पिछले कुछ वर्षों से देश और दुनिया में इस्लामिक कट्टरता काफी बढ़ती हुई दिख रही है। कुछ लोग इस्लामिक कट्टरता का जहर घोलने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। एक इसके पक्ष में लिख था है लिख रहा है तो दूसरा पक्ष ऐसा भी है जो इस कट्टरता के विरोध में बोल रहे हैं। जो इस्लामिक कट्टरता के विरोध में आता है उसके पीछे तो इस्लामिस्ट पीछे पड़ जाते हैं और उन्हें निशाना बनाने लगते हैं। वहीं जो पक्ष में बोलता हैं, इस्लामिक कट्टरता को बढ़ता देता है वो चुपचाप इस काम को अंजाम देता चला जाता है। नतीजा यह है इस्लामिक कट्टरता का खेल दबे पांव काफी तेजी के साथ चल रहा है।
कॉलेज की लाइब्रेरी में मिली किताबें
कुछ ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है जहां एक लॉ कॉलेज की लेखिका का काला कारनामा उजागर हुआ, जिसमें वो शिक्षा की आड़ में जहर उगलने का काम कर रही थीं। इस विषय पर विस्तार से बात करें तो मध्य प्रदेश के इंदौर के सरकारी लॉ कॉलेज में लेखिका फरहत खान इस्लामिक कट्टरता का पाठ पढ़ाने का काम कर रही थीं।
दरअसल इस कॉलेज की लाइब्रेरी में हिंदुओं के विरुद्ध आपत्तिजनक कंटेंट लिखी हुई एक किताब देखी गई थी, जिसकी बाद से ही पुलिस किताब की लेखिका डॉ फरहत खान की तलाश कर रही है। किताब में लेखिका ने धारा 370, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सहित अन्य हिन्दू संगठन को लेकर आपत्तिजनक लेख लिखे गए हैं।
मामला सामने आने के बाद इसने काफी तूल पकड़ा। ऐसे में हंगामे के बाद अब विवादास्पद लेखिका डॉ. फरहत खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। वो पुणे में थीं, उनके खिलाफ वहीं से एक्शन हुआ है। इस मुद्दे को लेकर मध्य प्रदेश सरकार काफी गंभीरता से लेती नजर आ रही है।
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पुणे से हुई गिरफ्तारी
मामले को लेकर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विवादित किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान को गुरुवार को महाराष्ट्र के पुणे से उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह एक अस्पताल में डायलिसिस करा रही थीं। जानकारी के मुताबिक राजकीय नवीन लॉ कॉलेज के पुस्तकालय में रखी महिला की किताब ‘सामूहिक हिंसा और आपराधिक न्याय प्रणाली’ (Collective Violence and Criminal Justice System) को लेकर बड़ा विवाद हुआ है। इसके जरिए सीधे तौर पर इस्लामिक कट्टरता का बढ़ावा दिया गया है।
जहर उगलती है फरहत खान की सोच
फरहत खान की किताब हिंदुओं के विरुद्ध जहर उगलने के साथ ही उन्हें आतंकवादी तक बताती हैं। इस किताब में मुस्लिम वर्ग को पीड़ित और हिंदू धर्म के लोगों को आक्रांता की तरह प्रस्तुत करने के प्रयास किए गए। इस महिला की किताब में ऐसे चीजों को पेश किया गया है कि इस्लामिक कट्टरता का विस्तार हो और लोग भड़क जाएं। जिसके चलते देश में दंगे भड़कने की संभावनाएं तक बन सकती है। यही कारण है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए लेखिका के खिलाफ कार्रवाई की।
इस किताब को लेकर ABVP ने आरोप लगाया है कि कानून के छात्रों को पढ़ाई जा रही किताब में हिंदू समुदाय और आरएसएस के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक सामग्री है। यह मामला पहली बार सामने तब आया था जब 3 दिसंबर को इंदौर स्थित कॉलेज के छात्र और एबीवीपी नेता लकी आदिवाल (28) ने लेखिका खान, पुस्तक के प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन के खिलाफ शिकायत की थी।
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एक्शन में शिवराज सरकार
केवल इतना ही नहीं इस मामले के सामने आने और विवाद बढ़ने के बाद लेखिका की एक अन्य किताब भी जांच के लपेटे में आ गई है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि अधिकारियों ने एक अन्य किताब से संबंधित शिकायतों की भी जांच शुरू कर दी है और अगर कोई आपत्तिजनक सामग्री मिलती है, तो उसे भी इसी मामले से जोड़ा जाएगा। इस किताब में हिन्दू देवी-देवताओं, ब्राह्मणों के खिलाफ अभद्र बातें लिखी हैं। दोनों ही किताब कॉलेज की लाइब्रेरी में मिली थी।
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विवादित पुस्तक की लेखिका डॉ फरहद खान और आरोपी शिक्षकों के प्रोफ़ाइल की भी जांच की जाएगी। कहीं इसके तार PFI और देशविरोधी तत्वों से तो नहीं जुड़े हैं।
इस मामले से देखिए कि किस तरह से चुपके से ये लेखिका अपनी किताब के माध्यम से इस्लामिक कट्टरता को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही थीं। संभावना है कि और भी कई कॉलेज या किसी स्कूल में इनकी किताबें मौजूद होंगी और हो सकता हैं कई लोगों से इसे पढ़ा भी होगी।
अहम बात यह है कि पिछले कुछ समय से देखने मिल रहा है कि कैसे इस्लामिक कट्टरता का विस्तार कुछ लोग तेज़ी से करने के प्रयास कर रहे हैं। वहीं, जो लोग इस कट्टरता का विरोध करते है, उन्हें प्रताड़नाओं का सामना करना पड़ा है। सलमान रुश्दी से लेकर तस्लीमा नसरीन तक के साथ अन्याय की पराकाष्ठा पार की गई है, जिन लोगों ने इस्लाम का काला सच निकालकर सबके सामने रखा है।
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इन सबके बीच भी जो लोग कट्टरता फैलाना चाहते हैं वो दबे पांव अपने काम में लगे हुए हैं और समाज में जहर घोलने का काम कर रहे हैं। अब मध्य प्रदेश की सरकार में फरहत खान के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, लेकिन आवश्यकता यह है कि ऐसे लोगों के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार खास एक्शन प्लान तैयार करें जिससे राष्ट्रीय स्तर पर कट्टरता का खेल खेलने वालों की कमर तोड़ी जा सके।
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