डोनाल्ड ट्रंप की ट्विटर पर वापसी से ABCDs समुदाय में ‘भूकंप’ आ गया है

इस्लामो-लेफ्टिस्ट कुनबा ट्विटर पर ट्रंप की वापसी को पचा नहीं पा रहा है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर घमासान मचा हुआ है.

Donald Trump on Twitter

Source- TFIPOST

Donald Trump twitter account reinstated: एलन मस्क के हाथ में जब से ट्विटर की बागडोर आयी है तब से इस प्लेटफॉर्म पर आए दिन बड़े-बड़े बदलाव हो रहे है. हाल ही में छंटनी का दौर भी हमें देखने को मिला, जिसमें हजारों भारतीयों के साथ-साथ कई हजार कर्मचारियों की छंटनी हो गई. उसके बाद ट्विटर ने कई देशों में अपने ऑफिस को भी कुछ समय के लिए बंद कर दिया. ऐसा कहा जा रहा है कि एलन मस्क ट्विटर में कुछ बड़ा बदलाव करने की योजना बना रहे हैं. इसी बीच ट्विटर पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हो गई है, जिन्हें ट्विटर ने अमेरिकी चुनाव से कुछ समय पहले ही बैन कर दिया था. हालांकि, ट्रंप की वापसी के साथ ही हलचल मचनी शुरू हो गई है. ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे ट्रंप की वापसी के साथ ही ABCDs यानी America Born Confused Desis समुदाय में भूकंप आ गया है.

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ट्रंप की वापसी से मचा घमासान

दरअसल, पिछले दिनों एलन मस्क ने ट्वीट कर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्विटर पर वापसी को लेकर यूजर्स से राय मांगी थी. जिसके बाद यूजर्स की ओर से कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थी और ज्यादातर यूजर्स ने ‘हां’ में इसका जवाब दिया था. उसके बाद मस्क ने एक लैटिन फ्रेज लिखा, जिसका अर्थ होता है “लोगों की आवाज भगवान की आवाज है.” मस्क के इस ट्वीट के बाद से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्वीटर अकाउंट एक बार फिर से चालू (Donald Trump twitter account reinstated) हो गया है. ट्विटर पर ट्रंप का तूफ़ान एक बार फिर से आ गया है. इसमें सबसे ख़ास बात तो यह है कि ट्रम्प की ट्विटर पर वापसी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के जन्मदिन पर हुई है. ये दोनों ही नेता राजनीतिक क्षेत्र में एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं. ट्रंप की वापसी के बाद से ही सोशल मीडिया पर घमासान मचा हुआ है.

ध्यान देने योग्य है कि भारतीय अमेरिकी हर मामले में एक समान बिल्कुल नहीं हैं. इन्हें दो श्रेणियों में देखा जा सकता है. एक समूह वसुधैव कुटुम्बकम का अनुसरण करता है, जो भारत और अमेरिका दोनों के प्रति सामान रूप से वफादार है. वहीं, अगर दूसरे समूह की बात करें तो इसमें ऐसे लोग शामिल हैं जो दोनों देशों के प्रति वफादारी का दावा तो करते हैं लेकिन वक्त आने पर अपना कोई और ही रूप दिखा देते है. ये वहीं लोग हैं जिन्हें हमने अमेरिकन बॉर्न कंफ्यूज्ड देसीs के रूप में परिभाषित किया है, जो स्वयं को मूल अमेरिकियों से अधिक ‘अमेरिकी’ मानते हैं.

कमला हैरिस को अगर ऐसे समूहों का नेता कहा जाएगा तो बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. उनके समर्थन के अंतर्गत रो खन्ना ने भारत के बारे में न जाने कितना झूठ फैलाया. उनकी भतीजी मीना हैरिस खुले तौर पर भारत को पसंद नहीं करती हैं. ये वही लोग हैं जो स्पष्ट रूप से भारत विरोधी तो हैं ही साथ ही इस्लामो-लेफ्टिस्ट और खालिस्तानियों का समर्थन करते हैं. बाइडन की पार्टी हमेशा से ही भारत के विरोध में दिखाई देती है. बाइडन के नेतृत्व में इस्लामो-लेफ्टिस्ट का उदय दक्षिण एशिया और अमेरिका में भारतीयों की स्थिरता के लिए एक खुला खतरा है. यही लोग एक बार फिर से ट्रंप की वापसी पर सवाल उठाते दिख रहे हैं.

ट्रंप के दौरान बेहतर थे भारत-अमेरिका के रिश्ते

वहीं, अगर डोनाल्ड ट्रंप की बात करें तो उनके कार्यकाल में भारत और अमेरिकी के रिश्ते नए आयाम पर पहुंचे. यहां तक कि वो हमेशा ही भारत के हितों में बात करते दिख जाते हैं. हाल ही में “ह्यूमनिटी यूनाइटेड अगेंस्ट टेरर चैरिटी इवेंट” में ट्रम्प ने हिंदू परंपराओं के प्रति सम्मान का संकेत देते हुए दीया जलाने की भी इच्छा व्यक्त जताई थी. राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उन्होंने हमेशा भारत की ओर अपना झुकाव व्यक्त किया है. इतना ही नहीं जब पीएम मोदी ने वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की बात उठाई तो ट्रंप ने उनका पूरा साथ दिया था. यानी कुल मिलाकर बात यही है कि ट्रंप के कार्यकाल के दौरान भारत-अमेरिका एक दूसरे के काफी करीब थे. ज्ञात हो कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का दंभ भरने वाले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर अकाउंट का बैन हो जाना कोई साधारण बात नहीं थी. ट्रंप को ट्विटर से बाहर करने में इन ABCDs समुदाय के लोगों का बहुत बड़ा हाथ था. लेकिन अब जब Donald Trump की Twitter पर वापसी हो गयी है तो ऐसे में ABCDs समुदाय के समक्ष चुनौतियां उत्पन्न होना तय है.

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