चीन ने तवांग में अभी क्यों खाई भारतीय सेना से मार, इसके पीछे है शी जिनपिंग की ‘रणनीति’

चीन कुछ भी यूं ही नहीं करता। गलवान में इतने जवानों को खोने के बाद शी जिनपिंग अपने सैनिकों को पिटने के लिए यूं ही भारतीय सेना में नहीं भेज देंगे। समझिए क्यों चीनी सेना ने इसी वक्त तवांग में मार खाई है।

Tawang Clash

Source- TFI

Tawang Clash: 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में जो हुआ उसकी पूरी जानकारी आपके पास होगी. चीनी सेना भारतीय सीमा के अंदर घुसकर कुछ निर्माण कार्य करने की कोशिश कर रही थी, भारतीय सेना ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया है. झड़प में कुछ भारतीय सैनिकों को चोट लगी है तो बड़ी संख्या में चीनी सैनिक घायल हुए हैं. भारतीय सेना ने बयान जारी करके पूरी जानकारी दी थी. इसके बाद रोते हुए चीनी सेना ने कहा कि भारतीय सेना ने ही सीमा लांघी थी. अब सवाल यह उठता है कि चीनी सेना आखिरकार ऐसा क्यों कर रही है? इसके एक नहीं कई कारण है, जिसे इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे.

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Tawang Clash: जिनपिंग से संभल नहीं रहा चीन

दरअसल, शी जिनपिंग से चीन अब संभल नहीं रहा है, यह एक ऐसा तथ्य है जिसे पूरी दुनिया देख रही है. जीरो कोविड पॉलिसी को लेकर चीन में पहली बार इतने बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए, हिंसा हुई, शी जिनपिंग के विरुद्ध लोग सड़कों पर उतर गए. इस प्रदर्शन से घबराए जिनपिंग ने जीरो कोविड पॉलिसी में बदलाव तो कर दिए लेकिन इससे भी बात नहीं बनी. आर्थिक मोर्चे पर भी चीन बुरी परिस्थितयों का सामना कर रहा है. चीन में हर तरफ असंतोष है, बेचैनी है. शी जिनपिंग के विरुद्ध लोगों में गुस्सा है. ऐसे में शी जिनपिंग जब अपने घर के अंदर परिस्थितियां नहीं संभाल पा रहे हैं तो उन्हें बस एक ही रास्ता दिखता है कि लोगों का ध्यान भटकाओ और इसके लिए वो अपने सैनिकों को भारतीय सीमा के अंदर घुसने का आदेश देते हैं. भारतीय सैनिक जब इधर से लतियाकर भगाते हैं तो बवाल होता है और यही तो शी जिनपिंग चाहते हैं, जिससे कि चीनियों का ध्यान उसकी नाकामियों से हटकर सीमा पर चला जाए.

चीन के गले की हड्डी बना G20

इसके अलावा जी-20 की अध्यक्षता इस वर्ष भारत कर रहा है. भारत जी-20 का सम्मेलन देशभर में कर रहा है. इस क्रम में भारत ने जम्मू और कश्मीर में भी जी-20 सम्मेलन कराने की बात कही तो लाल बादशाह भड़क गया. चीन ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में जी-20 मत करवाओ लेकिन चीन की नहीं चलनी थी और नहीं चली. भारत ने कहा कि हम करवाएंगे और निश्चित तौर पर करवाएंगे. बस, तब से मुंह फुलाए बैठा लाल बादशाह किसी भी तरह से भारत की सीमा पर अशांति का माहौल तैयार करने की कोशिश में लगा है. एक यह भी कारण हो सकता है जिसकी वज़ह से तवांग में चीन ने ऐसी हरकत की है.

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अरुणाचल फ्रंटियर हाइवे

चीनी ड्रैगन इन दिनों आग नहीं बल्कि नफरत का विष उगल रहा है. उसकी एक वज़ह अरुणाचल फ्रंटियर हाइवे भी है. मोदी सरकार ने तय किया है कि अरुणाचल प्रदेश में सीमा से लगे क्षेत्रों से गुजरते हुए करीब 2000 किमी लंबा फ्रंटियर हाइवे बनेगा. इस ऐलान के बाद से चीन की हालत पस्त है. चीन नहीं समझ पा रहा है कि क्या करे. चीन जानता है कि जब यह हाइवे बनकर तैयार हो जाएगा तो चीन से लगने वाली अरुणाचल प्रदेश की पूरी सीमा पर भारत का दबदबा कायम हो जाएगा. ऐसे में चीन जो अपने इरादे पालकर बैठा है, उनमें वह कभी भी सफल नहीं होगा इसलिए चीन हताशा में इस तरह की हरकतें कर रहा है. अरुणाचल प्रदेश के तवांग में जो चीनी सैनिकों ने सीमा पार की है, उसकी वज़ह यह भी हो सकती है.

Tawang Clash: यह वायरल वीडियो देखिए

अब एक और बात, 2020 में गलवान में बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की मौत हुई थी. कायर शी जिनपिंग ने कभी भी यह बात स्वीकार नहीं की लेकिन तमाम रिपोर्ट्स में यह स्पष्ट हो चुका है. इसी तरह से अब तवांग में भी यही हुआ है. Tawang Clash में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक घायल हुए हैं लेकिन चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा. तो चलिए आपको एक प्रमाण दिखाते हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रही है. हम वीडियो की प्रमाणिकता का दावा नहीं कर सकते, यह भी जानकारी नहीं मिल पाई है कि यह वीडियो पुराना है या फिर तवांग का ही है. यह भी जानकारी उपलब्ध नहीं है कि यह वीडियो किसने जारी किया है लेकिन फिर भी आपको यह वीडियो देखना चाहिए. इस वीडियो में जो एक चीज स्पष्ट दिख रही है वो यह कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों की जमकर कुटाई की है. आप इस वीडियो को देखिए.

इस वीडियो को देखने के बाद यह स्पष्ट है कि चीनी सैनिक धुलाने में कमी नहीं करते हैं और भारतीय सैनिक धोने में कमी नहीं करते हैं. वो चाहे गलवान हो, वो चाहे तवांग हो या फिर कोई दूसरा क्षेत्र, चीनी सैनिकों की कुटाई जारी है.

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