सार्वजनिक रेटिंग ने खोल दी BYJUs की पोल

BYJUs के कई ग्राहक कहते हैं कि कंपनी उन्हें धोखा देकर कारोबार कर रही है। सोशल मीडिया के साथ कंज्यूमर वेबसाइटों पर भी BYJUs के खिलाफ ढेर सारी ऐसी शिकायतें की गई है। लोगों का कहना हैं कि BYJUs की वजह से उन्होंने अपनी बचत खो दी या उनके साथ धोखा हुआ है।

BYJUs

Source- TFI

अक्सर अपने सुना होगा कि कुछ लोग सफल होने के लिए शॉटकट अपना लेते हैं। ये शॉटकट उनको कुछ समय के लिए लाभ तो देता है लेकिन बाद में यही उनके लिए परेशानी खड़ी कर देता है। ऐसा ही कुछ हुआ है BYJUs के साथ भी। BYJUs ने भले ही ऑनलाइन पढ़ाई की कल्पना को हकीकत बनाने का काम किया हो, लेकिन कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में उसने अपनी लुटिया ही डुबो ली। आज के समय में BYJUs की हालत बेहद ही खराब हो चली है। दिवालिया होने की कगार पर आकर खड़ी BYJUs ने कई बार अपने पतन पर पर्दा डालने का प्रयास किया है। हालांकि इन सबके बीच BYJUs की सार्वजनिक रेटिंग भी सामने आई है, जो एक बार फिर कंपनी की पोल खोलने का काम कर रही हैं।

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BYJUs के खिलाफ शिकायतें

BYJUs के कई ग्राहक कहते हैं कि कंपनी उन्हें धोखा देकर कारोबार कर रही है। सोशल मीडिया के साथ कंज्यूमर वेबसाइटों पर भी कंपनी के खिलाफ ढेर सारी ऐसी शिकायतों की जा रही है जहां लोग ये कहते नजर आ रहे हैं कि BYJUs की वजह से उन्होंने अपनी बचत खो दी या उनके साथ धोखा हुआ है।

हाल ही में समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने BYJUs के 22 ग्राहकों से एक ख़ास बातचीत की है, जिससे ये बात सामने आई कि कैसे BYJUs ने गरीब परिवारों को निशाना बनाया। इसमें अधिकतर कम आय वाले परिवार वाले शामिल रहे, जिनका कहना है कि सेल्स के लोगों ने बहुत आक्रामकता से उन्हें कोर्स को खरीदने के लिए मजबूर किया और उनसे पैसे बटोर कर ले गए। वहीं अधिकतर लोगों का ये भी कहना है कि कंपनी के सेल्समेन ने उनकी अपने बच्चों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा उपलब्ध कराने की इच्छा का लाभ उठाया और उन्हें कर्जदार ही बना दिया है।

इस बातचीत से BYJUs के एक और राज से पर्दा उठता हुआ नजर आ रहा है कि BYJUs ने सिर्फ और सिर्फ अपने फायदे के लिए अधिकतर कम आय वाले परिवार को अपना निशाना बनाया। उनको प्रलोभन देकर बस अपनी स्कीम बेचने पर ही अपना ध्यान केन्द्रित किया न कि किसी बच्चे के भविष्य को उज्जवल बनाने में। इस पर विशेषज्ञ भी कहते हैं कि जिन लोगों को BYJUs अपना शिकार बनाती है वो ज्यादातर गरीब परिवारों से होते हैं और उन्हें तकनीक की समझ भी कम होती है, जिससे वो समस्याओं के निवारण के रास्ते भी खोज नहीं पाते हैं।

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इतना ही नहीं BYJUs ग्राहकों के साथ-साथ अपने कंपनी के कर्मचारियों के साथ भी बड़ी ही बुरा व्यवहार कर रही है। कॉन्टेक्स्ट ने BYJUs के 26 कर्मचारियों से बातचीत की। इनमें से 18 अभी भी वहीं पर काम कर रहे है। इनके अनुसार, यहां बहुत ही कठिन हालात में वे लोग काम कर रहे हैं। उनसे काफी बुरा व्यवहार किया जाता है। साथ ही सेल्स टारगेट को पाने के लिए लोगों को किसी भी तरह कोर्स खरीदने के लिए जबरदस्ती मजबूर करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

BYJUs को लेकर कुछ माता-पिता का कहना है कि यहां से रिफंड लेना बहुत ही मुश्किल है। ConsumerComplaints.in वेबसाइट पर BYJUs के खिलाफ 3,759 शिकायतें मौजूद हैं जिनमें से 1,397 को हल किया जा चुका है। वहीं अन्य शिक्षा-तकनीकी कंपनियों जैसे सिंपलीलर्न, वेदांतु, अनएकेडमी और अब दिवालिया हो चुकी लीडो लर्निंग के खिलाफ शिकायतों की संख्या केवल 350 ही है। खुद को एक बेहतर और सबसे अच्छी शिक्षा-तकनीकी बताने के बाद भी BYJUs के खिलाफ इतनी ज्यादा शिकायतें क्यों? इसका मतलब साफ़ है कि यह एक धोखाधड़ी भरा बिजनेस मॉडल है जिसमें कमजोर लोगों को शिकार बनाकर केवल अपना लाभ देखा जाता है। लेकिन अब BYJUs की इन सभी घोटालों को जनता भी भलीभांति समझ चुकी है और वो खुलकर अपना विरोध भी प्रकट कर रही है।

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खत्म होने की कगार पर BYJUs

ये बात किसी से छिपी नहीं है कि BYJUs की हालत काफी खराब चल रही है। कोरोना के बाद से ही कंपनी लगातार घाटे में चल रही है। कुछ समय पहले आयी रिपोर्ट को देखें तो कंपनी का घाटा लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है। वैसे तो TFI के द्वारा आपको लगातार ही इस बात की जानकारी दी जा रही थी कि दो वर्षों पूर्व जो BYJUs लाभ की ओर अग्रसर थी वो धीरे-धीरे किस तरह से बर्बादी की खाई में जाने लगी है। वित्त वर्ष 2020-21 के आंकड़ों को देखें तो BYJUs का घाटा 17 गुना तक बढ़ गया था। कंपनी को 4500 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था, जो एक वर्ष पूर्व यानी वित्त वर्ष 2019-20 में 262 करोड़ रुपये का था। इसके साथ ही कंपनी के राजस्व में भी भारी कमी देखने को मिली थी। BYJUs का राजस्व 2020-21 में 14 फीसदी घटकर 2428 करोड़ रुपये पर चला गया था। जबकि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का राजस्व 2704 करोड़ रुपये का था।

BYJUs के हालात बुरे हो चुके है, परंतु कंपनी के संस्थापक इसे स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है। कुछ समय पूर्व जब TFI ने BYJUs को सच्चाई दिखाने की कोशिश की तो कंपनी के संस्थापक ने हमारी रिपोर्ट का मजाक बनाया और अपनी कंपनी की तुलना ‘ब्रह्मास्त्र’ फिल्म के कलेक्शन तक से कर दी थीं। वैसे देखा जाये तो उन्होंने सही भी किया, क्योंकि दोनों के हालात एक जैसे ही साबित हुए। वैसे कंपनी ने अपनी बची-खुची इज्जत और कंपनी को चलाने को लेकर अभी हाल ही में मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी को अपनी सोशल इम्पैक्ट आर्म-एजुकेशन फॉर ऑल का ब्रांड एंबेसडर बनाने का भी ऐलान किया था।

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कंपनी को ऐसा लगा था कि एक बड़े नाम को जोड़कर वह कंपनी की स्थिति में कुछ बदलाव ला सकती है। बर्बादी की कगार पर खड़ी BYJUs के लिए ये कदम अपने स्वयं के पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा ही दिखता है। कंपनी को अगर अपने अस्तित्व को बचाना है तो उसे ग्राहकों को लूटना बंद कर देना चाहे और कंपनी की स्थिति एकदम सही है सब सही चल रहा है इस बात की पिपड़ी बजानी बंद कर देनी चाहिए।

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