अश्लील कंटेंट परोसने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर को खूब फटकारा

कोर्ट ने जो कुछ कहा, वो एकदम सही है

सुप्रीम कोर्ट एकता कपूर

इसमें कोई संदेह नहीं है कि ओटीटी ने मनोरंजन की परिभाषा को बदलकर रख दिया है। जहां पहले के समय में लोगों के पास मनोरंजन के लिए केवल फिल्में ही एकमात्र माध्यम हुआ करता था। आज ऐसा नहीं है। आज के समय में ऐसे ढेरों ओटीटी प्लेटफॉर्म्स है, जिस पर भर भर कर कंटेंट मौजूद है और लोग आराम से घर बैठे ही इसका आनंद भी उठा सकते हैं। बॉलीवुड के गर्त में जाने का एक सबसे बड़ा कारण भी ओटीटी रहा है। परंतु इस बात में भी कोई इनकार नहीं करेगा कि ओटीटी ने अश्लीलता को भी काफी हद तक बढ़ाकर रख दिया है।

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अश्लीलता की क्वीन हैं बन गयीं एकता कपूर

वैसे ऐसा नहीं है कि सारा दोष ओटीटी प्लेटफॉर्म्स का है। बॉलीवुड ने भी इसमें काफी योगदान दिया। पिछले कुछ वर्षों में आप देखेंगे तो आपको ऐसी कम ही फिल्में देखने मिलेंगी, जिसे आप अपने परिवार के साथ बिना झिझके बैठकर देख सकते हो। इंडस्ट्री में अश्लीलता फैलाने का जिम्मेदार यदि किसे को माना जाएगा, तो उसने एक नाम एकता कपूर का भी आएगा, जो एक समय तक सांस, बहू के घिसे-पिटे सीरियल बनाने के लिए कभी टेलीविजन की क्वीन मानी जाती थीं, परंतु देखा जाए तो अब वह अश्लीलता की क्वीन बन गयी हैं।

एकता कपूर लोगों के सामने बोल्ड कंटेंट परोसने के लिए लोकप्रिय हैं। इसके लिए तो उन्होंने अपना एक ओटीटी प्लेटफॉर्म तक बनाया है, जो अश्लीलता से भरा हैं। एकता के ‘ऑल्ट बालाजी’ पर आने वाले कंटेंट से आप सभी परिचित होंगे। इस पर आने वाली वेब सीरीज ऐसे दृश्यों से भरी होती है जिसे आप अपने परिवार के साथ तो कतई नहीं देख सकते।

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सुप्रीम कोर्ट ने दिखाया आईना

मनोरंजन के नाम पर आज एकता कपूर युवा जनता के सामने कुछ भी परोस रही हैं और इसके माध्यम से वह युवाओं के दिमाग को गंदा कर रही हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि देश के उच्च न्यायालय का कहना है। जी हां, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एकता कपूर को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि आप देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही है।

पूरा मामला एकता कपूर की एक वेब सीरीज XXX से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर वेब सीरीज में ‘आपत्तिजनक सामग्री’ को लेकर जमकर फटकार लगायी है। उन पर आरोप लगा है कि इस वेब सीरीज के माध्यम से एकता ने सैनिकों का कथित रूप से अपमान और उनके परिवारों की भावनाओं को आहत किया है। इस मामले को लेकर ही बेगूसराय में एक पूर्व सैनिक की शिकायत पर स्थानीय कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया गया था, जिसको चुनौती दी गयी थी।

पहले एकता कपूर की तरफ से पटना हाई कोर्ट का रूख किया गया था, परंतु जब वहां सुनवाई में देरी होने लगी तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले पर ही सुनवाई के दौरान ही बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा- “कुछ तो करना होगा। आप इस देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हैं। ओटीटी कंटेंट सभी के लिए उपलब्ध है।” एकता के वकील ने इस दौरान कहा कि सीरीज के कंटेंट ऑडियंस आधारित है और देश में किसी भी चीज को पसंद करने की आजादी है, जिस पर अदालत ने पूछा- “आप लोगों को किस तरह का विकल्प दे रहे हैं?”

सुप्रीम कोर्ट ने एकता कपूर की याचिका पर कोई आदेश पास करने की जगह इसे पेंडिंग रखा है। इस दौरान कोर्ट द्वारा उनके वकील को सलाह भी देते हुए कहा- “आप हर बार अदालत में आ जाते हैं, हम इसकी प्रशंसा नहीं कर सकते। इस तरह की याचिका दायर करने के लिए हम आप पर जुर्माना लगाएंगे। कृपया अपने क्लाइंट को बता दीजिए, सिर्फ इसलिए कि एक आप अच्छे वकील की सेवा ले सकते हैं, यह अदालत उनके लिए नहीं है, जिनके पास आवाज है। कोर्ट उन लोगों के लिए काम करती है जिनके पास आवाज नहीं है। अगर सारी सुविधाएं होने के बाद जो लोग न्याय नहीं पा सकते तो जरा सोचिए कि एक आम आदमी की जिंदगी कैसी होती होगी।” कोर्ट ने उन्हें कहा कि बेहतर होगा कि हाई कोर्ट में सुनवाई के स्टेटस पता करने के लिए वे किसी स्थानीय वकील की मदद लें।

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सैनिकों के अपमान से जुड़ा है मामला 

यहां जान लें कि यह मामला दो वर्ष पुराना है। साल 2020 में बेगूसराय के पूर्व सैनिक शंभू कुमार ने निचली अदालत में XXX (सीजन-2) में सैनिक की पत्नी से जुड़े दिखाये गये आपत्तिजनक दृश्य को लेकर शिकायत की थी। उनकी शिकायत पर एकता कपूर के खिलाफ वॉरंट जारी हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी काफी मायने रखती हैं। कोर्ट द्वारा एकता कपूर और उनके जैसे समाज को दूषित करने वाले और मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता परोसने वाले तमाम लोगों को आईना दिखाने का काम किया है। आज कम उम्र में बच्चों के हाथ में ही फोन आ जाता है। यदि मोबाइल फोन पर कुछ क्लिक के माध्यम से उन्हें इस तरह की चीजें परोसी जाएगी, तो न जानें इसका उन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में यह बेहद ही आवश्यक हो जाता है कि एकता कपूर जैसे लोगों पर लगाम कसी जाये और स्वतंत्रता के नाम पर यह सबकुछ दिखाने से रोका जाये।

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