लॉर्ड माउंटबेटन के विरुद्ध बाल यौन शोषण का मामला पहली बार न्यायालय पहुंचा

ऐसा सत्य जो अब सबके सामने आ रहा है

Mountbatten

आप अपने जीवन में जो भी कर्म करते हैं उसका फल आपको अवश्य मिलता है, फिर चाहे वो फल मरने के बाद ही क्यों न मिले। इस बात को चरितार्थ करने वाला एक मामला हाल ही में सामने आया है। ब्रिटिश राज परिवार के विशेष रिश्तेदार और भारत के वायसराय रह चुके लॉर्ड माउंटबेटन के विरुद्ध एक यौन शोषण का मामला न्यायालय की चौखट तक पहुंच चुका है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब इस संदिग्ध व्यक्ति के ऊपर इस तरह का कोई आरोप लगाया गया हो। इससे पहले भी उन पर ऐसे आरोप लगाए जा चुके हैं लेकिन ये पहला मामला है जो न्यायालय में दायर किया गया है।

हम इस आर्टिक्ल के माध्यम से आपको लॉर्ड माउंटबेटन और फैमिली के कुछ विचित्र कारनामों के बारे में बताएंगे जिसे सुनकर आपको भी इस बात का आभास हो जाएगा कि लॉर्ड माउंटबेटन इस तरह का अपराध कर सकते हैं या नहीं?

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खबरें बहुत कुछ कहती हैं

संडे लाइफ में छपी एक खबर के अनुसार, अब लॉर्ड माउंटबेटन के खिलाफ यौन अपराधों के आरोप न्यायालय तक पहुंच गए हैं। लॉर्ड माउंटबेटन की बात करें तो वो किंग चार्ल्स III के चाचा थे। उन पर ये आरोप है कि माउंटबेटन ने उत्तरी आयरलैंड में कई छोटी उम्र के लड़कों के साथ यौन शोषण किया है। किनकोरा बॉयज होम के एक पूर्व निवासी रह चुके आर्थर स्मिथ ने लॉर्ड माउंटबेटन और अन्य लोगों के खिलाफ बेलफास्ट में कानूनी मामला दर्ज कर दिया है।

आर्थर स्मिथ ने इस बात का दावा किया है कि जब वे 11 साल की उम्र के थे तो लॉर्ड माउंटबेटन के द्वारा उनका यौन शोषण किया गया था। अगर न्यायालय में उनका दावा सच साबित हो जाता है तो वह लॉर्ड माउंटबेटन के द्वारा शोषित लड़कों की सूची में और भी नाम जोड़ सकते हैं। जिनमें से चार आयरलैंड से भी हैं। ध्यान देने वाली बात है कि किनकोरा बॉयज होम को विलियम मैक्ग्राथ, जोसेफ मेन्स और रेमंड सेम्पल चलाते थे। इन सभी को साल 1981 में बाल यौन शोषण का दोषी ठहराया गया था। किनकोरा बॉयज होम का संचालन करने वाले मैक्ग्राथ और मेन्स एक एंग्लो-आयरिश सेक्स रैकेट भी चलाते थे। जो बच्चों की देखभाल के केंद्र की आड़ में बच्चों को वीआईपी लोगों की यौन इच्छा को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते थे।

स्मिथ का इस पर कहना है कि उनके साथ साल 1977 में किनकोरा में लॉर्ड माउंटबेटन ने दो बार यौन शोषण किया था। जिस वजह से उन्होंने आगे आत्महत्या करने की भी कोशिश थी। इस दौरान वो बहुत बुरी तरह से घायल हो गए थे और उनको अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।

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समलैंगिक रिश्ते

अगस्त 2019 में ‘द डेली मिरर’ ने डीक्लासिफाइड फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) फाइलों का हवाला देते हुए कहा था कि ब्रिटिश इंडिया के पूर्व वायसराय यानी लॉर्ड युवा लड़कों के साथ समलैंगिक रिश्ते बनाने के लिए काफी ज्यादा आतुर रहते हैं, इन कथित फाइलों की जानकारी इतिहासकार एंड्रयू लोनी के द्वारा मिली थी, जिन्होंने अपनी पुस्तक ‘द माउंटबेटन्स: देयर लाइव्स एंड लव्स’ के लिए शोध सामग्री एकत्रित करने के लिए सूचना की स्वतंत्रता कानून का प्रयोग किया था।

‘द डेली मिरर’ ने लॉर्ड माउंटबेटन को यह कहते हुए कोट किया था, “(हमने) अपना सारा विवाहित जीवन दूसरे के बिस्तर पर बिताया।” लोनी की किताब के मुताबिक, लॉर्ड माउंटबेटन का पसंदीदा स्थान एक ऐसा वेश्यालय था,  जहां समलैंगिक संबंध बनाने का कार्य होता है। यहां नौसेना के अधिकारियों का भी आना जाना रहता है। लॉर्ड माउंटबेटन, की 1979 में प्रोविजनल आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (IRA) के द्वारा हत्या कर दी गयी थी।

साल 1944 में एक साक्षात्कार में एक अमेरिकी लेखक एलिजाबेथ डे ला पोएर बेरेसफोर्ड ने कहा था, “लॉर्ड लुइस माउंटबेटन और उनकी पत्नी को बहुत ही निम्न मानसिकता वाला व्यक्ति माना जाता है।” FBI ने उन्हें यह कहते हुए कोट किया, “लॉर्ड लुइस माउंटबेटन को युवा लड़कों के साथ समलैंगिक रिश्ते बनाने के लिए जाना जाता था। जिस वजह से वो किसी भी प्रकार के सैन्य अभियानों को निर्देशित करने के लिए एक अयोग्य व्यक्ति थे।”

एक अन्य संघीय दस्तावेज के मुताबिक इस बात की जानकारी मिली थी कि मई 1968 में लॉर्ड लुई माउंटबेटन की समलैंगिकता को लेकर एक राजनयिक एंथनी न्यूटिंग और पूर्व ब्रिटिश पीएम एंथनी ईडन के साथ चर्चा हुई थी।

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लड़कों का यौन शोषण

साल 2017 में हिस्टोरिकल इंस्टीट्यूशनल एब्यूज इंक्वायरी के द्वारा हुई एक जांच से इस बात का पता चला था कि किनकोरा बॉयज होम में उसके मालिक विलियम मैकग्राथ के द्वारा 39 लड़कों का यौन शोषण का घिनौना अपराध किया गया था। यह जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश एंथनी हार्ट के द्वारा की गई थी। कथित रूप से, बॉयज होम के पूर्व कर्मचारी, मैकग्राथ, रेमंड सेम्पल और जोसेफ मेन्स को साल 1981 में कुल 11 लड़कों का यौन शोषण करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। इस होम को प्रोटेस्टंट परमिलिटरी ओर्गनीसशन के सदस्यों के द्वारा चलाया जाता था। हालांकि उस समय न्यायाधीश ने इन दावों को खारिज कर दिया था।

प्रसिद्ध ब्रिटिश इतिहासकार एंड्रयू लॉनी ने इस बात का खुलासा किया था कि स्वर्गीय लॉर्ड माउंटबेटन और उनकी पत्नी एडविना के कई लोगों के साथ अवैध संबंध भी थे। जिस कारण उनके वैवाहिक जीवन में कई सारी परेशानियां चल रही थी।

लेखक ने अपनी नई जीवनी द माउंटबेटन: द लिव्स एंड लव्स में लिखा कि किसी तरह से 79 साल की उम्र में भारत के अंतिम वायसराय की हत्या हुई थी। एडविना के प्यार के जाल में फंसकर लॉर्ड माउंटबेटन बर्बादी कि कगार पर पहुंच गए थे।

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लॉर्ड माउंटबेटन ने भी माना था

दिवंगत एडविना के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू तथा गायक लेस्ली ‘हच’ हचिन्सन के साथ-साथ 18 पुरुषों के साथ कथित रूप से संबंध थे। इस पुस्तक के अनुसार, लॉर्ड माउंटबेटन ने एक समय में ये बात मान ली थी कि एडविना और मैंने अपनी सारी शादीशुदा जिंदगी ‘दूसरे बिस्तरों में बिताई है।’ लुईस माउंटबेटन की पुत्री ने इस बात का खुलासा किया था कि जवाहरलाल नेहरू और एडविना माउंटबेटन ने एक-दूसरे से प्रेम करते थे उनके बीच एक भावनात्मक जुड़ाव है, लेकिन उनके बीच कोई जिस्मानी संबंध नहीं रहा क्योंकि वो कभी ही एक-दूसरे से अकेले नहीं मिले।

ब्रिटिश राज परिवार के लॉर्ड माउंटबेटन का जीवन बड़े विचित्र करमानों से भरा पड़ा है। अब उनकी मृत्यु हो जाने के बाद भी उनके द्वारा किए गए कारनामे उनका पीछा नहीं छोड़ रही है। अब देखते हैं न्यायालय में इसका क्या निर्णय आता है।

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