Nato Ki Sthapna Kab Hui : Influence and Structure
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Nato Ki Sthapna Kab Hui के बारे में साथ ही इससे जुड़े परिषद एवं संरचना के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
नाटो की स्थापना –
नाटो की स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई। इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है। संगठन ने सामूहिक सुरक्षा की व्यवस्था बनाई हैजब दूसरा विश्व युद्ध ख़तम हुआ तो पूरे यूरोप की आर्थिक स्थिति में गिरावट दर्ज की गई जिसके कारण वहां रह रहे नागरिकों का दैनिक जीवन निम्न स्तर पर आ चूका था। इसी का लाभ प्राप्त करने के लिए सोवियत संघ ने ग्रीस और तुर्की में साम्यवाद की स्थापना करके पूरे विश्व के कारोबार पर अपना नियंत्रण करना चाहा और इन देशों पर अपना प्रभाव डालना चाहा।
सोवियत संघ की यह सोच काफी विस्तारवादी थी जिसे अमेरिका ने अच्छी तरह से आंक लिया था। इन्हीं कुछ समस्याओं के निवारण के लिए नाटो की स्थापना हुई। उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डेलानो रूज़वेल्ट का किसी वजह से निधन हो गया जिसके पश्चात हैरी एस ट्रूमैन को राष्ट्रपति के रूप में चुना गया।
नाटो क्या है-
नाटो विश्व का सबसे बड़ा सैन्य संगठन है जिसके अंतर्गत एक देश दूसरे देश में अपनी सेना भेजता है और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनिंग भी दी जाती है। साथ ही साथ यह आदेश भी दिया जाता है कि वह हर स्थिति को सख्ती से निपटाएं। नाटो की शुरुआत दूसरे विश्व युद्ध के बाद 4 अप्रैल 1949 में की गई।
हिंदी भाषा में नाटो को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन के नाम से जाना जाता है। नाटो का दूसरा नाम अटलांटिक अलायन्स भी है। मुख्य रूप से नाटो का उद्देश्य विश्व में शांति को कायम रखना है। आज के समय में नाटो के 30 सदस्य हैं।नाटो का फुल फॉर्म North Atlantic Treaty Organization (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) है
पूरा नाम | उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन |
स्थापना | 4 अप्रैल 1949 |
आधिकारिक भाषा- | अंग्रेजी, फ्रांसीसी |
मुख्यालय | ब्रुसेल्स (बेल्जियम) |
सदस्य देशों की संख्या | 30 |
मूल उद्देश्य | सामूहिक रक्षा, संकट-प्रबंधन और सहकारी सुरक्षा। |
नाटो प्रतिनिधिमंडल
ब्रुसेल्स बेल्जियम में नाटो का मुख्यालय है, जिसमें प्रत्येक सदस्य देश का एक प्रतिनिधि होता है जो उस देश का राजदूत होता है।
महासचिव
- महासचिव नाटो गठबंधन का शीर्ष अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवक है।
- महासचिव नाटो के मुख्य प्रवक्ता भी हैं और संगठन के अंतर्राष्ट्रीय कर्मचारियों के प्रमुख हैं
NATO की संरचना –
नाटो (NATO) का मुख्यालय ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है जो चार अंगो(परिषद, उप परिषद, प्रतिरक्षा समिति, सैनिक समिति से मिलकर बना है।
परिषद –
- यह नाटो का सबसे मुख्य और सर्वोच्च अंग है।
- इसकी बैठक वर्ष में एक बार होती है।
- इसका मुख्य उद्देश्य नाटो समझौते की मुख्य धाराओं को लागू करना है।
- उप परिषद्
- यह नाटो देशों की कूटनीतिक प्रतिनिधियों की परिषद है।
- यह सामान्य हितों वाले विषयों पर विचार करते हैं।
नाटो के क्या प्रभाव हुए –
- नाटो के गठन के बाद बहुत सारे देशों पर नाटो के विभिन्न प्रभाव पड़े जिसमें से कुछ निम्न बताने जा रहे हैं:-
- नाटो के गठन के बाद अमेरिकी अलगाववाद की समाप्ति हो गई और अब यूरोपियन मुद्दों पर तथस्ट नहीं रहा जा सकता था।
- अमेरिकी विदेश नीति पर भी नाटो का काफी प्रभाव पड़ा।
- दूसरे विश्व युद्ध के पश्चात जीर्ण-शीर्ण यूरोपियन देशों को सुरक्षा प्रदान की गई जिससे वह बिना किसी डर के आर्थिक और सैन्य कार्यों को पूरा कर सकें।
देशों का नाम | शामिल होने का वर्ष |
संयुक्त राज्य अमेरिका | 1949 |
यूनाइटेड किंगडम | 1949 |
तुर्की | 1952 |
स्पेन | 1982 |
रोमानिया | 2004 |
स्लोवेनिया | 2004 |
पुर्तगाल | 1949 |
स्लोवाकिया | 2004 |
लक्ज़मबर्ग | 1949 |
लिथुआनिया | 2004 |
पोलैंड | 1999 |
लातविया | 2004 |
आइसलैंड | 1949 |
फ्रांस | 1949 |
अल्बानिया | 2009 |
बेल्जियम | 1949 |
बुल्गारिया | 2004 |
कनाडा | 1949 |
क्रोएशिया | 2009 |
चेक गणराज्य | 1999 |
डेनमार्क | 1949 |
एस्टोनिया | 2004 |
हंगरी | 1999 |
ग्रीस | 1952 |
उत्तर मैसेडोनिया | 2022 |
जर्मनी | 1955 |
नीदरलैंड्स | 1949 |
मोंटेनेग्रो | 2017 |
क्रोएशिया | 1949 |
नॉर्वे | 1949 |
आशा करते है कि Nato Ki Sthapna Kab Hui के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।