SBI का खत्म होना तय था फिर मोदी सरकार आ गई

भारतीय स्टेट बैंक ने इस बार बंपर लाभ कमाया है। रिलायंस को भी कंपनी ने पीछे छोड़ दिया है। यह करिश्मा रातों-रात नहीं हुआ है, बल्कि इसके पीछे एक पूरी कहानी है। इस लेख में पढ़िए SBI की कहानी।

SBI लाभ

source TFI

एक समय पर दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी दुर्दशा को मात देते हुए आज एक नया इतिहास रच दिया है। प्रश्न यह है कि इस बैंक ने ऐसा भी क्या कर दिया है? दरअसल, देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को भी लाभ के मामले में पीछे छोड़ दिया है और इस तरह सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाली कंपनी के रूप में SBI उभरा है। सामने आए ताजा आंकड़े बताते हैं कि कंपनी को बंपर लाभ हुआ है। यह सब तब हो पाया जब मोदी सरकार ने इस बड़े बैंक को बर्बाद होने से बचा लिया है। इस बारे में चलिए और विस्तार से जानते हैं।

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SBI को बंपर लाभ हुआ है

दरअसल, भारत के सबसे बड़े बैंक SBI को 2023 की सितंबर तिमाही में 14,752 करोड़ रुपये का बंपर लाभ हुआ है। रिलायंस इंडस्ट्रीज को 13,656 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है और इस तरह मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज को इसने पछाड़ दिया है। ज्ञात हो कि दशकों तक रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाली कंपनी रही है। SBI का लाभ एक साल पहले की तुलना में 74 फीसदी बढ़ गया है जोकि रिलायंस इंडस्ट्रीज की तुलना में बहुत अधिक है।

एक समय था जब SBI बर्बादी की ओर अग्रसर था, तब यह बैंक कब अपने अंत को प्राप्त हो जाता कहा नहीं जा सकता था और बैंक की ऐसी स्थिति के पीछे कई कारण थे। पहला कारण- SBI में भयंकर बाबू गिरी थी और बैंक टेक्नोलॉजी से नहीं जुड़ पा रहा था और इस कारण यह लगातार पिछड़ता ही जा रहा था। यह बैंक आधुनिकता से बहुत दूर था। दूसरा कारण- तब की सरकारें देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर ध्यान ही नहीं दे रही थी।

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SBI को डूबने से मोदी सरकार ने बचा लिया

लेकिन उसके बाद आई नरेंद्र मोदी की सरकार जिसने SBI को डूबने से बचा लिया। जिसका परिणाम आज यह है कि लाभ के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज को भी SBI ने पछाड़ दिया है। प्रश्न है कि मोदी सरकार ने ऐसा क्या किया कि बैंक को डूबने से बचाया लिया गया? मोदी सरकार में 28 अगस्त 2014 को देशभर में जन धन योजना की शुरुआत की गई जिसके तहत लोगों ने जमकर बैंकों में अपने खाते खुलवाए और ऐसा होने से सरकारी बैंक SBI को भी लाभ हुआ। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने जनधन खाताधारकों को बड़ी सुविधाएं दीं। जानकारी के मुताबिक जन धन योजना के तहत 9 नंवबर 2022 तक 473,870,498 खाते खोले जा चुके हैं जो SBI बैंक के लाभ का एक बड़ा कारण बना है। और तो और बैंक अपना डिजिटलीकरण भी कर पाया जिससे उसे बहुत लाभ हुआ।

अब लोन संबंधी जानकारी पर भी ध्यान देते हैं, तो पहले की सरकारों के समय में बड़े-बड़े उद्योगपतियों को आसानी से लोन दे दिया जाता था और बाद में वो उद्योगपति उस लोन को लौटाते ही नहीं थे, इस पर से स्वयं को बचाने के लिए विदेश भी भाग जाते थे। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद बैंकों के सिर से बोझ कम करने का प्रयास किया। सरकार ने एनपीए घटाया जिससे बैंकों को बहुत लाभ हुआ।

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SBI का सकल NPA घटा है

ABP की एक खबर के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में SBI का सकल NPA 4.98 प्रतिशत से घटकर 3.97 प्रतिशत रह गया। साथ ही बैंक का शुद्ध NPA भी 1.5 प्रतिशत से घटकर 1.02 प्रतिशत रहा। आपको बता दें कि जब कोई व्यक्ति जिसने बैंक से लोन लिया हो और वह EMI नहीं दे पा रहा है तब उसका लोन अकाउंट NPA कहलाता है। लेकिन मोदी सरकार ने NPA को खत्म करने के बहुत प्रयास किए जिसके अच्छे परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं।

डूबते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को मोदी सरकार ने अपने प्रयासों से किनारे पर पहुंचा दिया जिसका परिणाम यह है कि SBI आज लाभ के मामले में एक बहुत बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को भी पीछे छोड़ दिया है। सरकार के बैंकों की वित्तीय स्थिती को मजबूत करने के निरंतर प्रयास की वजह से ही बैंकों को जबदस्त लाभ हुआ है जिसका मजबूत परिणाम SBI के रूप में सबके सामने है।

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