फोन का निर्यात दोगुने से अधिक: भारत में सकारात्मक क्रांति ला रही है PLI योजना

जो भारत कभी बड़ी मात्रा में स्मार्टफोन का आयात किया करता था, वही भारत आज अपने आयात को घटाकर दोगुनी गति से स्मार्टफोन का निर्यात कर रहा है जोकि एक बड़ी उपलब्धि है।

मोबाइल फोन निर्यात

SOURCE TFI

मोबाइल फोन निर्यात: आज का भारत हर स्तर पर सशक्त होता जा रहा है, आज का भारत केवल आयातक नहीं रह गया है बल्कि एक निर्यातक के रूप में भी अपनी पहचान विश्वभर में बना रहा है। आज के भारत की दूसरे देशों पर से निर्भरता लगातार कम हो रही है और आज का भारत आत्मनिर्भर बनने की ओर तीव्र गति के साथ अग्रसर है। ये सब भारत सरकार के द्वारा लायी गयी योजनाओं के कारण ही संभव हो पा रहा है। ध्यान देना होगा कि देश को किसी चीज के लिए दूसरे देश पर निर्भर न होना पड़े इसलिए भारत सरकार के द्वारा ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम शुरू की गई। इस योजना का अर्थ भारत में ही सामानों का उत्पादन करना और अपने देश की पूर्ति के साथ-साथ विश्व के किसी भी कोने में जाकर उस उत्पाद को बेचना है।

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अब आयात नहीं निर्यात

जो भारत कभी बड़ी मात्रा में स्मार्टफोन का आयात किया करता था, वही भारत आज अपने आयात को घटाकर दोगुनी गति से मोबाइल फोन का निर्यात कर रहा है जोकि भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। दरअसल, देश में मोबाइल फोन का निर्यात महज 7 महीनों के भीतर 5 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है, जोकि पिछले साल की इसी अवधि में भारत के 2.2 बिलियन डॉलर के दोगुने से भी अधिक है।

भारत की इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मोबाइल फोन निर्यात दोगुने से भी अधिक होने पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की है। दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर के एक ट्वीट के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत विनिर्माण के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है।

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उत्पादन से जुड़ी PLI योजना

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार के द्वारा उत्पादन से जुड़ी PLI योजना शुरू की गई है। इस योजना में विशेषकर मोबाइल फोन के घरेलू निर्माण पर जोर दिया गया था। फोन के घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार भारत में मोबाइल का निर्माण करने वाली कंपनी को 4% से 6% प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि देती है। PLI योजना का स्पष्ट उद्देश्य भारत में मोबाइल फोन निर्माण को गति प्रदान करना है। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया योजना का हिस्सा है। भारत सरकार द्वारा लाई गई PLI योजना ने दुनिया की बड़ी कंपनियों को भारत की ओर आकर्षित किया है।

भारत सरकार का विजन देश को आत्मनिर्भर बनाना है और इसके लिए जरूरी है कि दूसरे देशों पर निर्भरता कम हो और सामानों का उत्पादन देश में किया जाए। ज्यादा से ज्यादा निर्यात हो इसके लिए भारत सरकार PLI योजना लेकर आई है। जिससे देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ भारत में सामानों के निर्यात में वृद्धि हो रही है। इस स्कीम में 13 क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इनमें ऑटोमोबाइल, लैपटॉप, मोबाइल फोन और दूरसंचार उपकरण, व्हाइट गुड्स इंडस्ट्री, रासायनिक सेल, टेक्सटाइल, फूड प्रोडक्शन सहित आईटी हार्डवेयर जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

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चीन को पछाड़ देगा भारत

इस योजना का उद्देश्य भारत में विदेशी कंपनियों को आमंत्रित करना साथ ही स्थानीय कंपनियों को मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की स्थापना या विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना से देश में रोजगार के अवसर में बढ़ोतरी हो रही है। भारत की PLI योजना से दुनिया की बड़ी-बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां प्रभावित हो रही हैं और भारत में अपने प्लांट लगा रही हैं। तो आज मोदी सरकार की PLI योजना कमाल कर रही है और भारत को निर्यातक बनाने में अपना अतुलनीय योगदान दे रही है। कहा तो ये भी जा रहा है कि वो दिन अब दूर नहीं जब भारत अपनी इन महत्वकांक्षी योजनाओं से चीन को पछाड़ देगा।

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