भाजपा में शामिल होने की संभावनाएं तलाश रहे हैं शशि थरूर?

पूर्व राजनयिक और कांग्रेसी नेता शशि थरूर को उचित सम्मान नहीं मिल रहा है, तो क्या ऐसे में वो कांग्रेस को छोड़ नयी पार्टी का दामन थाम लेंगे, उनके हालिया ट्वीट से तो ऐसी ही संभावनाएं दिखती हैं।

Diplomat Tharoor searching for new political home

SOURCE TFI

भारतीय राजनीति में वैसे तो आपको सदैव यही देखने के लिए मिलेगा कि विपक्ष ने सत्ताधारी दल को इस विषय पर घेरा, उस विषय पर घेरा परन्तु अभी हाल ही में कुछ ऐसा देखने के लिए मिला जिसके बाद पूर्व राजनयिक और कांग्रेसी नेता शशि थरूर की एक ओर प्रशंसा हो रही है तो वहीं दूसरी ओर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि क्या आने वाले समय में शशि थरूर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

इस लेख में जानेंगे कि आखिरकार शशि थरूर ने ऐसा क्या कह दिया है जिसके बाद उनके बीजेपी में शामिल होने संबंधी संभावनाएं जोर पकड़ने लगी हैं।

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आयरलैंड की ओर से प्रस्ताव

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका और आयरलैंड की ओर से एक प्रस्ताव लाया गया जिसमें कहा गया कि प्रतिबंधित देशों यानी पूर्व में की गई गतिविधियों के चलते ब्लैकलिस्ट किए गए देशों को भी मानवीय सहायता में छूट मिलनी चाहिए ताकि आपदा या संकट के समय लोगों की मदद की जा सके। लेकिन भारत ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि काली सूची में डाले गए समूहों ने पहले भी इस प्रकार के अवसरों का लाभ उठाकर आंतक फैलाया है जिसमें हमारा पड़ोसी भी शामिल है। भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन करने से मना कर दिया। इस परिषद में 15 देशों के प्रतिनिधि शामिल थे जिसमें से 14 देशों ने पक्ष में वोट किया जबकि भारत ने इस प्रस्ताव के विपक्ष में वोट किया।

बस इसी कूटनीति पर मोहित होकर पूर्व राजनयिक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर की प्रशंसा में एक ट्वीट कर दिया। जिसमें उन्होंने लिखा कि “प्रस्ताव के पीछे की मानवीय चिंताओं को समझते हुए मैं भारत की उन आपत्तियों से पूरी तरह सहमत हूं, जिसने इसके बहिष्कार को प्रेरित किया। शाबाश, एस जयशंकर”।

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केरल में थरूर की युवा रैली हुई थी कैंसिल

क्या शशि थरूर बीजेपी जॉइन कर सकते हैं? इस प्रश्न के उत्तर के लिए पहले हमें कांग्रेस में थरूर के साथ हो रहे सौताले व्यवहार पर ध्यान देना होगा। यही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव के बाद से ही थरूर को लगातार किनारे किया जा रहा है। इसके अलावा शशि थरूर जी-23 वाले गुट से भी जुड़े रहे हैं। इस गुट ने कांग्रेस में बदलाव करने लिए एक प्रकार से गांधी परिवार से ही विद्रोह कर दिया था। ज्ञात हो कि उसी जी-23 गुट में गुलाम नबी आजाद भी थे जो अब कांग्रेस छोड़ चुके हैं। स्थिति तो ऐसी है कि हो सकता है कि आने लोकसभा चुनाव में शशि थरूर को अपने लिए टिकट की व्यवस्था पहले से ही करनी पड़ जाए, वैसे भी उन्हें एक ही सीट से चुनाव लड़ते हुए बहुत अधिक समय हो चुका है।

शशि थरूर लंबे समय से केरल की तिरूअंतनपुरम सीट से सांसद हैं ऐसे में केरल कांग्रेस में शशि का सम्मान होना बनता है परन्तु नवंबर महीने में केरल में शशि एक यूथ कांग्रेस के कार्यक्रम का आयोजन करना चाहते थे लेकिन इस कार्यक्रम को अचानक ही कैंसिल कर दिया गया। जिसके पीछे का कारण यह बताया गया कि शशि केरल कांग्रेस में कलह को बढ़ावा देने के लिए गुटबाजी कर रहे हैं। हालांकि उसके बाद कोझिकोड में यूथ कांग्रेस के द्वारा एक कार्यक्रम किया गया जिसमें थरूर गुटबाजी वाली बात पर जमकर बसरे और केरल कांग्रेस में अपने प्रतिद्वंदियों की बखियां उधेड़कर रख दीं। इसके अलावा शशि थरूर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी अच्छे संबंध बताए जाते हैं।

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थरूर के साथ सौतेला व्यवहार

यदि पिछले कुछ समय से कांग्रेस में शशि थरूर के साथ हो रहे व्यवहार को देखें तो ये कोई बड़ी बात नहीं कि आने वाले समय में शशि बीजेपी के पाले में खड़े नजर आएं। क्योंकि कोई भी राजनेता ऐसी पार्टी में नहीं रहना चहेगा जहां उसको पर्याप्त सम्मान न मिले। खासकर शशि थरूर तो एक ऐसे व्यक्ति हैं जो पूर्व राजनयिक, बेहतरीन वक्ता और लेखक भी हैं, शशि थरूर को पसंद करने वालों की कमी भी नहीं है।

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