Drishyam 2 Trailer: “मैं अपनी बीवी का बर्थडे भूल सकता हूं, पर 2 और 3 अक्टूबर नहीं”, यह संवाद अपने आप में यह बताने के लिए पर्याप्त है कि यह फिल्म किस स्तर पर जा सकती है। न कोई शोर शराबा, न कोई नौटंकी और फिर भी लोग एक रीमेक के लिए भी उत्सुक है, जी हां, एक रीमेक के लिए। दरअसल, हाल ही में दृश्यम 2 का ट्रेलर (Drishyam 2 Trailer) लॉन्च हुआ, जिसे देखने के बाद यह प्रतीत होने लगा है कि यह बॉलीवुड के सोये हुए भाग्य को जगाने का काम करेगी। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे अजय देवगन की बहुप्रतीक्षित ‘दृश्यम 2’ एक रीमेक होते हुए भी दर्शकों को आकृष्ट कर रही है और यह बॉलीवुड की किस्मत बदल सकती है।
इन दिनों बॉलीवुड का हाल क्या है, यह किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में आवश्यकता है, एक दमदार फिल्म की, जो बॉलीवुड को इस दलदल से बाहर निकाल सके और ऐसे में Drishyam 2 वो चलचित्र सिद्ध हो सकती है। जीतू जोसेफ की मूल फिल्म के हिन्दी रूपांतरण के रूप में यह फिल्म काफी व्यवधानों के बाद अब सिनेमाघरों में आने को तैयार है। इसके निर्देशक प्रारंभ की भांति निशिकांत कामत ही होते परंतु वर्ष 2020 में उनका असामयिक निधन हो गया, जिसके कारण अब निर्माता अभिषेक पाठक अब इस फिल्म से निर्देशन में डेब्यू करेंगे। फिल्म के मूल कास्ट के अलावा अक्षय खन्ना भी एक प्रमुख भूमिका में दिखाई देंगे।
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Drishyam 2 Trailer: दृश्यम 2 मचाएगी गदर
अब आप भी सोच रहे होंगे कि जिस वर्ष में एक भी बड़े बजट की बॉलीवुड फिल्म तमीज़ से घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 60 करोड़ पार करने में हाँफ जाए, वहाँ एक रीमेक के लिए इतनी उत्सुकता क्यों और किसलिए? कारण है- दृश्यम 2 का अलग दृष्टिकोण, जो मूल फिल्म से उसे अलग बनाती है, ठीक पुराने दृश्यम के हिन्दी संस्करण की भांति। बहुत कम ऐसी फिल्में होती हैं, जिनके हिन्दी रीमेक न केवल प्रभावशाली होते हैं अपितु अपनी अलग छाप छोड़ जाते हैं और दृश्यम 2 एक ऐसी ही फिल्म हो सकती है। मूल फिल्म 2013 में प्रदर्शित जीतू जोसेफ के मलयाली संस्करण के ठीक 2 वर्ष बाद यह फिल्म हिन्दी में प्रदर्शित हुई, जिसे निशिकांत कामत ने निर्देशित किया। परंतु इसे अजय देवगन और निशिकांत कामत की जोड़ी ने जो रूप दिया, वो आज भी दृश्यम के हिन्दी संस्करण को अति लोकप्रिय बनाता है।
निस्संदेह मोहनलाल के प्रभुत्व और उनके कौशल को कोई नहीं पछाड़ सकता लेकिन जो उसे अपने अभिनय से टक्कर दे, वो भी इग्नोर करने योग्य नहीं। अब लोगों को ढोल पीट पीट कर बताना पड़ता है कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती है क्योंकि सोशल मीडिया की कृपा से लोगों को लगता है कि 2 अक्टूबर को या तो शास्त्री जयंती है या फिर उन्हें पता है कि 2 अक्टूबर को विजय सलगांवकर के परिवार ने क्या क्या किया था। यह है एक अच्छी और सच्ची फिल्म की शक्ति। सोचिए, जो फिल्म 2015 में बाहुबली के रिलीज के कुछ ही दिनों बाद रिलीज हुई हो और बिना ढिंढोरा पीटे और बिना ताम झाम के काफी लोकप्रियता बटोरते हुए 100 करोड़ से अधिक कमाई कर जाए, तो आप स्वयं इसके दम खम को समझ सकते हैं।
इसके अतिरिक्त इस फिल्म के संवाद भी अपने आप में इस फिल्म के बारे में ज्यादा कुछ रिवील नहीं करते परंतु दर्शकों के बीच उत्सुकता अवश्य बनाए रखते हैं। उदाहरण के लिए जब अक्षय खन्ना बोलते हैं कि “केस पढ़ने से पहले मैं इंसान को पढ़ता हूँ” या तब्बू बोलती हैं कि “एविडेंस है, वो बच गया क्योंकि मैंने एक चौथी फेल को अंडरएस्टिमेट करने की गलती कर दी”, ये सब आपको सिनेमाघरों की ओर आकर्षित करने हेतु पर्याप्त है।
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समय के साथ चलना जानते हैं अजय देवगन
दृश्यम की लोकप्रियता देखें तो आप इसके मल्टीपल रीमेक से पैमाना लगा सकते हैं। जिस फिल्म के मूल संस्करण से अधिक हिन्दी में लोकप्रियता हो, जिसका चाइनीज़ रीमेक तक बन जाए तो सोचिए उसका प्रभाव कैसा होगा। ऐसे में स्वयं अजय देवगन के लिए ये कार्य सरल नहीं रहा होगा विशेषकर तब जब निशिकांत कामत जैसे भरोसेमंद निर्देशक साथ नहीं हैं, जिन्होंने ‘फोर्स’ नामक दमदार और असरदार रीमेक दर्शकों को दिया था, जिसका मूल संस्करण वर्षों पूर्व तमिल में गौतम वासुदेव मेनन ने बनाया था।
परंतु सरल कार्य करना अजय देवगन की डिक्शनरी में कहां। उन्होंने सदैव दुष्कर प्रोजेक्ट्स उठाए हैं, भले ही वह उन्हें उचित लाभ दे या नहीं। कुछ लोग अजय देवगन को रीमेक के बल पर उठने वाला स्टार भी कहते हैं परंतु यदि उन्होंने रीमेक उठाए भी हैं तो कम से कम मूल किरदार के साथ कोई समझौता नहीं किया है। हां जी, ‘सिंघम रिटर्न्स’ सबको प्रिय नहीं लगी होगी पर ये मत कहिएगा कि मूल ‘सिंघम’ का रीमेक आपको प्रिय नहीं लगी क्योंकि अजय देवगन ने इसे अपना टच दिया। आपको पता है विक्रम वेधा का हिन्दी संस्करण घरेलू बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप क्यों सिद्ध हुआ? मूल फिल्म का बजट केवल 11 करोड़ था और उसने कुल 70 करोड़ की कमाई की थी, जबकि रीमेक का बजट ही 175 करोड़ था और कमाई – मत ही पूछ भैया!
इसके अतिरिक्त अजय देवगन इस चीज से भली-भांति परिचित हैं कि समय के साथ जो नहीं चलेगा, वो आगे नहीं टिक पायेगा। फिल्म उद्योग में वर्चस्व की लड़ाई में पहले ही बॉलीवुड पैन इंडिया उद्योग से पिछड़ता जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए अजय देवगन ने वर्ष 2015 से ही ‘दृश्यम’, ‘कैथी’ जैसी सुपरहिट फिल्मों की रीमेक बनानी प्रारंभ कर दी, जिसमें दृश्यम के रीमेक से उन्होंने यश और समृद्धि दोनों ही कमाई। इसके साथ-साथ वो एस एस राजामौली की बहुप्रतिष्ठित ‘RRR’ का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहें।
प्रयोग से पीछे नहीं हटते
यही नहीं, अजय देवगन प्रयोग करने से भी पीछे नहीं हटते। भले ही उनकी ‘रनवे 34’ असफल हुई हो परंतु दर्शकों की उत्सुकता से उत्साहित होते हुए अजय देवगन ने एक अन्य रीमेक की भी कमान संभाली है। अब आप भी सोच रहे होंगे रचनात्मकता को प्राथमिकता देने की बात करने वाले हम लोग रीमेक का नारा क्यों बुलंद कर रहे?
कहते हैं न, तरीका होता है, अगर सही से बनाओ तो हर फिल्म चलेगी, रीमेक भी। अगले वर्ष अजय देवगन ‘भोला’ निर्देशित करेंगे, जो लोकेश कनागराज की बहुचर्चित ‘कैथी’ का रीमेक है। ‘रनवे 34’ की मिश्रित प्रतिक्रिया के पश्चात अजय देवगन ने इस लंबित प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया। अभिनय के साथ-साथ निर्देशन का भी दायित्व संभालने पर यह जांचना कठिन हो जाता है कि आप कितने योग्य सिद्ध हुए हैं परंतु इस दिशा में अजय देवगन ने लोगों को निराश नहीं किया है।
‘रनवे 34’ इन्हीं के मजबूत कंधों पर टिकी हुई थी और कई वर्षों के बाद बॉलीवुड को एक दमदार थ्रिलर देखने को मिली थी। जिन लोगों ने अजय देवगन के निर्देशन की फिल्मों को देखा वो यह देखकर प्रसन्न होंगे कि अजय देवगन धीरे-धीरे एक निर्देशक के तौर पर भी निखर रहे हैं। कभी ‘यू मी और हम’ जैसी फिल्में बनाने वाले अजय देवगन ने ‘शिवाय’ के जरिए VFX के क्षेत्र में अपनी रुचि बढ़ाई और ‘रनवे 34’ के जरिए उन्होंने सिद्ध किया है कि यदि उन्हें सही अवसर प्राप्त हो तो वे एक उच्चतम मनोरंजक फिल्म बना सकते हैं। ऐसी फिल्म जिसमें कथा भी दमदार होगी, जिसकी कमी से बॉलीवुड सबसे अधिक जूझता है। परंतु इसके बाद भी ‘रनवे 34’ बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर पड़ी और KGF का रथ बॉक्स ऑफिस पर अनवरत चलता रहा। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अजय देवगन की दृश्यम 2 के लिए जहां बॉक्स ऑफिस पर अत्यंत उत्सुकता होगी, वहां कुछ विरोधी भी होंगे परंतु यदि यह फिल्म चलती है तो वह एक ही कारण से, जो स्वयं इस फिल्म के एक संवाद में है- “दुश्मन को हराने का मौका अक्सर दुश्मन देता है।”
Drishyam 2 का Trailer इतना शानदार है तो हम आशा करते है कि यह फिल्म दर्शकों को पसंद आएगी।
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