” moment ॥ अब इन सब के उत्साह को देखकर यही प्रतीत होता है कि राहुल गांधी 2024 में प्रधानमंत्री बनने ही जा रहे हैं। विशेष रूप से स्वरा को गृहमंत्री का पद मिलना तय है। बाकी चेला चपाड़ को भी कोई न कोई मंत्रालय मिल ही जाएगा।
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मूर्खता की पराकाष्ठा
मूर्खता की पराकाष्ठा कर देने वाले कांग्रेसी एवं उनके समर्थकों को स्वयं का मज़ाक़ उड़वाने की इतनी जल्दी रहती है कि वो बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देते हैं। जिस प्रधानमंत्री मोदी की बराबरी करते हुए राहुल गांधी ने तेज बारिश में भाषण दिया उन्हें, अब उन्हें कौन बताए कि नरेंद्र मोदी बारिश में छाता का उपयोग करते हैं और यह तो विज्ञान भी कहता है कि अगर आप बारिश में भीगेंगे तो बीमार पड़ सकते हैं। अतः जितना हो सके आप स्वयं भीगने से बचें, किंतु अब राहुल ठहरे युवराज, राजशाही तो उन्हें विरासत में मिली है ऐसे में उनके स्वयं के ही नियम एवं तर्क होते हैं, तभी तो भारी बारिश के दौरान भी उन्होंने स्वयं को तो मुसीबत में डाला ही साथ ही अपने समर्थकों और आम लोगों को भी भारी बारिश में भीगाकर उनकी तबियत के साथ खिलवाड़ किया। ऊपर से इनके बुद्धिजीवी समर्थक एवं मार्गदर्शकों ने राहुल बाबा को सही सलाह देने की जगह उनके इस कृत्य की प्रशंसा की।
राहुल गांधी को चाहने वाले ये हाईप्रोफाइल लोग जो न तो जमीन से जुड़े हुए हैं और न ही इनका कोई जनाधार है। सब मिलकर उनके इस कृत्य को आधार बना रहे हैं और ऐसा माहौल बनाने पर तुले हैं कि राहुल के पीएम बनने की कृपा बस यहीं रुकी हुई थी।
अपनी हरकतों से समस्त देशवासियों को हंसाने वाले राहुल गांधी का एक और कृत्य है जिसे देखकर आप हंसी के मारे लोटपोट हो जाएंगे। राजसी खानदान से संबंध रखने वालों को लोकतंत्र में कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसका अंदाज़ा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि राहुल गांधी को आम आदमी जैसा दिखने के लिए गन्ना खाना पड़ा। अब टॉफी चॉकलेट खाने वाले राहुल गांधी के लिए गन्ने को चूसना उतना ही मुश्किल था जितना की एक गरीब आदमी का ताज होटल में एक जून का खाना खाना, किंतु फिर भी सत्ता की मलाई चाटने के लिए राहुल गांधी ने गन्ने को चूसकर खाने की नाकाम कोशिश की। उन्होंने गन्ने को इस तरह से पकड़ा जैसे वह बांसुरी बजाने जा रहे हों।
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सच में राहुल गांधी का यह स्ट्रगल देखकर अनन्या पाण्डेय की आंखो में भी आंसू आ गए होंगे। अरे राहुल जी आपको देखकर लगता है कि गन्ना खाना भी बहुत मुश्किल है। अरे राहुल जी यदि इस प्रकार से कोई गन्ना खाकर और टिप-टिप बरसा पानी में भाषण जैसी नौटंकी करके कोई प्रधानमंत्री बनने लगता तो अब तक बॉलीवुड की राखी सावंत और केआरके भारत के प्रधानमंत्री बन गए होते। खैर हम तो आपको मात्र यही सलाह देंगे कि अभी भी समय है फालतू की हरकतें करके स्वयं का मजाक न उड़वाएं और कुछ ऐसा कार्य करें जिससे देश के लोग आपको गम्भीरता से लें ताकि आपका राजनैतिक भविष्य थोड़ा तो उज्ज्वल हो सके।
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