22 मार्च 2005, चेन्नई, एक चर्चित अभिनेता के असामयिक निधन ने सबको झकझोर कर रख दिया। कैसे नहीं होता, जो व्यक्ति कभी तमिल उद्योग की धड़कन था और जिन्होंने MGR एवं शिवाजी गणेशन जैसे धुरंधरों के समक्ष अपनी पहचान बनाकर रखा, उनका अपना प्रभुत्व होगा ही। परंतु एक व्यक्ति की अनुपस्थिति कुछ को खली और कुछ के लिए कौतूहल का विषय बनी। वो कोई और नहीं, उन्हीं की पुत्री भानुरेखा गणेशन थी, जिसे सारा जगत रेखा (Rekha) के नाम से बेहतर जानता है। आखिर ऐसा भी क्या हुआ कि एक पुत्री का अपने पिता से ऐसा मोहभंग हुआ कि वो उनके अंतिम संस्कार में भी नहीं गई? इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे रामासामी गणेशन अथवा जेमिनी गणेशन (Gemini Ganesan), जो कभी तमिल सिनेमा की जान हुआ करते थे लेकिन उन्होंने अपनी ही पत्नी का जीवन नारकीय बना दिया था, जिसके कारण रेखा को प्रारंभ में काफी कष्ट झेलने पड़े थे।
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जेमिनी गणेशन का जीवन
रामासामी गणेशन, जिन्हें सिनेमा जगत में जेमिनी गणेशन के नाम से बेहतर जाना जाता है। प्रारम्भिक समय में उनकी यात्रा भी एन टी रामा राव जैसी ही रही। उनका प्रारम्भिक जीवन काफी कष्टकारी और दुख से भरपूर था। उनके पिता और दादा का संबंध देवदासियों से था और ये वो समय था जब देवदासियों को हेय की दृष्टि से नहीं देखा जाता था और उन्हें समाज का महत्वपूर्ण भाग माना जाता था।
परंतु रामासामी के पिता और दादा के असामयिक निधन के बाद सब कुछ बदल गया। उनकी चाची मुथुलक्ष्मी रेड्डी, जो अपने समय की काफी पढ़ी लिखी महिला थीं, देवदासी प्रथा के विरुद्ध नारेबाजी करने लगी और उन्होंने सदैव अपने परिवारजनों, विशेषकर रामासामी के माता और दादी को अपमानित किया। इससे तंग आकर दोनों गांव चले गए परंतु रामासामी को अपने चाची की देखरेख में छोड़ गए और यहीं से सब कुछ सदैव के लिए बदल गया।
गुरु दत्त की भांति जेमिनी गणेशन (Gemini Ganesan) का स्वभाव भी काफी व्यभिचारी था। वो डॉक्टर बनना चाहते थे और प्रारंभ में त्रिचिनोपोली (अब तिरुचिरापल्ली) गए, जहां मात्र 19 वर्ष की आयु में उन्होंने अपना प्रथम ब्याह किया, ताकि स्नातक के पश्चात उनके लिए एक मेडिकल सीट सुनिश्चित सीट हो जाए क्योंकि ऐसा उसके ससुर टी आर अलामेलू ने कहा था। परंतु विवाह के एक माह बाद अलामेलू और उनकी बड़ी बेटी का असामयिक निधन हो गया और साथ ही जेमिनी के डॉक्टर बनने के स्वप्नों का भी। ऐसे में भाईसाब अपनी प्रथम पत्नी को त्यागकर चल पड़े दिल्ली। इन्होंने जेमिनी स्टूडियोज़ में बतौर प्रोडक्शन इग्ज़ेक्युटिव अपना करियर प्रारंभ किया। यहीं पर रामासामी गणेशन, जेमिनी गणेशन बने और यहां से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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जेमिनी गणेशन और सावित्री
परंतु जेमिनी की हरकतें वहीं पर नहीं रुकी। प्रारम्भिक कुछ फिल्मों के पश्चात उन्हें प्रथमत्या तमिल फिल्म “मनम पोला मंगलम” में नायक के रूप में लिया गया। इसी फिल्म में उनके साथ आई उनकी भावी पत्नी सावित्री और यह फिल्म “उनके जीवन में एक मील का पत्थर” बन गई। तब से उन्होंने तमिल सिनेमा में ऐसी फिल्मों के साथ खुद के लिए एक जगह बनाई, जो एक्शन से अधिक रोमांस को पसंद करती थीं और जेमिनी गणेशन तब तमिल फिल्मों में अपने लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुके थे।
हालांकि, रजनीकांत और कमल हासन की पसंद से काफी पहले, यह वह व्यक्ति थे जिन्होंने क्षेत्रवाद की सीमाओं से परे जाकर बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाई, यहां तक कि मिस मेरी जैसी उनकी फिल्में सफल रही, जो उनकी पत्नी की फिल्म मिसम्मा का ही रीमेक था और जिसमें किशोर कुमार और मीना कुमारी जैसे सुप्रसिद्ध कलाकार भी थे। इसके अतिरिक्त देवता, नज़राना जैसी फिल्मों से भी इन्होंने बॉलीवुड में नाम कमाया। लेकिन सावित्री के इनका रिश्ता काफी चर्चित रहा और सबसे विवादास्पद भी, जिसे 2018 में रिलीज़ हुई प्रसिद्ध तेलुगु क्लासिक महानती में काफी सटीक रूप से चित्रित किया गया है। वहीं, डुलकर सलमान ने उस फिल्म में उनके चरित्र को महिमामंडित नहीं किया, उसके लिए भी साहस चाहिए।
जैसा स्वयं जेमिनी गणेशन लिखते हैं, “किसी तरह, मैं उन महिलाओं को आकर्षित करने लगा जो संकट में थीं।” हालांकि, गणेशन “काधल मन्नान” यानी रोमांस के बादशाह की उपाधि से काफी नाराज थे क्योंकि यह स्पष्ट रूप से “उनके निजी जीवन में उन्हें नकारात्मक रूप से चित्रित करता था”। कौन जाने कि वह उनका वास्तविक चित्रण था?
पुष्पावल्ली से थी उनकी दो बेटियां
सावित्री के साथ उनके टॉक्सिक रिश्ते के अतिरिक्त, जेमिनी गणेशन (Gemini Ganesan) की अभिनेत्री पुष्पावल्ली से दो बेटियां भी थीं – बॉलीवुड अभिनेत्री रेखा (Rekha) और राधा। राधा ने कुछ तमिल फिल्मों में अभिनय किया लेकिन फिर शादी करके अमेरिका में प्रवास का विकल्प चुना। बेटी रेखा के साथ उनके शत्रुतापूर्ण संबंधों की भी आलोचना हुई थी। उन्होंने बचपन में रेखा के पितृत्व को स्वीकार नहीं किया। 1970 के दशक की शुरुआत में जब रेखा बॉलीवुड में करियर बनाने में जुटी थीं, तब उन्होंने इसका खुलासा किया। बाद में, अपने करियर के चरम पर, रेखा ने एक साक्षात्कारकर्ता को बताया कि उनके पिता की उपेक्षा उन्हें अभी भी परेशान करती है और उन्होंने सुलह के उनके प्रयासों की उपेक्षा की थी। वह वर्ष 2005 में अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुईं। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि प्रतिभावान होते हुए भी जेमिनी गणेशन में एक घातक दोष था – वह मानवता के ‘म’ को भी नहीं जानते थे।
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Sources – Mahanati Movie
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