TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, भारी मतदान से विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, भारी मतदान से विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    गलवान के बाद भारत का पलटवार: चुशूल–चांगथांग में तिरंगे के साथ नई सैन्य क्रांति, चीन की नींद हराम

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कौन हैं प्राचीन भारत के 7 सबसे महान दानवीर?

हिन्दू धर्म दानवीरों से भरा पड़ा है। हमारे इतिहास में एक से बढ़कर एक दानवीर हुए हैं। कर्ण को सबसे बड़ा दानी और आदर्श दानवीर माना जाता है परंतु सच्चाई कुछ और ही है।

Yogesh Sharma द्वारा Yogesh Sharma
16 December 2022
in ज्ञान, संस्कृति
महान दानवीर

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व है। माना जाता है कि दान से यश की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में कई महान दानवीर हुए हैं जिनकी कथाएं हमें  पढ़ने और सुनने को मिलती रहती हैं। कहा जाता है कि किसी भी वस्तु का दान करने से मन को मोह से छुटकारा मिलता है।दान करके जीवन की कई समस्याओं से भी निजात पाया जा सकता है। सनातन धर्म में ऐसे कई महादानी हुए हैं। ऐसे ही कुछ महादानियों के बारे में इस लेख में क्रमानुसार हम विस्तार से प्रकाश डालेंगे।

और पढ़ें: क्या होता है यज्ञोपवीत संस्कार का महत्व, क्यों होता है प्रत्येक सनातनी के लिए अनिवार्य?

संबंधितपोस्ट

“6 बार रण में पछाड़ खाई थी” कर्ण सबसे महान योद्धा नहीं था, वास्तविकता बिल्कुल उलट है

ओणम का उत्तर भारत के साथ प्राचीन और पवित्र संबंध है, ये कोई भी आपको नहीं बताएगा

और लोड करें

दैत्यराज बलि  

दैत्यराज बलि महान दानवीर थे। इन्होंने कठिन तपस्या से यश और राज्य की प्राप्ति की थी। दैत्यराज बलि प्रह्लाद के पौत्र और विरोचन के पुत्र थे। राजा बलि का जन्म असुर कुल में हुआ था। दैत्यराज बलि को सबसे बड़ा दानवीर माना जाता है। कथा है कि 100 यज्ञ जिसे शतक्रतु कहते हैं, इनमें से 99 यज्ञ राजा बलि ने पूरा किया और 100वां यज्ञ करते ही वो देवराज का पद धारण करने के पात्र हो जाते। वहीं योजनाबद्ध रूप से बौने भगवान वामन वहां पहुंचे और राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगी। इस तरह प्रथम पग में पृथ्वी और दूसरे पग में पूरे स्वर्ग को उन्होंने नाप लिया। तीसरे पग के लिए जब कोई स्थान नहीं बचा तो राजा ने अपना शीश भगवान के आगे कर स्वयं को ही उन्हें दान कर दिया।

और पढ़ें: हिंदू धर्म की विशिष्टता का प्रमाण है अग्निहोत्र, यहां समझिए लोगों को इसे क्यों करना चाहिए ?

महाराज नृग

महाराज नृग महाराज इक्ष्वाकु के पुत्र थे। राजा नृग दान करने के लिए प्रसिद्ध थे। कहा जाता है कि महाराज नृग प्रतिदिन एक हजार गायों का दान करते थे। केवल इतना ही नहीं कहा तो ये भी जाता है कि दान से पहले ये सभी गायों के सींगो को स्वर्ण एवं खुरो को रजत से मढ़ देते थे और साथ में एक बछड़ा भी दान में दिया करते थे।

हालांकि एक बार महाराज नृग से भूल हो गईं। एक दिन हुआ कुछ ऐसा कि उन्होंने एक गाय को जिस ब्राह्मण को दान किया था, वो वहां से भागकर आ गई। फिर उन्होंने वही गाय गलती से किसी दूसरे ब्राह्मण को दान में दे दी। इसके बाद दोनों ब्राह्मणों में  विवाद हो गया। महाराज नृग के पास दोनों ब्राह्मण इस समस्या का समाधान निकालने के लिए आए तो वे दूसरे कार्यों में व्यस्त थे। इसके क्रोधित होकर ब्राह्मणों ने उन्हें श्राप दिया, जिसके उपरांत महाराज नृग ने कई युग तक गिरगिट बनकर अपना जीवन जिया। राजा नृग को ब्राह्मण द्वारा दिए गए इस श्राप से मुक्ति द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के हाथों से मिली। बताया ये भी जाता है कि भगवान श्रीराम ने भी लक्ष्मण से राजा नृग के दानवीरता की चर्चा की थी।

और पढ़ें: हनुमान जी का वह चरित्र जिसके बारे में कोई बात नहीं करता

राजा हरिश्चंद्र

अगर हम महान दानवीर राजाओं की बात कर रहे हों और राजा हरिश्चंद्र का नाम इसमें न आए, तो ये उनके साथ एक अन्याय के समान होगा। आज भी हरिश्चंद्र की दानवीरता की कहानियां सुनाई और पढ़ाई जाती हैं। भगवान श्रीराम के पूर्वज अयोध्या के राजा हरिश्चंद बहुत ही सत्यवादी राजा थे। राजा हरिश्चंद्र एक बहुत महान दानवीर थे। कहा जाता हैं कि एक बार राजा हरिश्चंद्र ने सपने में देखा कि उनके राजभवन में कोई ऋषिमुनि आए हैं और वे उनका सत्कार कर रहे हैं। राजा ने सपने में ही इस ऋषिमुनि को अपना पूरा राज्य दान में दे दिया है। फिर नींद से जागने के बाद राजा इस सपने को भूल गए। परंतु अगले ही दिन महर्षि विश्वामित्र राजा के दरबार में आ गए और उन्हें इस सपने का स्मरण कराया। इसके बाद राजा हरिश्चंद्र ने अपना राज्य ऋषिमुनि को दान में दे दिया।

दान देने के बाद दक्षिणा देने की धार्मिक परंपरा रही है, जिसके चलते राजा हरिश्चंद्र ने दक्षिणा में राजकोष ने मुद्रा देने की पेशकश की लेकिन इस पर ऋषिमुनि भड़क गए और उन्होंने कहा कि जब राज्य ही नहीं रहा तो राजकोष का क्या अर्थ? उन्होंने कहा दान किए राज्य के राजकोष से दक्षिणा देने का अधिकार नहीं है। जिसके बाद राज हरिश्चंद्र ने दक्षिणा का प्रबंध करने के लिए ऋषिमुनि से समय की मांग की। राजा हरिश्चंद्र ने दक्षिणा देने के लिए स्वयं को ही एक श्मशान घाट के मालिक को बेच दिया था। केवल इतना ही नहीं राजा हरिश्चंद्र की पत्नी रानी तारामति एक साहूकार के घर का घरेलू काम करने लगीं। इस प्रकार राजा हरिश्चंद्र ने ऋषिमुनि को दक्षिणा दी।

वहीं राजा के पुत्र हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व की सांप के काटने से मृत्यु हो जाती है। रानी बेहद दुखी मन से अपने पुत्र के शव को गोद में लेकर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंची, जहां राजा हरिश्चन्द्र ने तारामती से श्मशान का कर मांगा। जबकि वो उनके ही पुत्र और पत्नी थे। इसके बाद अचानक आकाश गर्जने लगा और वहां विश्वामित्र प्रकट हो गये। उन्होंने राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व को जीवित कर दिया और हरिश्चन्द्र को आशीर्वाद देते हुए कहा- तुम्हारी परीक्षा हो रही थी कि तुम किस सीमा तक सत्य एवं धर्म का पालन कर सकते हो। इसके बाद विश्वामित्र ने उन्हें उनका राज्य भी वापस लौटा दिया।

और पढ़ें: अष्टावक्र से लेकर आदि शंकराचार्य तक – सनातन संस्कृति में वाद-विवाद और शास्त्रार्थ का समृद्ध इतिहास है

राजा शिबि

शिबी उनीशर देश के राजा थे। राजा शिबि बेहद ही दयालु और परोपकारी थे। एक बार इंद्र और अग्नि ने उनकी की दानशीलता की परीक्षा लेने का विचार किया। इस दौरान अग्निदेव ने कबूतर का रूप धारण कर लिया था। एक बार की बात है जब राजा यज्ञ कर रहे थे। इस दौरान ही एक कबूतर उनकी गोद में आकर छिप गया। फिर वहां एक विशाल बाज ने राजा से आकर कहा कि राजन् मैंने तो सुना था आप बड़े ही धर्मनिष्ठ  हैं फिर आज धर्म विरुद्ध आचरण क्यों कर रहे हैं? यह कबूतर मेरा भोजन है और आप मुझसे मेरा भोजन छीन रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कबूतर, राजा से अपने प्राणों की रक्षा करने की गुहार लगाने लगा। इस तरह राजा धर्म संकट में पड़ गए।

राजा शिबि, बाज से कहते हैं कि अपने शरणागत इस कबूतर को तुम्हें नहीं सौंप सकता। मैं तुम्हारी भूख शांत करने के लिए कबूतर से भी अधिक मांस दूंगा। जिसके बाद बाज इंद्री रूपी बाज ने कहा कि आप कबूतर को नहीं छोड़ना चाहते तो इसके वजन के बराबर मांस काटकर दे दीजिए। राजा शिबि एक तराजू मंगाते हैं और इसके एक पडले में कबूतर को रखकर दूसरे में अपने शरीर का मांस काट काटकर रखने लगे। किंतु जब पडला नहीं झुका तो अंततः वे स्वयं तराजू ही पर बैठ गए, जिससे भार बराबर हो गया। तब शिबि ने बाज से कहा कि वो उन्हें खा लें। तभी कबूतर और बाज का रूप धारण करके राजा शिवि की परीक्षा ले रहे इंद्र और अग्नि अपने असली रूप में प्रकट होते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं।

और पढ़ें: सच्ची रामायण- 6: क्या सच में लक्ष्मण जी ने ली थी रावण से दीक्षा ?

राजा रघु

राजा रघु के पिता राजा दिलीप थे तथा ये प्रभु श्रीराम के वशंज थे। राजा रघु के नाम पर ही रघुवंश की रचना हुई थी। कहा जाता है कि एक बार राजा रघु ने एक बड़ा यज्ञ किया और यज्ञ खत्म होने के बाद उन्होंने ब्राहाणों तथा दीन-दुखियों को अपना सब धन दान कर दिया। इतने ही नहीं उन्होंने अपने आभूषण, सुन्दर वस्त्र और बर्तन तक दान में दे दिए थे। इसके बाद जब महर्षि विश्वामित्र ने राजा रघु से 14 करोड़ स्वर्ण मुद्राओं के दान की मांग की ते उन्होंने कुबेर के साथ युद्ध करके इसे प्राप्त किया और उन्हें महर्षि विश्वामित्र को दान में दे दिया।

महर्षि दधीचि

महर्षि दधीचि महान ऋषि अथर्वा के पुत्र थे। वे भगवान शिव के भक्त थे। उन्होंने अपने संपूर्ण जीवन भक्ति में समर्पित कर दिया। महर्षि दधीचि बेहद परोपकारी और दयालु थे। दूसरों की मदद करने के लिए तत्पर रहते थे। वो इतने महान दानवीर थे कि उन्होंने असुरों का संहार के लिए अपनी अस्थियां तक दान कर दी थी।

दरअसल, बेहद ताकतवर राक्षस वृत्रासुर का कई देवताओं ने सामना किया लेकिन उसे पराजित नहीं कर पाए। वृत्रासुर का शरीर बेहद मजबूत था। जिसके कारण जिन भी अस्त्रों के द्वारा उसपर हमला किया जाता था वो सभी उसके शरीर से टकराकर टूट जाते थे। जब वृत्रासुर का वध नहीं हो पा रहा था तो इंद्र बेहद निराश हो गए, जिसके बाद भगवान शिव ने इंद्र से कहा कि इसमें महर्षि दधीचि तुम्हारी सहायता कर सकते हैं क्योंकि उन्होंने तपस्या करके अपनी हड्डियों को बेहद ही मजबूत कर लिया है। उन्होंने कहा कि अगर दधीचि की हड्डियों से अस्त्र बनाकर उसे वृत्रासुर पर छोड़ा जाए तो वृत्रासुर का वध हो जाएगा। जिसके बाद इंद्र देव अन्य देवताओं के साथ धरती लोक आ गए और यहां दधीचि से उन्होंने उनकी हड्डियों का दान मांग लिया। महर्षि दधीचि को ज्ञात था कि उनकी मजबूत हड्डियां प्रयोग कर वृत्रासुर को मारा जा सकता है। जिसके बाद उन्होंने इंद्र देव की बात सुनते ही वृत्रासुर के वध के लिए अपने प्राणों का त्याग कर दिया। जब भी आत्मदान की बात आएगी तो महर्षि दधीचि का नाम अवश्य लिया जाएगा।

और पढ़ें: गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र में आजीवन संघर्ष रहा लेकिन अंततः कुछ इस तरह विश्वामित्र भारी पड़े

कर्ण

सनातन धर्म के दानवीरों की सूची में क्या कर्ण है? आज लोग इस भ्रम में जीते हैं कि कर्ण दानवीर था लेकिन सत्य यह है कि वह कोई दानवीर नहीं था। आपको कर्ण से जुड़ी ऐसी अनर्गल बातें सुनने या पढ़ने को मिल सकती हैं कि इंद्र देव ने छल से कर्ण के कवच और कुंडल को दान में मांग लिया और दानवीर कर्ण ने यह दान देना में एक क्षण भी नहीं लगाया। लेकिन इस घटनाक्रम का सत्य तो यह है कि कर्ण से कवच कुंडल लेकर इंद्र देव ने अपने पुत्र अर्जुन की सुरक्षा के बारे में सोचा जो कि हर पिता सोच सकता है अपने पुत्र के लिए। अब दूसरी बात पर ध्यान दीजिए इंद्रदेव ने कवच कुंडल कर्ण से लेने के बदले उसे अमोघ शूल दिया था जिसे वह एक बार उपयोग कर किसी का भी अंत कर सकता था। अब सोचिए कि क्या किसी दान के बदले में कोई वस्तु दानकर्ता को मिलती है? यह कैसा दान है कि एक वस्तु के बदले में दूसरी वस्तु ले लिया जाए। अब इसे दूसरे परिप्रेक्ष्य में भी देखिए- जब दो योद्धा रणभूमि में युद्ध कर रहे हों तो दोनों योद्धा बराबरी पर होने चाहिए, तो क्या कवच और कुंडल के साथ कर्ण को अतिरिक्त शक्ति प्रदान नहीं थी। इस तरह इंद्र के द्वारा उसका कवच और कुंडल ले लेना कहीं से भी अनुचित प्रतीत नहीं होता है। वैसे भी महर्षि वेद व्यास द्वारा रचित महाभारत में कहीं भी कर्ण के महान दानवीर होने की बात भी उल्लेखित नहीं है। बल्कि कुछ एंजेडाधारी लेखकों के द्वारा कर्ण का महिमामंडन किया गया और उसे दानवीर के रूप में प्रचारित किया गया।

 

https://www.youtube.com/watch?v=1PMs_ZD6Evo

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें। 

Tags: Greatest Danveers of ancient Indiaकर्णराजा बलिराजा शिबिराजा हरिश्चंद्रहिन्दू धर्म के महान दानवीर
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

1949: जब नेहरू ने सदैव के लिए भारत की सीमा सुरक्षा से समझौता कर लिया

अगली पोस्ट

पीयूष मिश्रा ने जिस फिल्म को ठुकराया, उसी फिल्म ने सलमान खान को स्टार बना दिया

संबंधित पोस्ट

वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव
इतिहास

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

7 November 2025

भारत के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जब एक गीत, एक पंक्ति, या एक विचार समूचे राष्ट्र की आत्मा बन जाता है। वंदे...

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम
इतिहास

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

5 November 2025

आज कार्तिक पूर्णिमा है। कार्तिक पूर्णिमा सनातन परंपराओं में अत्यंत पवित्र दिन माना जाता है। यह केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक...

नगीना मस्जिद हमला
इतिहास

जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

31 October 2025

बात वर्ष 1939 की है।अंग्रेजी शासन के ख़िलाफ़ पूरे देशभर में भावनाएं उफान पर थीं जनता न सिर्फ अपने लिए ज्यादा से ज्यादा अधिकारों की...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47

How Astra Mk-I Based VL-SRSAM will Power India’s Naval Air Defense Network?

00:05:52

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

00:06:48

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

00:04:44
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited