रवीश कुमार ने कहा ‘द क्विंट गोदी मीडिया है’ और हो गई वामपंथियों में जूतम पैजार

रवीश कुमार ने अब अपने ही भाई-बंधुओं की कलई खोलनी शुरू कर दी है। उन्होंने द क्विंट को बिका हुआ क्या बताया तो द क्विंट की संस्थापक और सीईओ रितु कपूर भी मैदान में हथियार लेकर उतर आईं।

Intra-left gang-war between Ravish Kumar and the Quint is too spicy to miss

Source- TFI

“रवीश कुमार और द क्विंट के बीच मारामारी”

“द क्विंट को गोदी मीडिया बताने पर जूतम पैजार”

“द क्विंट की फाउंडर ने रवीश कुमार को सिखाया सबक”

“पत्रकार हो तो फैक्ट चेक कर लेते रवीश कुमार”

यह हैडलाइन जोकि अभी आपने देखी हैं वही आज की वामपंथी मीडिया की वास्तविक तस्वीर है। गौतम अडानी ने NDTV खरीद लिया तो रवीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया लेकिन दुनिया के इकलौते ईमानदार और निष्पक्ष पत्रकार इस्तीफा देने के बाद चुप कहा रहने वाले थे। उन्होंने अपने ही भाई-बंधुओं की कलई खोलनी शुरू कर दी। करण थापर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने द क्विंट को बिका हुआ बताया तो द क्विंट की संस्थापक और सीईओ रितु कपूर भी मैदान में हथियार लेकर उतर आईं। दोनों के बीच अब जमकर जूतम पैजार हो रहा है। इस लेख में हम आपको बताएंगें रवीश कुमार (Ravish Kumar) और द क्विंट (the quint) के बीच उस मसालेदार लड़ाई के बारे में, जिसे किसी भी कीमत पर मिस नहीं किया जाना चाहिए। 

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Ravish Kumar के बयान पर भड़कीं The Quint की सीईओ

दरअसल, हाल ही में बेरोजगार हुए पत्रकार रवीश कुमार ने दूसरे बेरोजगार साथी पत्रकार अजीत अंजुम को इंटरव्यू देकर अपना दर्द बयां किया था। जिसके बाद अब हाल में ही रवीश पुरानी वामपंथी विचारधारा से ग्रस्त बेरोजगार पत्रकार करण थापर को इंटरव्यू देने पहुंचे। जहां ईमानदार पत्रकार रवीश ने कहा कि अगर गौतम अडानी को किसी न्यूज़ चैनल से महान पत्रकारिता करनी थी तो उन्होंने क्विंट में भी पैसे लगाए थे, क्विंट ने कौन सी महान पत्रकारिता कर ली? क्या उन्होंने क्विंट के जरिये कुछ नया बताया?

रवीश राजा के इतना कहते ही द क्विंट की सीईओ रितु कपूर ने रवीश कुमार को लताड़ लगा दी। रितु कपूर ने कहा कि अरे रवीश कुमार थोड़ा फेक्ट चैक ही कर लेते, ये नहीं कर पा रहे थे तो गूगल पर सर्च ही कर लेते, पता कर लेते कि द क्विंट की ऑनरशिप किसके पास है। कभी द क्विंट के दुलारे रवीश कुमार अब उसे ही गोदी मीडिया बताने लगे हैं, जिससे दोनों के बीच स्थिति जूतम पैजार वाली हो गई है।

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रवीश के लिए अडानी ने NDTV को खरीदा?

यहां ध्यान दीजिए कि रवीश ने अपने इस इंटरव्यू में ये भी कहा कि भारत के सबसे अमीर और दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी ने “जीरो टीआरपी” एंकर को नौकरी से निकालने के लिए NDTV को खरीदा है। हां, जैसे गौतम अडानी को कुछ और काम तो है नहीं, उन्हें तो बस 3 लोगों की व्यूरशिप वाले एंकर को नौकरी से हटाना है, जिनके प्रोग्राम को एक बार प्रोड्यूसर और दो बार तो स्वयं रवीश कुमार ही देखते हैं।

वामपंथियों के दुलारे रवीश कुमार को अभी भी यही भ्रम है कि अडानी ने NDTV इसलिए खरीदा जिससे रवीश को नौकरी से निकाला जा सके, उन्हें बेरोजगार किया जा सका। शायद आपको भी ये बात मनोरंजक ही लगेगी। अगर आप इसका तथ्य खोजने बैठ जाएंगे तो आपको उसमें निराशा हाथ लगेगी। लेकिन जबसे रवीश ने NDTV से इस्तीफा दिया तभी से रवीश वामपंथियों को भ्रम में रखे हुए हैं। रवीश कुमार जोरों शोरों इस बात का प्रचार कर रहे हैं।

लेकिन प्रश्न यही कि आखिर दुनिया के इतने बड़े अरबपति एक ऐसे एंकर को जिसे कोई देखना पंसद न करता हो, जिसकी टीआरपी जीरो हो, उसे नौकरी से निकालने के लिए इतना बड़ा दांव क्यों लगाएगें? ये बातें दूर दूर तक मेल नहीं खाती हैं, इन बातों का कहीं कोई आधार नजर नहीं आता है। फिर भी रवीश कुमार वामपंथियों को दिलासा देने के लिए झूठीं अफवाह फैलाने का काम कर रहे हैं। लेकिन इस बार तो बेरोजगार रवीश राजा ने द क्विंट को ही गोदी मीडिया कह दिया, जिससे वामपंथियों के दो बड़े चेहरों में जूतम पैजार हो गया।

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