भारतीय बाजार में बहुत सी ऐसी कंपनियां मौजूद हैं जो वस्तु एवं सेवाओं का कारोबार कर रही हैं। कई बार इनमें से कुछ कंपनियां अपने लाभ के चक्कर में उपभोक्ताओं के हितों को अनदेखा कर देती हैं। लेकिन जब किसी भी कंपनी के द्वारा उपभोक्ताओं के हितों को क्षति पहुंचाने का प्रयास किया जाता है तो भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी CCI उन कंपनियों के विरुद्ध कड़े कदम उठाता है। वह उपभोक्ता के हितों को ताक पर रखने वाली सभी कंपनियों को आड़े हाथ लेकर उन पर नियमानुसार कार्रवाई भी करता है।
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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की पैनी नजर
बीते कुछ सालों में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों पर अपनी नजरें और अधिक पैनी कर दी हैं। जिसके कारण अभी हाल ही में CCI ने निर्धारित समयसीमा के भीतर गूगल के द्वारा जुर्माने का भुगतान न कर पाने के कारण उसे डिमांड नोटिस जारी किया है। सूत्रों के अनुसार, दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी ने इस अनुचित व्यापार व्यवहार के मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के आदेश के विरुद्ध राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में अपील दाखिल किया है। न्यायाधिकरण ने अभी तक इस मामले को लेकर कोई भी सुनवाई नहीं की है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अक्टूबर माह में एंड्रॉयड मोबाइल प्रणाली और प्ले स्टोर नीतियों के संबंध में गूगल पर एकाधिकार की स्थिति का लाभ उठाने के लिए कुल 2,274.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। ऐसे में यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि CCI कॉरपोरेट अपराधियों के विरुद्ध कड़ाई से कार्रवाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
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गूगल के विरुद्ध कार्रवाई
20 अक्टूबर को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के द्वारा गूगल के विरुद्ध एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण क्षेत्र के बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने के मामले में कड़ी कार्रवाई की गयी थी। जिसके तहत CCI के द्वारा कंपनी पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इतना ही नहीं CCI ने प्रमुख इंटरनेट कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और उनको बंद करने का भी निर्देश दिया था।
वहीं 25 अक्टूबर को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अपने एक दूसरे आदेश में प्ले स्टोर की नीतियों के संबंध में अनुचित व्यापार व्यवहार के मामले में कंपनी पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इसी कारण कंपनी पर 2,274.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगया जा चुका है। कंपनी के द्वारा 60 दिन के अंदर जुर्माना चुकाने के निर्देश की समय सीमा समाप्त होने के बाद ही गूगल को ये डिमांड नोटिस जारी किया गया है। नियमों के अनुसार, CCI के डिमांड नोटिस जारी करने के बाद कंपनी को 30 दिन के अंदर जुर्माने का भुगतान करना होगा।
पहले भी कंपनियों पर हुई है कार्रवाई
ऐसा पहली बार नहीं है जब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने किसी कंपनी पर इस तरह से जुर्माना लगाया हो। इससे पहले भी CCI ने कई बड़ी कॉरपोरेट कंपनियों पर उनकी गलत नीतियों के कारण, उनके विरुद्ध कार्रवाई की है। इसमें अमेरिकी टेक इंडस्ट्री की बड़ी कंपनियों में से एक ‘अमेजन’ भी शामिल है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लि. में भागदारी खरीदने के लिए ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन के सौदे को दो साल पहले दी जाने वाली मंजूरी को निलंबित कर दिया था। इतना ही नहीं आयोग के द्वारा कुछ प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण अमेजन पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
दरअसल, फ्यूचर समूह के रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड के साथ प्रस्तावित 24,713 करोड़ रुपये के समझौता होने के बाद दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गयी थी, जिसके कारण फ्यूचर समूह ने CCI से इसकी शिकायत की थी।
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करोड़ों रुपये का जुर्माना
अभी हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने बाजार की प्रतिस्पर्धा को हानि पहुंचाने के प्रयास के कारण Make My Trip, Goibibo और होटल सर्विस चलाने वाली OYO पर भी एक बड़ा जुर्माना लगाया था। Make My Trip, Goibibo और OYO मिलकर अपना ही अलग लाइसेंस राज चला रहे थे, लेकिन CCI की पैनी नज़र पड़ते ही इनका सारा खेल खराब हो गया है। अभी कुछ महीनों पहले ही Competition Commission of India ने Make My Trip, Goibibo और OYO पर 392 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
इन कंपनियों पर ये आरोप लगाया गया था कि इन्होंने अपनी पोजिशन का गलत उपयोग करते हुए बाजार से प्रतिस्पर्धा को खत्म करने का कार्य किया, जिससे दूसरी कंपनियों और सर्विस प्रोवाइडर को बहुत अधिक क्षति हुई थी। CCI के निर्णय के अनुसार, MMT-Go (Make My Trip-Goibibo) और OYO पर इनके कारोबार का पांच प्रतिशत की दर से जुर्माना लगाया गया था। MMT-Go पर 223.48 करोड़ रुपये और OYO पर 168.88 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
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पिछले कुछ सालों में CCI बहुत सक्रिय हुआ है। वहीं भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) रियल एस्टेट, मनोरंजन, स्टील, पर्यटन उद्योग, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे क्षेत्रों की जांच में सक्रिय रूप से जुटा हुआ है। इतना ही नहीं यह उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए बड़े कॉर्पोरेट अपराधियों पर लगातार अपना शिकंजा भी कसता जा रहा है। CCI सभी क्षेत्रों की कंपनियों पर नियंत्रण बनाने के प्रयासों में अपना सफल योगदान दे रहा है।
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