‘जामतारा मॉडल’ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को बदनाम कर रहा है

गैर कानूनी 'देसी कॉल सेंटर्स' बुजुर्ग अमेरिकियों को निशाना बना रहे हैं. स्थिति ऐसी हो गई है कि FBI ने नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है.

जामताड़ा

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जामताड़ा गैंग: पूरे विश्व में भारतीय इंजीनियर्स काम कर रहे हैं. दुनिया भारतीय इंजीनियर्स और टेक्नोक्रेट का लोहा मानती है. बड़ी-छोटी टेक कंपनियों में भारतीय शीर्ष पदों पर भी काम कर रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी कुछ घटनाएं हमारे देश से हो रही हैं, जो भारत की सॉफ्ट पावर को नुकसान पहुंचा रही हैं. हाल ही में टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने एक रिपोर्ट पब्लिश की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे भारत में गैर-कानूनी कानून कॉल सेंटर्स के द्वारा अमेरिकी नागरिकों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है. अमेरिकी नागरिकों से डॉलर्स की लूट की जा रही है. अमेरिकी जांच एजेंसी, FBI के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 2 वर्षों में अमेरिकी नागरिकों के साथ करीब 3 बिलियन डॉलर यानी करीब 25,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है.

FBI के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 के 11 महीनों में ही अमेरिकी नागरिकों के साथ 10.2 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी हुई है. पिछले वर्ष से यदि तुलना करें तो यह करीब 47 प्रतिशत अधिक है. बीते वर्ष 6.9 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी की खबर सामने आई थी. हालांकि, यह आंकड़े डरावने हैं क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे भारत की छवि को नुकसान पहुंचता है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, ऐसे में अगर यह नैरेटिव विश्व के लोगों के बीच में जाता है कि भारतीय धोखाधड़ी से पैसे बना रहे हैं तो देश के लिए यह अच्छी ख़बर नहीं होगी.

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11 महीने में 10 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी

जामताड़ा वेबसीरीज़ आपने देखी होगी. जिसमें दिखाया गया है कि कैसे इंटरनेट के द्वारा लोगों से ठगी करने वाला गैंग ठगी को अंजाम देता है. कुछ इसी तरह से पूरे देश में एक ‘जामताड़ा गैंग’ कार्य कर रहा है. इस गैंग के निशाने पर अमेरिका के ऐसे बुजुर्ग विशेष तौर पर रहते हैं, जो आसानी से लोगों के बहकावे में आकर मूर्ख बन जाते हैं. FBI ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उनमें भी यही बात निकलकर सामने आ रही है कि ठगे जाने वाले ज्यादातर अमेरिकी नागरिक बुजुर्ग हैं. यह गैंग भारत में गैर-कानूनी तरीके से कॉल सेंटर खोलता है. इंटरनेट कॉल के द्वारा यह लोग अमेरिकियों से संपर्क करते हैं और उन्हें तमाम लालच देते हैं.

FBI के आंकड़ों के अनुसार ज्यादातर बुजुर्गों को रोमांस, निवेश और टेक सपोर्ट पॉप-अप्स के नाम पर ठगा गया है. इसके साथ ही इन लोगों ने अमेरिकियों को ई-मेल कॉम्प्रोमाइज़ करके, पर्सनल डेटा का उपयोग करके भी ठगा है. FBI ने बताया है कि वर्ष 2021 में एजेंसी की वेबसाइट पर 8.5 लाख शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिनमें करीब 6.9 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी का हवाला है.

वहीं, वर्ष 2022 के 11 महीनों में ही वेबसाइट पर 7.8 लाख शिकायतें दर्ज करवाई गईं, जिनमें करीब 10.2 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी का हवाला है. निवेश के नाम पर 3 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी की गई. बिजनेस ई-मेल कॉम्प्रोमाइज़ करके 2.4 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी की गई. पर्सनल डेटा को ब्रीच करके 1.2 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी की गई. रोमांस के नाम पर 1 बिलियन डॉलर की वहीं टेक सपोर्ट के नाम पर 781 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी की गई.

भारत की छवि को हो रहा नुकसान

भारत की जांच एजेंसियां निरंतर ऐसे गैर-कानूनी कॉल सेंटर पर कार्रवाई कर रही हैं, जो ऐसे फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं. अब FBI ने भी इन कार्रवाईयों में साथ देने के लिए कदम बढ़ाया है. FBI ने नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में एक अधिकारी को स्थाई तौर पर नियुक्त किया है, जो ऐसे मामलों में पीड़ितों की तरफ से सबूत जांच एजेंसियों को देने में मदद करेगा.

यह सही है कि कानून अपना काम कर रहा है, लेकिन भारतीयों को विशेष तौर पर धोखाधड़ी करने वाले ऐसे लोगों को समझना होगा कि भले ही इन गैर-कानूनी तरीकों से आप कमाई कर लें लेकिन ऐसी हरकतें भारत की छवि को विशेष तौर पर भारत की सॉफ्ट पावर को नुकसान पहुंचाती हैं. इसलिए सरकार को और जांच एजेंसियों को जहां एक तरफ ऐसे कॉल सेंटरों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करनी होगी, वहीं दूसरी तरफ जामताड़ा गैंग को भी समझना होगा कि एक ना एक दिन उनका भंडाफोड़ होना तय है, इसलिए इन ‘धंधों’ को बंद करना ही एकमात्र उपाय है.

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