पाकिस्तान के प्रति अमेरिका का अथाह प्रेम एस जयशंकर के शब्दों को सत्य सिद्ध करता है

अमेरिका और पाकिस्तान का प्रगाढ़ प्रेम बहुत कुछ कहता है

अमेरिका पाकिस्तान

भारत हमेशा से ही अपने उसूलों और अपनी रणनीति के हिसाब से चलने वाला देश रहा है। इसी कारण इतनी बड़ी कोरोना महामारी का उसने डटकर सामना किया और आज देश वासियों को इससे लगभग मुक्त कर दिया है साथ ही अपनी अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया है। वैसे तो भारत को स्वतंत्र हुए कई साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी कुछ ऐसे देश हैं जो चाहते हैं कि भारत उनका पिछलग्गू बना रहे, वे देश आज भी चाहते हैं कि वो जैसा सिखाएं भारत वही सीखे, वही सोचे।

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अमेरिका की टिप्पणी

जी हां हम बात कर रहे हैं अमेरिका की, जिस तरह अमेरिका भारत को लेकर टिप्पणियां कर रहा है उसे देखकर तो यही लगता है कि वो पाकिस्तान से अपनी दोस्ती मजबूत करके भारत को अपने इशारे पर नचाने का मंसूबा बना रहा है। लेकिन वह भूल गया है कि यह आज का भारत है और ऐसा कुछ भी होना असंभव है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर  ने अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों पर कई सवाल उठाए हैं।

जो बाइडेन के आने के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों के बीच होने वाला बदलाव साफ दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान में अमेरिका के डोनल्ड ब्लोम पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के दौरे पर हैं। जहां उन्होंने कुछ ऐसा कहा जिसे पाकिस्तान के प्रति उनका बेदाग प्रेम दिखाई दे रहा है। इस प्रेम को भारत बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। दरअसल, डोनाल्ड ब्लोम ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को ‘आजाद कश्मीर’ कहा है। 4 अक्टूबर के मुजफ्फराबाद दौरे पर गए अमेरिकी राजदूत के इस बयान के बाद भारत काफी सोच में पड़ गया है।

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आधिकारिक ट्वीट

अमेरिकी दूतावास के द्वारा किए गए आधिकारिक ट्वीट में कहा गया था कि ‘राजदूत ब्लोम ने पाकिस्तान-अमेरिका अलमनाई के सदस्यों का मुजफ्फराबाद की बैठक में बड़े अच्छे से स्वागत किया। यह विश्व का सबसे बड़ा अमेरिकी अलमनाई प्रोग्राम है। आजाद जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान-यूएस अलमनाई नेटवर्क के कुल 950 सदस्य हैं। हमें इन अलमनाई के इस जुनून पर काफी ज्यादा गर्व है। ये अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।’

यहां एक बात तो समझ आ गयी है कि अमेरिका पाक से अपने संबंध सुधारने की हर कोशिश में जुटा है। इमरान खान की सरकार में अमेरिका के साथ पाक के रिश्ते ज्यादा अच्छे नहीं थे। अब एक बार फिर अमेरिका चाहता है कि चीन पर अपना दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान के साथ अपने संबंध और बेहतर कर ले।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका और पाकिस्तान  के संबंधों पर कई सवाल उठाए हैं। वॉशिंगटन में आयोजित इंडियन-अमेरिकन कम्युनिटी के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि ये संबंध अमेरिका के हित में नहीं हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते किसी भी देश (न ही अमेरिका न ही पाकिस्तान) के काम नहीं आने वाले है।

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अमेरिका और पाकिस्तान का रिश्ता

एस जयशंकर के अनुसार, अमेरिका और पाकिस्तान के जो भी रिश्ते हैं, उनसे न ही पाकिस्तान को लाभ हुआ है और न ही अमेरिका को। अब अमेरिका को इस बारे में सोचना चाहिए कि उन्हें पाक के साथ संबंध बनाए रखने मे क्या फायदा हो रहा है। इन दोनों देशों के रिश्ते आने वाले समय में और मजबूत होते है या नहीं  इस पर विचार करना चाहिएय़

अमेरिका ने अपने तर्क में कहा था कि आतंकवाद का सामना करने के लिए एफ-16 (F-16) के रख-रखाव के लिए पैकेज को मंजूरी दी थी। जयशंकर ने अमेरिका के इस तर्क के संबंध के विषय को केन्द्रित करते हुए कहा है कि क्या कोई ये जानता है कि एफ-16 का कहां और किसके खिलाफ उपयोग किया जाता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में ये भी कहा कि ‘‘आप इस प्रकार की बातें बोलकर किसी को मूर्ख नहीं बना सकते है।”

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अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति ये बेदाग प्यार देखकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की ये बात भी साबित हो जाती है कि अमेरिका इस तरह से पाकिस्तान का समर्थक बनने के बाद भी भारत को मूर्ख समझ रहा है। अमेरिका के पाकिस्तान के साथ इस तरह के मधुर संबंध भारत के लिए चिंता का विषय है। लेकिन भारत कहीं न कहीं अमेरिका के नापाक इरादों को समझ चुका है।

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