जब से स्मार्टफोन लोगों के हाथों में आया है तब से टेलीविजन की लोकप्रियता में कमी देखने को मिली है, लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि टेलीविजन देखना लोगों ने बिल्कुल ही बंद कर दिया है। हमने देखा कि जब कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन लगा हुआ था उस समय दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाली रामायण को देश में खूब देखा गया और उस संकट की घड़ी में टीवी पर दूरदर्शन के द्वारा की गई इस पहल कि लोगों ने खूब सरहाना भी की थी। लेकिन टीवी पर चैनल के कॉन्टेंट को लेकर कई तरह के गंभीर आरोप लगते रहते हैं। इसी बीच सरकार अब एक नयी गाइडलाइन (New Guidelines for TV) के साथ सामने आई है।
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नयी गाइडलाइन्स
दरअसल, केंद्र सरकार ने नयी गाइडलाइन्स जारी की है। सरकार ने अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश 2022 को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन्स के अनुसार चैनलों को अब राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक हित से संबधित कार्यक्रमों का दिन में कम से कम 30 मिनट का प्रसारण करना अनिवार्य होगा। सरकार ने इस फैसले के लेने के पीछे ये तर्क दिया है कि एयरवेव सार्वजनिक संपत्ति है जिसके चलते इसका समाज की बेहतरी में उपयोग करने की आवश्यकता है। इस तरह के कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए चैनलों को समय दिया जाएगा।
अभी तक हम देखते आए हैं कि इस तरह के कार्यक्रम या तो हमे रेडियों पर सुनने को मिलते हैं या फिर अखबार के किसी पन्ने पर पढ़ने को मिल जाते हैं, या फिर दूरदर्शन पर देखने को मिल जाते हैं। लेकिन प्राइवेट चैनलों पर ये कार्यक्रम ना के बराबर देखने को मिलते हैं। सरकार की इस गाइडलाइन से ये होगा कि राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक हित से संबधित कार्यक्रम अब प्राइवेट चैनलों पर भी प्रसारित होंगे और टेलीविजन के माध्यम से देश के कोने-कोने के लोग राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक हितों (New Guidelines for TV) से जुड़ी बातों से अवगत होगें।
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एडवाइजरी जारी की जाएगी
वहीं इस पूरे मामले पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि प्रसारणकर्ताओं और अन्य लोगों के साथ बातचीत के बाद इस बारे में एडवाइजरी जारी की जाएगी। जिसमें 30 मिनट के प्रसारण के लिए टाइम स्लॉट, कॉन्टेंट को कब से दिखाया जाना है, इससे जुड़ी जानकारियां शामिल होगीं। साथ ही मंत्रालय की ओर से ये भी कहा गया है कि इसके लागू होने के बाद मंत्रालय लगातार चैनलों में संबंधित कॉन्टेंट पर नजर रखेगा और अगर कोई राष्ट्रहित या जनहित के कार्यक्रम को नहीं दिखाता है तो उससे इसे लेकर सफाई मांगी जाएगी।
आपको बता दें कि सरकार की तरफ से चैनलों को किन थीम से जुड़े कार्यक्रम दिखाने होगें वो थीम भी उपलब्ध कराई गईं है। जिसमें 8 थीम दी गई हैं। सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा, राष्ट्रीय एकता ,शिक्षा और साक्षरता ,कृषि और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिला कल्याण और कमजोर वर्गों का कल्याण आदि थीम शामिल हैं।
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लोगों तक पहुंच पाएंगी जानकारियां
सरकार के इस फैसले के बाद भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के टेलीविजन चैनलों को सिंगापुर के बजाय भारत से अपलिंक करने की अनुमति मिल सकती है। इससे यह भी होगा कि भारत के दक्षिण प्रदेशों में उत्तर भारत समेत भारत के अन्य जगहों की जानकारियां पहुंच पाएंगी। होता यह है कि प्राइवेट चैनल दर्शकों के सामने 24 घंटे अपना एजेंडा ही परोसते रहते हैं। ये चैनल आज अपने व्यापार के उत्थान के लिए किसी भी तरीके का कटेंट अपने दर्शकों को परोसने को तैयार हैं चाहे वो समाज में गलत संदेश ही क्यों न पहुंचा रहे हों।
लेकिन अब सरकार के इस कदम से (New Guidelines for TV) टेलीविजन पर प्रसारित किए जा रहे एंजेडा से बेहतर होगा कि राष्ट्रहित से जुड़ी सामग्रियों को परोसा जाए। दर्शकों में राष्ट्रहित की भावना जागृत तो होगी ही, लोग अपनी संस्कृति के बारे में ज्यादा से ज्यादा जान सकेंगे। इसके साथ ही देश की सार्वजनिक संपत्ति का उपयोग समाज की बेहतरी में होगा सो अलग।
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