विशेषण कितने प्रकार के होते हैं एवं उदाहरण

विशेषण कितने प्रकार के होते हैं

विशेषण कितने प्रकार के होते हैं एवं उदाहरण –

स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे विशेषण कितने प्रकार के होते हैं  के बारे में साथ ही इससे जुड़े  उदाहरण शब्द के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.

 विशेषण किसे कहते हैं –

वाक्य में उपस्थित वह शब्द जो वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ जुड़ कर उनकी विशेषताओ को बताते हैं. उन्हें विशेषण कहा जाता हैं. विशेषण विकारी शब्द होते हैं. अर्थात विशेषण शब्दों के रूप वाक्य में प्रयोग करने पर बदल जाते हैं.

विशेषण कितने प्रकार के होते हैं एवं उदाहरण –

  1. गुणवाचक विशेषण,
  2. परिमाणवाचक विशेषण
  3. संख्यावाचक विशेषण और
  4. सार्वनामिक विशेषण

गुणवाचक विशेषण –

जो विशेषण संघीय सर्वनाम के गुण, दोष, दशा, भाव, रंग, आकार, समय, स्थान आदि की विशेषता का बोध कराए, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं। जब हमें किसी संख्या या सर्वनाम के बारे में पता चलता है कि उसके। उसकी विशेषता के बारे में पता चलता है जैसे उसके रंग के आकार के गुण के उसके इन सबके बारे में पता चलता है तो ये गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं।

संख्यावाचक विशेषण –

वाक्य में उपस्थित वह शब्द जो वाक्य में उपस्थित संज्ञा या सर्वनाम की संख्याओ का बोध कराते हैं. उन शब्दों को संख्यावाचक विशेषण कहते हैं.

संख्यावाचक विशेषण के उदाहरण: चार, दो, एक, तीन इत्यादि.

परिणामवाचक विशेषण –

वाक्य में उपस्थित ऐसे शब्द जो वाक्य में किसी वस्तु की परिणाम या मात्रा को दर्शाते हैं. उन्हें परिणामवाचक विशेषण कहते हैं.

परिणामवाचक विशेषण के उदाहरण- आधा किलो, पूरा, आधा लीटर, 2 किलो, मीटर इत्यादि.

परिणामवाचक विशेषण के वाक्य –

 सार्वनामिक विशेषण –

जब कोई सर्वनाम शब्द संज्ञा शब्द के पहले आता हैं. और संज्ञा की विशेषता को बतलाता हैं. उस शब्द को सार्वनामिक विशेषण कहा जाता हैं.

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सार्वनामिक विशेषण के उदाहरण– यह, वह, उस, इस, हमारा, , मेरा इत्यादि.

आशा करते है कि visheshan kitne prakar ke hote hain के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही  लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।

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