स्वच्छता पर निबंध
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे की स्वच्छता पर निबंध के बारे में साथ ही इससे जुड़े कुछ तथ्यों के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
स्वच्छता का अर्थ –
स्वच्छता से तात्पर्य साफ-सफाई के साथ रहना है. साफ-सफाई के साथ रहने से जहां हमारा शरीर स्वस्थ रहता है वहीं हमारा तन और मन दोनों प्रसन्न रहते हैं. अतः स्वच्छता प्रत्येक मनुष्य के लिए अनिवार्य है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहा करते थे “स्वच्छता ही सेवा है” चाहे हमारा देश हो, चाहे हमारा जीवन स्वच्छता बहुत ही आवश्यक है. गंदगी हमारे आसपास के वातावरण के साथ ही हमारे जीवन को भी प्रभावित करती है. हमें खुद भी साफ रहना चाहिए तथा आसपास को भी साफ-सुथरा रखना चाहिए
स्वच्छता का अर्थ होता है हमारे शरीर, मन और हमारे चारों तरफ की चीजों को साफ करना। स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक ण होता है। यह विभिन्न प्रकार की बिमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक है।
यह जीवन की आधारशिला होती है। इसमें मानव की गरिमा, शालीनता और आस्तिकता के दर्शन होते हैं। स्वच्छता के द्वारा मनुष्य की सात्विक वृत्ति को बढ़ावा मिला है। रोजमर्रा के जीवन में हमें अपने बच्चों को साफ-सफाई के महत्व और इसके उद्देश्यों को भी समझाना चाहिए।
हमारे जीवन में स्वच्छता का महत्व –
- जीवन में स्वच्छता के साथ रहना मतलब स्वस्थ रहना है. स्वच्छता से रहने की आदत हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है. स्वच्छता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है
- स्वच्छ रहने की कुछ आदतें जैसे रोज नहाना, साफ-सुथरे कपड़े पहनना, रोज दांत साफ करना, नाखूनों को समय-समय पर काटते रहना आदि को दैनिक क्रियाओं में शामिल कर लेना चाहिए
- अस्वच्छता से हानियाँ -जब लोग ऐसे स्थानों पर रहते हैं जहाँ पर चारों तरफ कूड़ा-कचरा फैला होता है और नालियों में गंदा जल और सडती हुई वस्तुएं पड़ी रहती हैं जिसकी वजह से उस क्षेत्र में बहुत बदबू उत्पन्न हो जाती है, वहां से गुजरना भी बहुत मुश्किल हो जाता है ऐसे स्थानों पर लोग अनेक प्रकार की संक्रामक बिमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। वहां की गंदगी से जल, थल, वायु आदि पर बहुत ही विपरीत प्रभाव पड़ता है।
स्वच्छता के उपाय –
- दुनिया में हर चीज़ के उपाय है। हमें सिर्फ उन उपायों को दैनिक जीवन में लाने की जरूरत है। स्वच्छता के भी कई उपाय है। हम सभी उपायो को बारी-बारी जानते है।
- स्वच्छता के लिए हमें सबसे पहले साफ-सफाई को महत्व देना शुरू करना होगा।
- अपने घर के साथ-साथ आस-पास के क्षेत्रों की भी साफ-सफाई करनी होगी। जिससे कई रोगों के कीटाणु नष्ट हो जाएंगे। जब कीटाणु नहीं होंगे तो बीमारी उत्पन्न होने का कोई डर नहीं होगा।
- वेश-भूषा और खान-पान की चीज़ों से स्वच्छता का सीधा सबंध है। इसलिए हमें खाने-पीने की चीज़ों पर विशेष ध्यान देना होगा। अगर बाज़ार से हम खाने की कोई भी चीज़ लाये तो उसे साफ करके ही खाएं।
- घर में पीने के पानी को हमेशा ढक कर साफ बर्तन में रखें, ताकि गंदे कीटाणु हमारे पीने के पानी से दूर रहें।
- हमें अपने शरीर की स्वच्छता का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए हमें हररोज नहाना चाहिए, समय समय पर नाखून काटने चाहिए और शरीर की गंदगी को दूर करनी चाहिए। स्नान करने से शरीर के गुप्त अंगों पर छिपे कीटाणु नष्ट हो जाते है।
FAQ-
Ques- साफ सफाई क्यों जरूरी है?
Ans- एक मनुष्य के जीवन में जिस तरह अन्न, जल, वायु, घर और कपड़े आवश्यक है, उसी तरह स्वच्छता भी आवश्यक है। क्योकि अगर आप आपने आस-पास स्वच्छता नहीं रखेंगे तो मलेरिया, हैजा, पीलिया जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारियां जन्म लेगी। जिससे ना सिर्फ आपको बल्कि आपके आने बच्चों को भी खतरा है।
Ques- स्वच्छता का क्या महत्व है?
Ans- एक स्वच्छ व्यक्ति के चेहरे पर चमक होती है। उसको सभी लोग सम्मान की दृष्टि से देखते है। लेकिन जो व्यक्ति अस्वच्छ और गंदा रेहता है, उसके पास कोई भी नहीं बैठता। कोई भी इंसान ऐसे लोगो का आदर-सम्मान नहीं करता। इसलिए हमेशा स्वच्छ रहे और अपने आस-पास भी स्वच्छता रखने की पूरी कोशिश करे।
आशा करते है कि स्वच्छता पर निबंध के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही रोचक लेख एवं देश विदेश की न्यूज़ पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।