जयशंकर को ज्ञान देने चले थे राहुल गांधी और केजरीवाल, लग गई

जयशंकर ने राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के साथ जो किया वो किसी के साथ ना हो.

जयशंकर राहुल गांधी

Source- TFIPOST

एस जयशंकर का नाम सुनकर सबसे पहले आपके दिमाग में क्या आता है? आप निश्चित तौर पर यहीं सोचते होंगे कि इस बार फिर से किसी बड़े देश को लताड़ पड़ी है, संयुक्त राष्ट्र को लपेटे में लिया गया है या फिर वैश्विक शक्तियों को भारत ने करारा जवाब दिया है. लेकिन इस बार मामला ऐसा बिल्कुल भी नहीं है और जयशंकर ने जो किया है, वह कुछ नेताओं के मस्तिस्क से जल्दी विस्मृत भी नहीं हो पाएगा. इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे अक्सर पश्चिमी देशों को हड़काने वाले डॉ एस जयशंकर (Jaishankar) ने इस बार ‘कांग्रेसी राजकुमार’ राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और ‘जुमलों के शहंशाह’ अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को खूंटी पर टांग दिया है.

और पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र में एस जयशंकर ने अपने ‘शब्दबाण’ से पाकिस्तान को छलनी छलनी कर दिया

जयशंकर ने राहुल गांधी को मजे में लपेट दिया

दरअसल, पिछले दिनों तवांग झड़प के बाद विपक्षी पार्टियों ने सेना के शौर्य पर सवाल उठा दिए थे. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने तो जयशंकर (Jaishankar) को उनकी समझ विकसित करने तक की सलाह दे दी थी. वहीं, अरविंद केजरीवाल ने तवांग के बहाने केंद्र को लपेटे में  लिया था और फिजूल का ज्ञान दिया था. इस मामले को लेकर जयशंकर ने लोकसभा की कार्यवाही  के दौरान प्रतिकार किया है. उन्होंने कहा, “हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है लेकिन जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए.” इसके बाद उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि जब मैं देखता हूं कि कौन सलाह दे रहा है तो मैं केवल झुक सकता हूं और सम्मान कर सकता हूं. लेकिन जवानों का अपमान नहीं होना चाहिए.

जयशंकर (Jaishankar) का यह तंज सीधे तौर पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ओर था. ज्ञात हो कि तवांग झड़प के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि “वे बयान देते रहते हैं सीमा पर हमारे सैनिकों को चीन पीट रहा है और मोदी सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए उन्हें अपनी समझ को विकसित करने की जरूरत है.” हालांकि, अब जयशंकर ने उन्हें मजे मजे में ऐसा लपेट दिया है कि निश्चित तौर पर वो कुछ बोल नहीं पाएंगे.

केजरीवाल को ऐसे कौन धोता है भाई

अब आते हैं फ्री-पॉलिटिक्स करने वाले महानुभाव अरविंद केजरीवाल पर. दरअसल, केजरीवाल तो अपने कर्मों के कारण देश की राजनीति में बदनाम हैं, कभी कभी तो लोग राजनीति से इतर उनकी समझ पर भी सवाल उठाने लगते हैं. क्योंकि केजरीवाल स्वयं एक सरकारी अधिकारी रह चुके हैं लेकिन देश के मामलों पर उनकी उल जलूल बयानबाजी उनके खोखलेपन को प्रदर्शित कर देती है.

तवांग मामले पर भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया था और कहा था कि “भारत सरकार चीनी सामान का आयात करके चीन को सजा देने के बजाय उसे इनाम दे रही है. अधिकांश वस्तुएं चीन से लाई जाती हैं. 2020 में, 5.25 लाख करोड़ रुपये की वस्तुओं को चीन से आयात किया गया था और 2021 में हमने 7.50 लाख करोड़ वस्तुओं की खरीद की. मैं जानना चाहता हूं कि चीन से आयात करने की क्या जरूरत है और हम उनका निर्माण क्यों नहीं कर सकते हैं?” जबकि सच्चाई यह है कि पिछले कुछ वर्षों में बाजार में चीनी सामानों की कमी देखी गई है और ऐसे कई चीनी सामान हैं, जिन पर भारत ने या तो प्रतिबंध लगा दिया है या फिर उसे निगरानी सूची में रखा है.

और पढ़ें: आखिरकार एस जयशंकर ने रूस के गले में घंटी बांध ही दी

हाल ही में केजरीवाल को लेकर एस जयशंकर से टीवी डिबेट के दौरान एक प्रश्न पूछा गया. जिस पर जयशंकर ने एंकर से कहा कि आपको विदेश नीति पर बात करनी है या केजरीवाल डिबेट. उनके कहने का मतलब भी बिल्कुल स्पष्ट था क्योंकि विदेश नीति के मामले में केजरीवाल का ज्ञान ठीक वैसे ही है, जैसे घोड़े के सर पर सींग. केजरीवाल देश की राजनीति में आगे बढ़ रहे हैं, अच्छी बात है लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि वो सेना से जुड़े मामलों पर सवाल उठाए, विश्व में अपनी अलग पहचान चुकी भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाए, बिना कुछ सोचे समझे कुछ भी बोल दें. हालांकि, हाल के चुनावों में आम आदमी पार्टी की क्या हालत हुई है यह किसी से छिपी नहीं है.

आपको बता दें कि यह पहली बार है जब एस जयशंकर ने विपक्षी नेताओं को ऐसे हड़काया है. अपने व्यंग्य या यूं कहें कि अपने शब्दबाण से उन्होंने राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल, दोनों को उनके मूल से परिचित करा दिया है. अभी तक जयशंकर दुनिया में भारत का कद, भारत की पहचान, भारत की स्थिति को लेकर जी-जान लगाए हुए थे और उसका सफल परिणाम भी पिछले कुछ वर्षों में हमें देखने को मिला है. भारत का अपना अलग स्टैंड देखने को मिला है लेकिन अब इन सारी चीजों के साथ जयशंकर देश की राजनीति में अपने तेवर से विपक्षियों को दहलाने के लिए तैयार हैं.

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Exit mobile version