Barish Kaise Hoti Hai : and Form

Barish Kaise Hoti Hai

Barish Kaise Hoti Hai and Form

स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Barish Kaise Hoti Hai के बारे में साथ ही इससे जुड़े रूप के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.

 पृथ्वी पर होने वाली बारिश पानी के रूप में होती है जहाँ पृथ्वी की सतह से पानी भाप बनकर ऊपर उठता है और ठंडा होकर पानी की बूंदें के रूप में दोबारा धरती पर गिरता है और ये पूरा प्रोसेस लगातार चलता रहता है जब सूरज की किरणें हमारी धरती को गर्म करती है जिससे पानी के कण गर्म होकर एक दूसरे से दूर होने लगते हैं और पानी भाप में बदलने लगती है और ये भाप हल्की होने के कारण धीरे धीरे आसमान की तरफ जाने लगती है और हर 1000 फिट पर तापमान 5.5 डिग्री कम होने लगता है जिसके कारण भाप ऊपर पहुँचकर ठंडी होने लगती है और दोबारा तरल आकार में आ जाती है ऊपर जाकर पानी के लिए जो छोटे-छोटे कण होते हैं वे आपस में जब मिलते हैं तो हम उन्हें बादल कहते हैं.

ये छोटे-छोटे कण इतने हल्के होते हैं कि वो हवा में आसानी से उड़ने लगते हैं उन्हें जमीन पर गिराने के लिए लाखों बूंदों को मिलाकर क्रिस्टल बनाना होता है और बर्फ़ क्रिस्टल बनाने के लिए उन्हें किसी ठोस चीज़ की जरूरत होती है और एक क्रिस्टल का आधार बनने का काम करता है हमारी धरती के जंगलों की आग के धुएं से निकलने वाले पार्टिकल्स रेत के छोटे छोटे कण सूक्ष्म जीव और साथ ही साथ अंतरिक्ष से आने वाले माइक्रो मेट्रोइड्स इतने ज्यादा छोटे होते हैं कि उन्हें नग्न आखों से नही देखा जा सकता है.

बारिश क्यों होती है

जब कभी नमी वाली गर्म हवा किसी ठंडे और उच्च दबाव वाले वातावरण के संपर्क में आ जाती है तब बारिश होती है।गर्म हवा में ठंडी हवा से ज्यादा पानी इकट्ठा करती है और जब यह हवा अपने अंदर इकट्ठे पानी को ऊंचाई पर ले जाती है तो ठंडे जलवायु मैं मिल जाती है और अपने अंदर का जमा हुआ पानी के भारी हो जाने पर उसे नीचे गिराने लगती है। जिसे बारिश या वर्षा कहते हैं।

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वर्षा के रूप –

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