आज हम एक ऐसे युग में अपना जीवन जी रहे हैं, जहां चारों ओर आधुनिकता की चकाचौंध है। बच्चे से लेकर बूढ़ा तक हर कोई इस आधुनिक युग का गुलाम बन बैठा हैं। इस युग की सबसे बड़ी या यूं कहें सबसे खतरनाक देन है इंटरनेट, जिसने सबकुछ हमारी उंगलियों पर लाकर रख दिया है। पहले जहां स्कूल-कॉलेज या फिर किसी बड़े समारोह में युवा-युवती मिलते थे, जहां उनके बीच दोस्ती होती थी। वहीं आज ये सबकुछ भी ऑनलाइन होने लगा है। इसके लिए मार्केट में तरह-तरह के डेटिंग ऐप्स (Dating Apps) मौजूद हैं, जैसे- टिंडर (Tinder), बंबल (Bumble), ट्यूली मेडली (Truly Madly) व मिंगल (Mingle) इत्यादि।
इसमें लॉगिन करने के बाद इनका उपयोग करने के लिए लड़के-लड़कियां एक दूसरे की प्रोफाइल को देखकर बड़ी ही आसानी से किसी से भी दोस्ती कर सकते हैं। डेटिंग ऐप्स को धोखा, जालसाज़ी आदि नामों की संज्ञा दी जाये तो गलत तो नहीं होगा न? बिल्कुल नहीं। क्योंकि इन डेटिंग ऐप्स के कारण आये दिन कई हैरान कर देने वाली घटनाएं सामने आती ही रहती हैं।
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Dating Apps पर मिले थे श्रद्धा-आफताब
इन दिनों श्रद्धा की हत्या (Shraddha Murder Case) का दिल दहला देने वाला मामला चारों ओर चर्चा में है। जहां आफताब नाम के एक क्रूर और नृशंस अपराधी ने अपनी प्रेमिका श्रद्धा की निर्मम हत्याकर उसकी लाश के 35 टुकड़े कर उसको ठिकाने लगा दिया। आप में से शायद कुछ लोगों को ये बात न पता हो कि इस प्रेमी युगल की मुलाक़ात एक Bumble नाम की डेटिंग ऐप के माध्यम से हुई थी। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब डेटिंग ऐप्स (Dating Apps) के जरिये मिले लोगों को लेकर इस तरह के सनसनीखेज मामले सामने आए हो। हमें डेटिंग ऐप्स को लेकर ये बात समझना बहुत आवश्यक है कि ये आधुनिकता का उपहार नहीं बल्कि कई बड़े अपराधों का बुलावा है। श्रद्धा और आफताब का मामला भारत में डेटिंग ऐप्स की भयानक सच्चाई को उजागर करता है।
डेटिंग ऐप्स का जाल
क्या डेटिंग ऐप्स पर मिले लोगों को एक-दूसरे के बारे में सभी जानकारी होती है? क्या लोगों को सामने वाले के मंशा का पता होती है? क्य डेटिंग ऐप्स पर आने वाले लोगों का वेरिफिकेशन किया जाता है? इन सभी सवालों के जवाब है नहीं।
एक राष्ट्रीय सर्वे के अनुसार कोरोना महामारी के बाद कई शहरों में डेटिंग ऐप का प्रचलन 70 फीसदी तेजी से बढ़ा है। देश में 3 करोड़ से भी अधिक भारतीय लोग डेटिंग ऐप्स का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें 67% यूजर्स पुरुष हैं और 33% यूजर्स महिलाएं हैं। एक डेटिंग ऐप के सर्वे में ये पता चला है कि जिनका जन्म साल 2000 के बाद हुआ है ऐसे हर 10 में से 9 युवा डेटिंग ऐप पर है यानी ज्यादातर टीनएजर्स और युवा जनरेशन इस प्रकार की ऐप से जुड़े रहे हैं। यहीं कारण है कि भारत में डेटिंग ऐप्स के सब्सक्रिप्शन से सालाना कमाई लगभग 515 करोड़ रुपये होती है। सब्सक्रिप्शन के मामले में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाज़ार बन गया है। साल 2017 में 25 से 34 वर्ष के बीच के 52% युवा डेटिंग ऐप पर मौजूद थे।
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ठगी के भी बढ़ रहे मामले
नोएडा में रहने वाले एक युवक ने आईटी इंजीनियर युवती से दोस्ती की और शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान आरोपी ने अलग-अलग षड्यंत्रों के जरिए उससे 30 लाख रुपए ठगे थे।
इन डेटिंग ऐप्स (Dating Apps) पर कई तरह से लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनको अपना शिकार बनाया जाता है। यहां एक और खास बात ये है कि इन डेटिंग ऐप्स पर मौजूद कई लड़के, लड़कियां के भेष में लोगों को चूना तक लगा देते हैं। यूपी साइबर क्राइम के एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह इस पर कहते हैं कि डेटिंग ऐप्स पर केवाईसी या वेरिफिकेशन जैसा कोई भी प्रक्रिया नहीं होती हैं। जिस कारण हर सप्ताह ठगी, ब्लैकमेलिंग, मर्डर, धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं। हाल ही में हमारे पास ऐसे कई केस आये हैं जहां महिलाओं ने डेटिंग ऐप पर दोस्ती के चलते करोड़ों रुपये तक गंवा दिए।
अभी कुछ महीने पहले ही डेटिंग ऐप को लेकर एक मामला सामने आया था जहां एक फाइव स्टार होटल में कथित तौर पर रेप जैसे घिनौने अपराध को अंजाम दिया गया। इस मामले ने पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 27 मई को सोशल मीडिया ऐप टिंडर पर उसकी मोहक गुप्ता नाम के व्यक्ति से दोस्ती हो गयी थी। तीन दिन बाद 30 मई को आरोपी ने उसे दिल्ली के द्वारका में स्थित फाइव स्टार होटल में मिलने बुलाया था। उस मुलाकात के दौरान उसने लड़की की ड्रिंक में कुछ मिला दिया था। पीड़िता ने बताया कि उसे पीने के बाद उसका सिर चकराने लग गया। इसके बाद उसने उस लड़की का रेप किया।
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साल 2018 में राजस्थान के जयपुर से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। जहां प्रिया सेठ नाम की एक युवती ने दुष्यंत शर्मा नाम के युवक को अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाकर उसकी हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं प्रिया सेठ ने पहले भी कई अमीर लोगों को फंसाकर ब्लैकमेलिंग का काम करती थी। पुलिस के अनुसार प्रिया सेठ पर 100 से भी अधिक लोगों को अपने जाल में फंसाकर लूटने का आरोप था।
साइबर एक्सपर्ट कर्निका सेठ इसको लेकर कहते हैं कि साइबर अपराधियों के लिए डेटिंग और मैरिज ऐप आजकल ठगी का एक बड़ा माध्यम बना चुकी है। तकनीक के धनी ये अपराधी इनसे जुड़ते ही अलग-अलग सॉफ्टवेयर, ऐप्स की सहायता से आपके फोन के डेटा को हैक कर सकते हैं। इतना ही नहीं ये आपकी पर्सनल डाटा यानी फोटो और जानकारी चुराकर आपको ब्लैकमेल भी कर सकते हैं।
ऐसे न जाने कितने सैकड़ों मामले मौजूद है, जहां मासूमों कि जिंदगी से खिलवाड़ हुआ और इसका माध्यम यह डेटिंग ऐप्स ही बने हैं। ऐसे ऐप में अपनी उम्र, व्यवसाय, जाति, स्थान और रिश्तों की सच्चाई के बारे में झूठ बोलना कोई बड़ी बात नहीं है। डेटिंग ऐप्स पर युवा लड़के-लड़कियां अपनी जिंदगी का फैसला बस एक Right Swap, Left Swap पर छोड़ रहे हैं। साथ ही इन डेटिंग ऐप्स पर सबकुछ रिस्क पर ही होता है। हाल ही में आया श्रद्धा हत्याकांड इन डेटिंग ऐप्स के सत्य को सामने लेकर आता है।
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