एक दिन अपहरण, दूसरे दिन फायरिंग और भारत को हिंसक कह रहा है गंवार अमेरिका

अमेरिका को सबक सिखाने का वक्त आ गया है!

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ज्ञान तब दो जब आप स्वयं उस पर पूरी तरह से कार्य करते हो। कुछ ऐसा ही स्वयं को वैश्विक महाशक्ति मानने वाले अमेरिका के साथ भी है। देखा जाए तो अमेरिका खुद अनेकों मुद्दों पर बेहद असभ्य देश साबित हुआ है। बढ़ती अराजकता के कारण आए दिन ही यहां लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अब दिलचस्प यह है कि जो अमेरिका खराब स्थिति में हैं, वह खुद को वैश्विक ठेकेदार मानते हुए भारत को कानून व्यवस्था के लिए ज्ञान देता रहता है। अमेरिका पर यही कहावत एकदम सही बैठती है कि जिसका खुद का घर शीशे का हो तो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारने चाहिए। परंतु अमेरिका को आखिर समझाए कौन?

अमेरिका नागरिकों की अपने देश में सुरक्षा नहीं दे पा रहा है लेकिन उन्हीं लोगों को यह एडवाइजरी दे रहा है कि वे पाकिस्तान न जाए। पाकिस्तान का समझ आता है कि वह आतंक की जद में जा चुका है लेकिन प्रश्न यह उठता है कि भारत के लिए अमेरिका ने अपने नागरिकों को ट्रैवल एडवाइजरी क्यों जारी करता है?

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अमेरिका ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी

दरअसल, अमेरिका ने शुक्रवार को अपने नागरिकों से ‘अपराध व आतंकवाद’ के मद्देनजर भारत की यात्रा करते समय अधिक सावधानी बरतने को कहा है। अमेरिका ने इस एक एडवाइजरी के नाम पर अपनी बड़ी बेइज्जती कराने की पटकथा लिखी है। अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर न जाएं। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी नए यात्रा परामर्श में भारत यात्रा परामर्श स्तर को घटाकर दो कर दिया है। यात्रा परामर्श पैमाने में एक से चार तक स्तर होते हैं। चार सबसे ऊंचा स्तर होता है। इसके माध्यम से अमेरिका ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी जान को भारत में जाने से खतरा हो सकता है।

अहम बात यह है कि विदेश विभाग ने एक दिन पहले ही एक अलग परामर्श जारी कर पाकिस्तान को तीसरे स्तर पर रखा था। इसके साथ ही अमेरिका ने अपने नागरिकों से आतंकवाद व सांप्रदायिक हिंसा के कारण इसके अशांत प्रांतों की यात्रा करने के बारे में पुनर्विचार करने के लिए कहा था। वहीं विदेश विभाग ने कहा है कि भारत में अपराध और आतंकवाद को देखते हुए अधिक सावधानी बरतें। कुछ ऐसा ही सुझाव पाकिस्तान जाने को लेकर भी दिया गया था।

अमेरिका द्वारा जारी ट्रैवल एडवाइजरी में कहा गया है कि आतंकवाद और नागरिक अशांति के कारण (पूर्वी लद्दाख क्षेत्र और इसकी राजधानी लेह को छोड़कर) केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की यात्रा न करें। अमेरिका द्वारा जारी यात्रा परामर्श के अनुसार बलात्कार को भारत में सबसे तेजी से बढ़ते अपराधों में से एक बताया गया है। पर्यटन स्थलों और अन्य स्थानों पर हिंसक अपराध, जैसे यौन हमले के मामले सामने आए हैं।

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अमेरिका के विदेश विभाग की एडवाइजरी में कहा गया कि आतंकवादी बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं। पर्यटन स्थलों, परिवहन केंद्रों, बाजारों/शॉपिंग मॉल और सरकारी केंद्रों को निशाना बना सकते हैं। ट्रैवल एडवाइजरी में आगे कहा गया कि अमेरिकी सरकार के पास पश्चिम बंगाल के माध्यम से पूर्वी महाराष्ट्र और उत्तरी तेलंगाना के ग्रामीण क्षेत्रों में अमेरिकी नागरिकों को आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने की सीमित क्षमता है क्योंकि अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों को इन क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए विशेष प्राधिकरण प्राप्त करना होगा।

पाकिस्तान के लिए तो अमेरिकी विदेश विभाग ने बिल्कुल सही कहा क्योंकि वहां बलूचिस्तान से लेकर खैबरपख्तूनख्वां में पाकिस्तान की सेना की विरुद्ध ही विद्रोह हो रहा है लेकिन यदि भारत के परिपेक्ष्य में बात की जाए तो पाकिस्तान से भारत की स्थिति लाख या कहें कि करोड़ों गुना बेहतर हैं। वहीं सच कहा जाए तो भारत के हालात आज की स्थिति में अमेरिका से भी बेहतर ही नजर आते हैं। यही कारण है कि वैश्विक कंपनियां भारत में निवेश करने को लेकर उत्साहित नजर आती हैं। अमेरिका की बात करें तो लॉस एजेलिस के लेकर सिएटल तक में आए दिन हिंसा की खबरें आ रही हैं।

आपको बता दें कि अमेरिका में न्यूयॉर्क से लेकर वॉशिंगटन तक में कानून व्यवस्था की हालत लचर से निचले स्तर पर पहुंचती जा रही है। यहां के गन कल्चर का ही परिणाम है कि आए दिन लोगों को सड़क पर खुलेआम गोली मार दी जाती है। अपराधी खुली सड़क पर बंदूक लहरा के निकल जाते हैं और पुलिस खाली रह जाती है।

अमेरिका में सिख परिवार की हत्या

इसके अलावा अमेरिका में नस्लीय से लेकर क्षेत्रीय आधार पर भी बड़े स्तर पर अपराध होते हैं। अभी हाल ही में अमेरिका के कैलिफोर्निया में अपहरण किए गए सिख परिवार के चारों सदस्य एक बगीचे में मृत मिले हैं। जिन लोगों को मारा गया था उनमें 8 माह की मासूम बच्ची तक शामिल थी।

परिवार के सदस्यों की पहचान आठ माह की आरुही धेरी, उसकी मां जसलीन कौर (27), पिता जसदीप सिंह (36) और जसदीप के भाई अमनदीप सिंह (39) के तौर पर हुई थी। अधिकारियों ने पहले कहा था कि परिवार का एक लुटेरे ने अपहरण किया और उसने अपहरण के एक दिन बाद खुद को मारने की कोशिश भी की थी। अपहरणकर्ता ने फिरौती की कोई मांग नहीं की, लेकिन माना जा रहा है कि अपहरण धन के लिए ही किया गया था। लो बताओ, खुद का घर संभला नहीं जा रहा, ज्ञान भारत को दे रहे हैं।

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आए दिन सामने आती रहती हैं ऐसी घटनाएं 

मैक्सिको के लोगों तक को वहां हीन भावना से देखा जाता है। अमेरिका का कहना है कि भारत के राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा का तांडव होता है लेकिन वह यह भूल जाता है कि इसी अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के दौरान शर्मनाक हरकत हुई थी। दुनिया का कथित सबसे पुराना लोकतंत्र अपनी कानून व्यवस्था का नंगा नाच देख चुका है।

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एक समय ऐसा था कि भारत के यूपी समेत कई राज्यों को कानून व्यवस्था के लिहाज से लचर माना जाता था। उन राज्यों की स्थिति तक आज अमेरिका के अपराधिक रिकॉर्ड से अच्छी नजर आती है।

अमेरिका में लोगों को हथियार रखने की आजादी है। इसका परिणाम यह है कि आए दिन यहां गैंगवार से लेकर अपहरण और लूट-खसोट के मामले सामने आते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि अमेरिका को पहले अपराध के मुद्दे पर आईना देखना चाहिए और जो देश स्वयं में अपराध का गढ़ हो उसे भारत को अपराध के मुद्दे पर ज्ञान तो तनिक भी नहीं देना चाहिए।

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