इन दिनों चीन में एक बार फिर कोरोना महामारी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। अभी सबको यह विश्वास हो ही रहा था कि कोरोना महामारी अब अंत की ओर है कि तभी ऐसी खबरें आने लगीं कि चीन में फिर से कोरोना ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए। स्थितियां कितनी खराब है इसे और अच्छे से समझने के लिए आवश्यक है कि वहां के आंकड़ों पर एक नजर डाल ली जाए।
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चीन की हालत खराब
वर्ल्ड मीटर रिपोर्ट के अनुसार, चीन में कोरोना के 3,86, 276 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा 5241 पर पहुंच गया है तो वहीं अस्पतालों में मरीजों की संख्या 85 से 95 प्रतिशत तक बढ़ी है। प्रत्येक दिन यहां 3 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले 90 दिनों में चीन में 20 लाख लोगों की मौत भी हो सकती है। साथ ही 80 प्रतिशत जनसंख्या कोरोना से संक्रमित हो सकती है। चीन में कोरोना को लेकर स्थिति इतनी ज्यादा गंभीर हो चुकी है कि अस्पतालों की जमीन पर मरीजों को लिटाकर इलाज किया गया। वहीं मरने वालों की संख्या में इतनी तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है कि मुर्दाघर भी भरे हुए हैं। जिस कारण शवों को रेफ्रिजेरेटर तक में रखा जा रहा है। ऐसी स्थिति को देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो शी जिनपिंग की कोविड नीति पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी है।
कोरोना के मामलों के बढ़ने के कारणों में से एक जीरो कोविड पॉलिसी में दी गई ढील को भी माना जा सकता है। चीन में वैसे तो कहने को जीरो कोविड पॉलिसी अभी भी लागू है लेकिन अभी कुछ दिनों पहले ही वहां कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए कड़े नियमों यानी जीरो पॉलिसी के विरुद्ध जमकर विरोध प्रदर्शन किए गए थे। यह विरोध प्रदर्शन बीजिंग और शंघाई के साथ-साथ 8 शहरों में किया गया था। जिसके बाद से सरकार ने इन कड़े नियमों में ढील देना प्रारंभ कर दिया था।
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जीरो कोविड पॉलिसी से परेशान चीनी
जीरो कोविड पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य हर कोरोना संक्रमित व्यक्ति को अलग-अलग रखना था। इसके चलते पूर्ण रूप से लॉकडाउन लग जाता है. इस लॉकडाउन के कारण लोग अपने-अपने घरों में कैद हो जाते हैं, सभी आर्थिक गतिविधियां रूक जाती हैं, जिससे लोगों को बहुत परेशानियां होती है। इस नीति के तहत भले ही चीन के कोविड मामलों की संख्या में कमी आई हो लेकिन लोगों को कई-कई महीनों तक अपने घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया गया था। कुछ लोगों के पास तो उपयुक्त भोजन और चिकित्सा की भी पूर्ति नहीं हो पा रही थी।
चीन की अभी की स्थिति के बीच चीन के अलग-अलग वीडियो वायरल हो रहे हैं, वहीं अभी एक महामारी विशेषज्ञ और यू.एस. में स्थित स्वास्थ्य अर्थशास्त्री एरिक फेगल-डिंग का एक बड़ा बयान सामने आया है। उनका कहना है कि इस स्थिति को देखकर ऐसा लग रहा है मानो साल 2020 की स्थितियां लौट रही हैं। एरिक फीगल-डिंग ने ट्विटर पर कहा कि- चीन के 60 प्रतिशत से अधिक और पृथ्वी की 10 प्रतिशत आबादी अगले 90 दिनों में मौत की संभावना के साथ संक्रमित हो सकती है। इसका एक बड़ा कारण टीकाकरण की कमी होना और आपातकालीन देखभाल में खराब स्थिति का होना है।
⚠️THERMONUCLEAR BAD—Hospitals completely overwhelmed in China ever since restrictions dropped. Epidemiologist estimate >60% of 🇨🇳 & 10% of Earth’s population likely infected over next 90 days. Deaths likely in the millions—plural. This is just the start—🧵pic.twitter.com/VAEvF0ALg9
— Eric Feigl-Ding (@DrEricDing) December 19, 2022
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अस्पतालों में बेड तक नहीं है
इन सभी बातों और वीडियो को TFI प्रमाणित नहीं करता है लेकिन अगर महामारी विशेषज्ञ और यू.एस. में स्थित स्वास्थ्य अर्थशास्त्री के हवाले से समझे तो चीन में अस्पतालों की स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब है। एक तरफ जहां अस्पतालों में लोगों के लिए बेड तक नहीं मिल रहा है। वहीं, पूर्वोत्तर चीन के इलाकों के अस्पतालों में शवों का ढेर है। कई दूसरे एक्सपर्ट कह रहे हैं कि चीन में हालात साल 2019 से भी बदतर हो चुके हैं। इसी के साथ न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्टों की मानें तो, हर दिन मामले दोगुने से अधिक होते जा रहे हैं।
लोगों के विरोध प्रदर्शन को लेकर शी जिनपिंग ने जीरो कोविड नियमों में बहुत अधिक ढील दे दी थी। जिससे कोरोना के मामलों में काफी अधिक वृद्धि हुई। जिससे लोगों की मृत्यु के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। जीरो कोविड पॉलिसी में ढील देने के बाद शी जिनपिंग ने लोगों के स्वास्थ्य संबंधी वस्तुओं को पूर्ण रूप से अनदेखा कर दिया। जिसका परिणाम आज चीन के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
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चीन की कोविड पॉलिसी बस यही थी कि या तो चीन देश के लोग बंधक बने रहें जैसे जीरो कोविड पॉलिसी के समय में थे या फिर अपनी जान से हाथ धो बैठे जो कोरोना के संक्रमण के कारण उनको झेलना पड़ रहा है। क्योंकि चीनी सरकार इन दोनों स्थितियों के बीच का कोई रास्ता ही नहीं निकाल पाई और अब उसकी तानाशाही कोविड नीति पूरी तरह से फेल हो गयी है।
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