पिछले कुछ समय से देश में धर्मांतरण के मामले बढ़ते हुए दिख रहे हैं। लोगों को अपने जाल में फंसाकर या लालच देकर धर्मांतरण का खेल बड़ी ही चतुराई से खेला जा रहा है। यहां तक की जबरन धर्मांतरण को उच्च न्यायलय ने भी ‘गंभीर’ माना है। इन सबसे इतर पंजाब में धर्मांतरण का ये खेल खतरनाक रूप लेता जा रहा है। यहां ईसाई मिशनरी अपनी षड्यंत्रकारी नीतियों के तहत बड़े पैमाने पर लोगों को अपना धर्म बदलने के लिए उकसा रही हैं। ईसाई मिशनरियों के द्वारा खासकर अशिक्षित, गरीब और ग्रामीण परिवेश के लोगों को निशाने पर लिया जा रहा है, जिससे पंजाब के हालात दिन प्रतिदिन भयावह होते जा रहे हैं। पंजाब में इतना कुछ हो रहा है इसके बाद भी भगवंत मान सरकार ने मौन व्रत धारण किया हुआ है और इस विनाशकारी अभियान पर लगाम लगाने के कुछ भी प्रयास करती नजर नहीं आ रही है।
पंजाब में चल रहा है धर्मांतरण का खेल
दरअसल, ईसाई धर्म के प्रमुख त्योहार क्रिसमस से पहले राज्य में अवैध रूप से जमकर धर्मांतरण का खेल चल रहा है। जहां अब ताजा मामला पंजाब के चमकौर साहिब से सामने आया है। यहां 16 दिसंबर को ईसाई मिशनरी के द्वारा एक सभा में स्वयं के अंदर ईसा मसीह की आत्मा आने का नाटक रचकर लोगों पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाया गया है, जिसने पंजाब में धर्मांतरण की बहस को एक बार फिर से हवा दे दी है।
हाल में भाजपा नेता मंजिदर सिंह सिरसा ने भी एक वीडियो भी साझा किया है जहां एक सभा में सैकड़ों लोग मौजूद हैं यहां एक पादरी जोर जोर से चिल्लाकर परिसर में बैठे लोगों को उपदेश दे रहा है। जिससे प्रभावित होकर लोग भी अजीब अजीब तरह की हरकतें करते नजर आ रहे हैं। प्रथम दृष्टया देखकर कोई भी यही कहेगा कि इनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। पादरी ने उन्हें इस कदर वश में कर लिया है कि मानों उनकी सोचने और विचार करने की क्षमता बिल्कुल नष्ट हो गई है। पादरी कहता है कि पवित्र आत्मा आज आपके अंदर है। वीडियो में पादरी लोगों अपने हाथ उठाने की बात कहता दिखाई पड़ रहा है। वो इशारा करके कहता कि जितने भी आत्मा से खाली हैं सब भर जाओ। पवित्र आत्मा आज आपके साथ है। हर खाली मन भर जाए ईशू मशी के नाम में।
मान सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल
वीडियो को शेयर करते हुए बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने लिखा- “यह डरावना है! पंजाब में ईसाई मिशनरियों द्वारा किया गया नाटक, जबरदस्ती और तमाम हथकंडे बर्दाश्त की सारी हदें पार कर चुके हैं। भगवंत मान सरकार इन मिशनरियों को खुली छूट देकर आग से खेल रही हैं।” इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश पादरियों ये दावा करते हैं कि वे धर्मांतरण नहीं कराते, केवल इलाज करते हैं। लेकिन क्या इस तरह से लोगों से अजीबों गरीब हरकतें कराकर गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है?
This is scary! The drama, coercion and all tactics done by Christian Missionaries in Punjab have exceeded all limits of tolerance. @BhagwantMann Govt is playing with fire by allowing these missionaries free hand. pic.twitter.com/RiKpTdZNYv
— Manjinder Singh Sirsa (मोदी का परिवार) (@mssirsa) December 18, 2022
पंजाब सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि यहां इतना सबकुछ चल रहा है लेकिन भगवंत मान सरकार चुप्पी साधे हुए है और इसके खिलाफ कोई कार्रवाई करती नजर नहीं आ रही। देखा जाये तो पंजाब में धर्मांतरण की बीमारी पुरानी है। परंतु अब आरोप लग रहे हैं कि हाल के दिनों में पंजाब में चर्चों की संख्या में इसकी वृद्धि हुई है। इसमें ज्यादतर सीमा से जुड़े इलाके शामिल है जहां जगह जगह ईसाईयों के धर्मस्थल चर्च का निर्माण किया गया है। केवल इतना ही नहीं इनके पास के इलाकों की दीवारों पर तो ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करने वाले संदेशों तक से पोत रखा है। यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि पाकिस्तान से लगने वाले पंजाब के इलाकों में ईसाई धर्म का प्रभाव अधिक है जहां गांवों में बड़ी तादाद में चर्चे बनी हुई हैं। यहां तक की कई लोगों ने तो चर्चों का अपने घरों में भी निर्माण किया हुआ है।
इस कथित धर्मांतरण को लेकर विरोध इसके तरीकों को लेकर किया जाता है। बताया जाता है कि ईसाई मिशनरी मंच पर खड़े होकर अपने अंदर ईसा मसीह की आत्मा आने का नाटक करते हैं और गरीब-अशिक्षित लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहते हैं। इतना ही नहीं वो उन बीमारियों को चुटकीभर में खत्म करने का दावा करते हैं जिनका इलाज बेहद ही मुश्किल है। आरोप है कि मंच से कुछ लोग इस बात का भी दावा करते हैं कि उनकी कैंसर जैसी बीमारी लंबे समय से ठीक नहीं पा रहे थे। परंतु जैसे ही उन्होंने ईसाई धर्म स्वीकार किया, उनकी बीमारी एकदम ठीक हो गई। यही कारण है कि गरीब-अशिक्षित लोग ईसाई धर्म की ओर आकर्षित हो जाते हैं।
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पंजाब की जनसंख्या
अगर 2011 की जनगणना को देखें तो पंजाब की आबादी 2.77 करोड़ है, जिसमें सिखों की आबादी 57.7% है वहीं ईसाई समुदाय की आबादी 1.3% है। जबकि 2001 की जनगणना के अनुसार राज्य में सिखों की आबादी 59.9% थी और ईसाईयों की 1.2% प्रतिशत थी। यानि की 2001 से 2011 के बीच राज्य में सिखों की आबादी में कमी आई, जबकि इसाईयों की आबादी थोड़ी बढ़ी थीं। लेकिन अब ऐसा कहा जा रहा है कि वर्तमान में ईसाई मिशनरी के द्वारा पंजाब में चलाए जा रहे भायनक धर्मांतरण के खेल के चलते पंजाब में ईसाईयों की आबादी में भारी उछाल आया है।
ईसाई मिशनरी बहुत ही चलाकी के साथ लोगों का धर्मांतरण करा रही है। क्योंकि ईसाई धर्म अपनाने के बावजूद लोग अपनी सांस्कृतिक मान्यता और पहनावे से उन्हें अलग नहीं किया जा रहा है जिससे आप किसी भी सिख धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को देखकर अंदाजा नहीं लगा सकते कि ये सिख धर्म छोड़ चुका है। वहीं धर्म परिवर्तन करने वाले अपना नाम भी नहीं बदलते हैं। चर्च में नाम को लेकर किसी को भी आपत्ति नहीं है, जिससे ये जानना थोड़ा मुश्किल हो जाता है कि धर्म परिवर्तन किया भी है या नहीं?
हाल ही में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था कि हमें धार्मिक रूप से कमजोर करने के लिए पंजाब की इस धरती पर बहुत जोर-शोर से ईसाई धर्म का प्रचार किया जा रहा है। पंजाब में जगह-जगह पर मस्जिद और चर्च बन रहे हैं, जो हमारे लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा था कि पंजाब के सिखों और हिंदुओं को गुमराह कर उन्हें ईसाई बनाने की कोशिश की जा रही है और यह सब सरकार की नाक के नीचे हो रहा है।
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जब निहंग सिखों ने किया था विरोध
इससे पहले अमृतसर के गांव में चल रहे ईसाई मिशनरियों के एक कार्यक्रम का निहंग सिखों ने विरोध किया था। जहां इस दौरान दो समुदायों के कुछ लोगों के बीच झड़प भी हुई थी, जिसमें पुलिस ने 150 निहंगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसका अकाल तख्त के जत्थेदार ने कड़ा विरोध किया और उन्होंने कहा कि निहंग जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए वहां गए थे। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत ने यह भी कहा था कि पंजाब के हालात ने हमें धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून लाने की मांग उठाने पर मजबूर कर दिया है।
इससे पहले पंजाब में धर्म परिवर्तन के मुद्दे को विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने भी मुद्दा उठाया था। जहां गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब में एक रैली में कहा था कि यहां बहुत बड़ी संख्या में धर्म परिवर्तन हो रहा है इसको रोकना होगा और बीजेपी ही इसको रोक सकती है। लेकिन पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार इस पर अंकुश लगाने पूरी तरह विफल है और वोट बैंक के लालच में इसके खिलाफ कोई कार्रवाई करने का भी प्रयास नहीं कर रही है।
पंजाब में धर्मांतरण खेल खूब फल फूल रहा है। अगर इस पर लगाम नहीं लगी तो आने वाले समय में ये घातक साबित हो सकता है। पंजाब की भगवंत मान इस पर इस चुप्पी साधना बेहद चिंता का विषय है। पहले ही पंजाब अनेक प्रकार की समस्याओं से जूझ रहा है जो दिन प्रतिदिन राज्य को खोखला बना रही है। पंजाब में नशे की लत युवाओं पीढ़ी के लिए विनाशकारी साबित हो रही है वहीं कानून व्यवस्था पर भी सरकार का कोई नियंत्रण नजर तो आता नहीं है। इसके साथ ही भगवंत मान सरकार के तो राज में राज्य में खालिस्तानी विचारधारा तक अपने पैर पसारने लगी है। वहीं अब ईसाई मिशनियरों का ये भयावह जाल पंजाब के लोगों को अपनी जद में ले रहा है। ये सबकुछ पंजाब को बर्बाद करके रख देगा।
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