Parishram in Hindi :Types and Importance

Parishram in Hindi

Parishram in Hindi Types and Importance

स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Parishram in Hindi के बारे में साथ ही इससे जुड़े प्रकार एवं महत्व के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.

परिश्रम –

कुछ लोग परिश्रम नहीं करते हैं और अपने भाग्य पर निर्भर रहते हैं वह लोग समझते हैं कि जो जीवन में लिखा है वही होगा ऐसे लोग परिश्रम करना बिल्कुल भी नहीं पसंद करते और ऐसे लोग दूसरों के मदद लेते हैं या उन पर निर्भर रहते हैं इस तरह के व्यक्ति को आलसी व्यक्ति कहा जाता है।परिश्रमी व्यक्ति अपना समय खराब नहीं करते हैं यह लोग ज्यादातर समय अपने काम में लगाते हैं,

जीवन में सफलता की कुंजी परिश्रम ही है। परिश्रम के बिना कोई भी व्यक्ति महान नहीं बन सकता है। परिश्रम द्वारा हम कठिन से कठिन काम हल कर सकते हैं। परिश्रम द्वारा हम वे सभी वस्तुएँ प्राप्त कर सकते. हैं, जिनकी हमको आवश्यकता है। परिश्रम वह प्रयत्न है जो कोई भी व्यक्ति अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए करता है।

परिश्रम और भाग्य –

कई लोगो द्वारा भाग्य को ही सब कुछ मान लिया जाता है उसे ही अत्याधिक महत्व देते है ऐसे लोग भाग्य पर निर्भर होने के कारण जीवन में बड़ा हासिल नही कर पाते और भाग्य के सहारे ही जीवन जीते है और आलस का दामन थाम लेते है जबकि परिश्रम से कोई भी मनुष्य अपने भाग्य को भी बदल सकता है।

परिश्रम के प्रकार –

मनुष्य अपने जीवन में प्रायः दो प्रकार से श्रम करता है-मानसिक व शारीरिक। जीवन में दोनों प्रकार के श्रम का विशेष महत्त्व होता है। मानसिक श्रम बौद्धिक विकास के लिए आवश्यक है तो शारीरिक श्रम  करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। शारीरिक श्रम से आलस्य दूर होता है तथा पाचनक्रिया ठीक बनी रहती है। डॉक्टर, वकील व अध्यापक बनने के लिए मानसिक श्रम की आवश्यकता होती है तो किसान को शारीरिक परिश्रम करना पड़ता है।

परिश्रम का महत्व –

परिश्रम का बहुत अधिक महत्व होता है। जब मनुष्य के जीवन में परिश्रम खत्म हो जाता है । अगर हम परिश्रम न करें तो हमारा खुद का खाना-पीना, उठना-बैठना भी संभव भी नहीं हो पायेगा। अगर मनुष्य परिश्रम न करे तो उन्नति और विकास की कभी कल्पना ही नहीं की जा सकती थी।

प्रेरणा –

व्यक्ति जब कोई परिश्रम करने जाता है तो कुछ समय बाद वह विचलित और हतोत्साहित हो जाता है। प्रेरणा वह है जो कड़ी मेहनत को गति प्रदान करती है।  प्रेरणा वह है जो हमें भीषण संघर्ष और कठिन बलिदानों के बावजूद खुद पर विश्वास बनाए रखने में मदद करती है।

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त्याग   –

यह कड़ी मेहनत की जड़ है, और जो कड़ी मेहनत को वास्तव में कठिन बनाती है। किसी भी महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण व्यक्तिगत बलिदान की आवश्यकता होती है। अपने रिश्तों, वित्त और आराम के स्तर में कम या खत्म करना ही असली परीक्षा है।

आशा करते है कि Parishram in Hindi के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।

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