वास्कोडिगामा भारत कब आया एवं कौन था
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे वास्कोडिगामा भारत कब आया के बारे में साथ ही इससे कुछ तथ्यों के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
वास्कोडिगामा समुंद्र के रास्ते भारत पहुँचने वाला प्रथम व्यक्ति था। यूरोप से भारत आने का सीधा समुंद्री रास्ता खोजने का श्रेय वास्कोडिगामा को जाता है जिसने लगभग 9 महीने का कठिनाई भरा सफर तय कर भारत तथा यूरोप के समुंद्री मार्ग को खोज निकाला था।वास्कोडिगामा भारत 20 मई 1498 को पहुँचा था तथा सबसे पहले वह भारत के दक्षिण में स्थित केरल के कालीकट तट पर पहुँचा था। वास्कोडिगामा इस सफर के लिए लिस्बन से 9 जुलाई 1497 को चला तथा 9 महीने वह कालीकट तट को खोजने में कामयाब हुआ।
वास्कोडिगामा की इस खोज ने भारत को नई दुनिया से जोड़ दिया तथा इससे भारत व पुर्तगाल में सीधा व्यापार होना शुरू हो गया।
वास्कोडिगामा कौन था-
वास्कोडिगामा पुर्तगाल का रहने वाला निवासी था और इसी ने भारत का खोज किया था। यह भारत की खोज के लिए कई सालों पहले ही अपने पुर्तगाल से निकल चुका था रास्ता न मालूम होने के वजह से हर बार दूसरे महादेश और देशों में पहुंच जाता था लेकिन अंत में वह भारत का खोज कर ही दिया।
वास्कोडिगामा एक व्यापारी भी था जो व्यापार के सिलसिले में एक जगह से दूसरे जगह पर जाया करता था। वास्कोडिगामा समुंद्र के रास्ते भारत पहुँचने वाला प्रथम व्यक्ति था।
वास्कोडिगामा दूसरी बार भारत कब आया था-
वास्कोडिगामा 1498 में ही पुर्तगाल लौट गया था तथा लगभग 4 वर्ष 1502 में पून: भारत आया। इस बार उसके साथ 20 जहाजों का बेड़ा था तथा कालीकट पर हमला भी उसने अपने द्वितीय आगमन के समय ही किया था।
लूट का बनाया रास्ता –
- वास्को डी गामा ने यूरोप के लुटेरों, शासकों और व्यापारियों के लिए एक रास्ता बना दिया था। इसके बाद भारत पर कब्जा जमाने के लिए यूरोप के कई व्यापारी और राजाओं ने कोशिश की और समय-समय पर वे आए और उन्होंने भारत के केरल राज्य के लोगों का धर्म बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- पुर्तगालियों की वजह से ब्रिटिश लोग भी यहां आने लगे। अंतत: 1615 ई. में यह क्षेत्र ब्रिटिश अधिकार में आया। 1698 ई. में यहां फ्रांसीसी बस्तियां बसीं।
- 1503 में वास्को पुर्तगाल लौट गए और बीस साल वहां रहने के बाद वह भारत वापस चले गए। 24 मई 1524 को वास्को डी गामा की मृत्यु हो गई। लिस्बन में वास्को के नाम का एक स्मारक है, इसी जगह से उन्होंने भारत की यात्रा शुरू की थी।
वास्को डी गामा की मौत –
वास्को डी गामा अपनी तीसरी भारत यात्रा के दौरान मलेरिया की चपेट में आ गए थे, जिससे 24 दिसंबर 1524 को कोच्ची में 55-56 वर्ष की उम्र में उनकी मौत हो गई।
FAQ-
Ques- वास्कोडिगामा के पिता का क्या नाम था ?
Ans-वास्कोडिगामा के पिता का नाम एस्तेवाओ द गामा था।
Ques- भारत पहुंचने वाला पहला नाविक कौन था ?
Ans-भारत पहुंचने वाला पहला नाविक वास्कोडिगामा था
Ques- वास्कोडिगामा के जहाज का क्या नाम था ?
Ans-वास्कोडिगामा के जहाजों का नाम सैन गैब्रिएल, साओ राफाएल और बेरियो था।
Ques- वास्कोडिगामा का जन्म कहां हुआ था ?
Ans-वास्कोडिगामा का जन्म 1460 से 1469 के बीच में अलेजेंटो के साईनेस में हुई थी। वास्कोडिगामा पुर्तगाल देश का निवाशी था।
Ques- वास्कोडिगामा ने किसकी खोज की थी ?
Ans-वास्कोडिगामा ने 20 मई 1498 वे वर्ष को भारत की खोज की थी और इसने यूरोप से भारत तक के रास्ता का भी खोज किया था।
Ques- वास्कोडिगामा भारत में सबसे पहले कहां आया था ?
Ans-वास्कोडिगामा भारत में सबसे पहले केरल के कोझीकोड जिले के कालीकट (काप्पड़ गांव) नामक स्थान पर आया था।
Ques- वास्कोडिगामा कहां का था ?
Ans-वास्कोडिगामा पुर्तगाल का निवासी था और पेशे से व्यापारी और समुद्री यात्री था
Ques- वास्को दा गामा भारत कब आए थे?
Ans-हिंद महासागर में उनका बेड़ा 20 मई 1498 को कालीकट पहुंचा था।
Ques- वास्को दा गामा का जन्म कब हुआ था?
Ans-उनका जन्म पुर्तगाल के साइनेस के एक किले में उनका जन्म हुआ था।
Ques- वास्को दा गामा की मृत्यु कब और कहाँ हुई?
Ans- कोच्ची में 24 दिसंबर 1524 को हुई थी।
आशा करते है कि वास्कोडिगामा भारत कब आया के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।