किसी देश के साथ यदि संबंध अच्छे रखने हैं, तो उसके लिए यह बेहद ही आवश्यक है कि उस देश के शीर्ष पद पर बैठे व्यक्ति के साथ आपकी मित्रता हों। यानी दो दोस्त मिलकर दो देशों के बीच संबंधों पर अगर ऊंचाईयों पर लेकर जा सकते हैं। यह हमें यदि भारत और इजरायल के संबंधों से देखें तो जब नेतन्याहू वहां के प्रधानमंत्री थे, तो दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी मजबूत थे। अब इजरायल में एक बार फिर से नेतन्याहू वापसी करने जा रहे हैं। बेंजामिन नेतन्याहू फिर से इजरायल के प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने जा रहे हैं। ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने बहुमत से सत्ता में वापसी की है। 3 नवंबर को हुई फाइनल राउंड की काउंटिंग में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने 120 में से 64 सीटों पर जीत हासिल की।
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इजराइल में फिर से नेतन्याहू सरकार
दक्षिणपंथी समर्थकों द्वारा “किंग बीबी” और “मिस्टर सिक्योरिटी” के रूप में प्रिय और उनके आलोचकों द्वारा “क्राइम मिनिस्टर” के रूप में जाने जाने वाले बेंजामिन नेतन्याहू लंबे समय से इजरायल की राजनीति में प्रमुख व्यक्ति रहे हैं। 73 साल के नेतन्याहू 1996 से 1999 और 2009 से 2021 तक 15 साल इजराइल के प्रधानमंत्री रहे हैं। 15 नवंबर से वह फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के तैयार हैं। देखा जाये तो इजरायल में पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक अस्थिरता चली आ रही है। पिछले पांच सालों में वहां तीन बार चुनाव हो चुके हैं, परंतु इजरायल को अब तक स्थिर सरकार नहीं मिल पायी। हालांकि इस बार नेतन्याहू पूर्ण बहुमत के साथ इजरायल की सत्ता पर वापसी करने जा रहे हैं। नेतन्याहू की वापसी से भारत को कई प्रकार से बड़े लाभ होने जा रहे हैं, आइए इन लेख में इसके बारे में बात करते हैं…
मोदी-नेतन्याहू की दोस्ती
बेंजामिन नेतन्याहू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद ही अच्छे दोस्त हैं। दिवंगत जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ही एक ऐसे राजनेता हैं, जिनकी पीएम नरेंद्र मोदी के साथ दोस्ती की चर्चा पूरी दुनिया में होती है। दोनों के बीच गहरी दोस्ती के पीछे का एक कारण दोनों की एक समान विचारधारा भी हैं।
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यही कारण हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंजामिन नेतन्याहू की जीत में ख़ुशी व्यक्त करते हुए ट्वीट कर उन्हें शुभकामनाएं भी दी है। पीएम मोदी ने लिखा- “चुनावी जीत पर मेरे दोस्त नेतन्याहू को बधाई। हम मिलकर भारत-इजरायल स्ट्रैटिक पार्टनरशिप को आगे ले जाएंगे।“ वहीं नेतन्याहू ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बधाई वाले ट्वीट का जवाब दिया।
Mazel Tov my friend @netanyahu for your electoral success. I look forward to continuing our joint efforts to deepen the India-Israel strategic partnership.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 3, 2022
वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के दौरे पर गये थे। यह कोई सामान्य बात बिलकुल नहीं थी। क्योंकि पीएम मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जो इस्लामिक देशों की बिना फ़िक्र किए पहली बार इजराइल दौरे पर गए थे। इसके बाद 2018 में नेतन्याहू भी भारत के दौरे पर आये थे। वो दूसरे इजरायली पीएम थे जो भारत आये थे। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़ते हुए एयरपोर्ट पर नेतन्याहू का स्वागत करने तक पहुंचे थे।
नेतन्याहू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलकर भारत और इजरायल के संबंधों को नयी ऊंचाईयों पर पहुंचाने का काम किया। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध भी मजबूत हुए थे। वर्ष 1992 में जहां भारत-इजरायल के बीच 200 मिलियन डॉलर का व्यापार था तो वहीं साल 2021-2022 में यह बढ़कर 7.86 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।
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संबंध होंगे और मजबूत
भारत और इजरायल के बीच संबंध तो वैसे हमेशा से ही मजबूत रहे है, परंतु नेतन्याहू की वापसी से इन संबंधों को नई दिशा मिलने की उम्मीदें हैं। नेतन्याहू की वापसी के बाद अब भारत और इजरायल मिलकर आतंकवाद, टेक्नोलॉजी और ट्रेड पर एक साथ और अच्छे से काम कर पाएंगे। साथ ही इससे एक बड़ा लाभ यह भी होगा कि भारत-इजरायल मुक्त व्यापार समझौता (FTA) की दिशा में और तेजी से अपने कदम आगे बढ़ा सकते हैं। एफटीए को लेकर दोनों पक्षों के बीच एक दशक से अधिक समय से चर्चा चल रही है। ऐसी संभावना है कि नेतन्याहू के सत्ता में लौटने के बाद इस पर ध्यान दिया जा सकता है।
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