“नेहरू ने हनीट्रैप में फंसकर देश का बंटवारा किया”, सावरकर को ‘गाली’ देने वाली कांग्रेस की तो लग गई

वीर सावरकर पर टिप्पणी कर रहे थे राहुल गांधी, जिसके बाद उनके पड़पोते रणजीत सावरकर ने ऐसा खुलासा किया कि पूरी कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया है.

भारत का विभाजन

Source- TFI

भारत का विभाजन: कांग्रेस पार्टी मृत्यु शैय्या पर लेटी है। कांग्रेस के चश्मोचिराग कांग्रेस पार्टी में उजाला करने की कोशिश में लगे हैं लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उजाला कम और अंधेरा अधिक कर रहे हैं। अपने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने वैसे कई लोगों से मुलाकात की है, जो या तो देशविरोधी हैं या फिर सनातन विरोधी। जैसे जैसे उनकी यात्रा बढ़ते जा रही है, राहुल गांधी का संतुलन भी बिगड़ते जा रहा है। ऐसा हम यूं ही नहीं कह रहे हैं, इसके पीछे पूरी कहानी है जो कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकती है। हाल ही में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र पहुंची, लेकिन महाराष्ट्र पहुंचते ही राहुल गांधी ने वीर सावरकर को लेकर अपनी कुंठा व्यक्त कर दी। जिसके बाद अब वीर सावरकर के पड़पोते रणजीत सावरकर ने जवाहर लाल नेहरू और एडविना के रिश्ते को लेकर ऐसे खुलासे किए हैं, जो राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ाने हेतु पर्याप्त है।

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‘हनीट्रैप में फंस कर किया था भारत का विभाजन’

इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत जोड़ो यात्रा के नाम पर राहुल गांधी का रिकॉर्ड प्लेयर कहां अटका हुआ है। परंतु इस बार वीर सावरकर के अपमान में इस कुंठित प्राणी ने कुछ ज्यादा ही अपनी सीमा लांघ दी और फिर क्या था, इन पर जमकर चौतरफा हमला हुआ। क्या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, क्या उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, सबने राहुल गांधी को जमकर लताड़ा और उनके कुत्सित विचारधारा के लिए उसकी आलोचना भी की।

परंतु बात यहीं तक सीमित नहीं रही। वीर सावरकर के पड़पोते रणजीत सावरकर ने ऐसा बम फोड़ा कि अब तो सम्पूर्ण कांग्रेस न घर की रहेगी न घाट की। रणजीत सावरकर ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हनी ट्रैप में फंसकर जल्दबाजी में भारत के विभाजन का फैसला किया था, जिससे 20 लाख से अधिक हिंदुओं और सिखों का कत्ल हुआ। मीडिया से वार्तालाप में रणजीत सावरकर ने कहा, “एक महिला के लिए पंडित नेहरू ने भारत का विभाजन किया था। नेहरू को हनीट्रैप में फंसाकर भारत का विभाजन किया गया। 12 वर्षों तक नेहरू भारत के बारे में गोपनीय जानकारियां ब्रिटिश सरकार को देते रहे। हम उन्हें चाचा नेहरू कह रहे थे, वे एडविना को लव लेटर लिख रहे थे।” 

नेहरू के कर्मकांड ही ऐसे थे

अब रणजीत सावरकर गलत भी नहीं बोल रहे क्योंकि नेहरू के कर्मकांड ही ऐसे थे। ये हम नहीं कह रहे स्वयं लॉर्ड माउंटबैटन तक स्वीकार चुके हैं। जेनेट मॉर्गन ने अपनी किताब ‘एडविना माउंटबेटन: अ लाइफ ऑफ़ हर ओन’ में लिखा है कि वो नेहरू को समझाने मशोबरा, एक हिल स्टेशन ले गईं। इस वाक्ये को एडविना ने अपनी चिट्ठी में स्वीकार किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि “तुम्हें (जवाहर) मशोबरा ले जाकर तुमसे बात करना मेरा शौक बन गया है…”

परंतु बात वहीं पर नहीं रुकी। एडविना तो एडविना, उनकी बिटिया तक को आकर्षित करने से नेहरू महोदय बाज़ नहीं आए। मशोबरा की अन्य यात्राओं में डिकी (लॉर्ड माउंटबेटन) और उनकी बेटी पामेला भी उनके साथ रही। लॉर्ड माउंटबेटन, नेहरू और एडविना की बढ़ती दोस्ती को बहुत करीब से देख रहे थे। वे ऐसा क्यों कर रहे थे यह समझना सरल भी है और कठिन भी।

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यही कार्य यानी नेहरू और एडविना का रिश्ता, माउंटबेटन की जिंदगी के सबसे बड़े काम यानी भारत का विभाजन को सरल बना रहा था। वो यह भी समझते थे कि नेहरू के लिए एडविना उन्हें छोड़ नहीं सकतीं। इसलिए कहीं न कहीं वो इसे बढ़ावा भी दे रहे थे। ब्रिटिश इतिहासकार फिलिप जिएग्लर ने माउंटबेटन की जीवनी में एक चिट्ठी का जिक्र किया है जो लॉर्ड माउंटबेटन ने अपनी बेटी पेट्रिशिया को लिखी थी। इसमें उन्होंने लिखा था कि “तुम किसी से इसका ज़िक्र न करना पर यह हक़ीक़त है कि एडविना और जवाहर एक साथ बड़े अच्छे दिखते हैं और दोनों एक-दूसरे पर अपना स्नेह भी व्यक्त करते हैं। मैं और पामेला (उनकी दूसरी बेटी) वह सब कुछ कर रहे हैं जो उनकी मदद कर सकता है। मम्मी इन दिनों काफ़ी खुश रहती हैं।”

ये तो रहा पूरा मामला लेकिन अब राहुल गांधी के इस बयान का असर चुनावी राज्यों में भी देखने को मिल सकता है। देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में लगी है। महाराष्ट्र में जाकर सावरकर को अपमानित करने का जो प्रयास राहुल गांधी ने किया है, वह आने वाले दिनों में कांग्रेस के लिए ‘महाराष्ट्र मुक्त कांग्रेस’ भी साबित हो सकता है। इसके अलावा अन्य राज्यों में भी कांग्रेस के वोटबैंक में सेंध लगने के पूरे आसार हैं। साथ ही रणजीत सावरकर ने नेहरू-एडविना के ऐसे मामले को ऊपर उठाया है, जिसे कांग्रेस पार्टी वर्षों से छिपाती आ रही है। ऐसे में आने वाले समय में स्थिति क्या होगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई है।

Sources – The Crown

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