NDTV के भविष्य को लेकर गौतम अडानी ने बड़ी बात कही है

अडानी के बयान से संकेत मिल रहे हैं कि वो NDTV को सुधार कर रख देंगे।

Gautam Adani’s big statement about the future of NDTV

Source- TFI

नई दिल्ली टेलीविजन लीमिटेड यानी NDTV वो चैनल है जो वामपंथियों का सबसे प्रिय रहा है। हर मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को कोसने में यह चैनल हमेशा ही सबसे आगे रहता है। देश विरोधी एजेंडा चलाने का काम भी NDTV कई बार कर चुका हैं। एक समय ऐसा था जब NDTV का बोल-बाला हुआ करता था लेकिन अपने कृत्यों के कारण ही आज इसकी स्थिति दयनीय हो चुकी है। पिछले कुछ वर्षों में NDTV ने वामपंथी एजेंडे की एक छवि विकसित की है।

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गौतम अडानी का बड़ा बयान

NDTV में एक बड़ा मोड़ उस समय आया था, जब भारतीय अरबपति गौतम अडानी ने चैनल में बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली। तब से ही चैनल के भविष्य को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहता है। प्रश्न उठते रहते हैं कि अडानी के द्वारा NDTV को खरीदने के बाद इस मीडिया संस्थान की रूपरेखा क्या होगी? क्या एनडीवी अपने काम करने के तौर तरीकों में कोई बदलाव करना पड़ेगा? NDTV के अडानीकरण से इस चैनल में आने वाले समय में क्या बदलाव हो सकते हैं, इसके संकेत अब गौतम अडानी ने अपने एक हालिया बयान के माध्यम से दे दिए हैं।

दरअसल, फाइनेंशिल टाइम्स को दिए अपने एक इंटरव्यू में अडानी ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा- “स्वतंत्रता का मतलब है कि अगर सरकार ने कुछ गलत किया है तो आप कहेंगे कि यह गलत है। लेकिन अगर सरकार कुछ अच्छा कर रही है तो आपके पास इसे अच्छा कहने का भी साहस होना चाहिए। आपको यह भी दिखाना चाहिए।” इसके साथ ही अडानी ने इस दौरान यह भी कहा कि NDTV को खरीदना व्यापार नहीं बल्कि उससे अधिक उनकी जिम्मेदारी है। गौतम अडानी के इस बयान को NDTV के भविष्य की रूपरेखा से जोड़कर देखा जा रहा है।

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प्रणय रॉय बने रहेंगे चेयरमैन?

अगस्त माह में जब भारतीय अरबपति गौतम अडानी ने NDTV समूह में हिस्सेदारी की घोषणा की थी तब मानो पूरा का पूरा NDTV ही सदमे में चला गया है, उनके पैरों तले से तो जमीन ही खिसक गयी है। NDTV ने अडानी के हाथों में जाने से बचने के लिए सारे हाथ-पैर मारने लगा। सबसे तगड़ा झटका तो प्रणय रॉय और राधिका रॉय को लगा। वो इस मामले को लेकर अदालत के दरवाजे तक पहुंचे परंतु वो बात अलग है कि उन्हें इससे हासिल कुछ हुआ नहीं।

अडानी द्वारा NDTV की हिस्सेदारी खरीदे जाने के बाद एक प्रश्न यह भी उठता रहता है कि क्या प्रणय रॉय कंपनी के चेयरमैन बने रहेंगे या नहीं? लोगों के इस प्रश्न का जवाब भी अडानी ने दे दिया है। अडानी ने कहा है कि प्रणय रॉय NDTV के चेयरमैन बने रहें, उन्हें इससे कोई समस्या नहीं है।

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अडानी ने खरीदी बड़ी हिस्सेदारी

जानकारी के लिए आपको बता दें कि अडानी ग्रुप परोक्ष रूप से NDTV में 29 फीसदी ह‍िस्‍सेदारी ले चुका हैं। केवल इतना ही नहीं इसके बाद अडानी समूह के द्वारा NDTV में 26 फीसदी और हिस्सेदारी खरीदने की खुली पेशकश की गयी है। यदि इसमें वो सफल रहते हैं तो NDTV में उनकी कुल हिस्सेदारी लगभग 56 प्रतिशत तक हो जाएगी। आपको बता दें कि प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय NDTV के संस्थापक हैं और दोनों ने मिलकर 1988 में इसकी स्थापना की थी।

पिछले आठ वर्षों से NDTV पर मोदी सरकार की बुराई और एजेंडों का खेल जमकर चल रहा है। आज के समय में तो चैनल की बुनियाद ही मोदी और भाजपा का विरोध है। NDTV वही चैनल है जिसने सरकार के विरोध में अपनी स्क्रीन तक काली कर ली थी। अडानी और प्रधानमंत्री मोदी की मित्रता को लेकर कई तरह के प्रश्न और आरोप NDTV कई बार लगा चुका है। परंतु समय का खेल तो देखिए अब उन्हीं अडानी के हाथों में NDTV जाता दिख रहा है, जिसके बाद माना जा रहा है कि इस मीडिया संस्थान में कई तरह के परिवर्तन आ सकते हैं।

माना जा रहा है कि NDTV पर अडानी का कब्जा होने से चैनल की छवि में सुधार जाएगी। उसे अपनी संपादकीय नीति में बदलाव करना पड़ सकता है। अडानी ने संकेत दे दिए हैं कि NDTV पर अधिग्रहण के बाद उनके प्रयास NDTV जो हर मामले को लेकर सरकार को कोसता रहता है, उसमें सुधार कर सकते हैं और सरकार के द्वारा किए जा रहे सरहानीय कार्यों का प्रसारण भी किया जा सकता है।

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