नई दिल्ली में बैठे राहुल गांधी बीजिंग के ‘आदमी’ हैं?

सर्वविदित है कि सीमा पर चीन ने जो दुस्साहस किया उसका भारतीय सेना के वीर जवानों ने मुंहतोड़ जबाव दिया था। लेकिन राहुल गांधी को तो वीर जवानों की बहादुरी पर ही संदेह हैं।

Rahul Gandhi is Beijing's man in New Delhi

SOURCE TFI

कांग्रेस पार्टी में सुधार करने के प्रयास तो खूब किए जा रहे हैं लेकिन उसके नेता देश की सेना को समय-समय पर कोसकर अपनी ओछी मानसिकता का प्रमाण दे देते हैं। दरअसल, हाल ही में भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे चीन को अपना बोरिया बिस्तर छोड़कर भागना पड़ा था। भारतीय सेना ने ड्रैगन सेना की भरभरकर कुटाई जो की थी। अतः सर्वविदित है कि सीमा पर चीन ने जो दुस्साहस किया उसका भारतीय सेना के वीर जवानों ने मुंहतोड़ जबाव दिया था।

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राहुल गांधी की घटिया बयानबाजी

एक तरफ जहां सीमा पर तैनात सैनिकों की बहादुरी की प्रशंसा पूरा देश कर रहा है और वीर सैनिकों को सराह रहा है। तो वहीं दूसरी ओर हमारे देश में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनकी भारतीय सेना के शौर्य पर प्रश्न उठाने की प्रवृत्ति जा नहीं रही है। ऐसे ही चुनिंदा लोगों में से एक हैं गांधी परिवार के राजकुमार राहुल गांधी जो अपनी घटिया बयानबाजी के चलते आए दिन अपनी फजीहत करवाते रहते हैं।

लेकिन देश की रक्षा के लिए कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सीमा पर तैनात रहने वाले भारतीय जवानों के शौर्य पर प्रश्न उठाने से घटिया और कुछ भी नहीं हो सकता है। ऐसे समय में जब भारतीय सेना के मनोबल को बढ़ाना चाहिए उसके स्थान पर राहुल गांधी अपनी घटिया राजनीति का परिचय देते हुए सेना को ही कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। राहुल गांधी का ऐसा करना उनके चीन कनेक्शन की ओर स्पष्ट इशारा करता है, वो कैसे तो चलिए इस पर विस्तार से प्रकाश डालते हैं।

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राहुल गांधी ने सेना की बहादुरी पर प्रश्न उठाए

दरअसल, गांधी परिवार के दुलारे राहुल गांधी ने भारतीय सेना को लेकर जो बयान दिया है उससे हर भारतीय को आपत्ति होगी क्योंकि उन्होंने विवादित बयान देते हुए सेना की बहादुरी पर प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश में हमारे जवानों को पीट रहे हैं। हालांकि राहुल गांधी के इस बयान पर उन्हें खूब लताड़ा गया। ध्यान देना होगा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों में हाथापाई हुई थी। भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश करने वाले चीनी सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने बड़ी ही बहादुरी के साथ खदेड़ा दिया, इस दौरान बड़ी संख्या में चीनी सैनिक घायल हुए।

जहां इस झड़प के बाद लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान दिया कि हमारे सैनिकों को कोई गंभीर चोट नहीं लगी है और न ही कोई भारतीय जवान मारा गया है। इतना ही नहीं इस झड़प को लेकर चीन की तरफ से भी बयान सामने आया है, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हालात नियंत्रण में हैं और चीन भारत से अनुरोध करता है कि वो दोनों देशों के बीच सरहद के समझौतों का पालन करे। लेकिन इतना सबकुछ जानने के बाद भी सेना के खिलाफ राहुल गांधी के द्वारा इस तरह की बयानबाजी को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता।

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पुराना चीन प्रेम

वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब कांग्रेस और राहुल गांधी की ओर से भारतीय सेना को लेकर घटिया बयानबाजी की गई हो, इस पहले भी राहुल गांधी भारतीय सेना के द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगने जैसा ओछा बयान दे चुके हैं। जिसके बाद लोगों ने राहुल बाबा की जमकर क्लास लगाई थी। वैसे कांग्रेस पार्टी का चीनी प्रेम कोई नई बात नहीं है। दरअसल, राहुल गांधी माताश्री सोनिया गांधी जी के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री और राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी के सपने को पूरा करने के लिए शुरू की गई राजीव गांधी फाउंडेशन पर चीन से चंदा लेने जैसे आरोप लगते आए हैं।

टीएफआई मीडिया के वरिष्ठ सदस्य अजीत दत्ता ने ट्वीट करते हुए बताया था कि वर्ष 2020 में उन्होंने राजीव गांधी फाउंडेशन की वेबसाइट पर जो जानकारी उपलब्ध थी, उसी से कुछ खोजबीन की थी। उस खोजबीन से पता चलता है कि CAIFC की स्थापना 1984 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के हितों को दूसरे देशों में साधना है, इसके साथ ही ये दोहरी भूमिका निभाती है। एक तरफ तो CAIFC इंटेलिजेंस के लिए जानकारियां जुटाती है और दूसरी तरफ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए प्रोपेगेंडा और कैंपेन करती है।

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क्या राहुल गांधी चीन के एजेंट हैं?

हालांकि हाल ही में भारत सरकार ने इस फाउनडेशन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए इसके लाइसेंस को रद्द कर दिया था। बता दें कि इस राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं, इस फाउंडेशन के ट्रस्टियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम शामिल हैं। ऐसे में अब एक बार फिर जब राहुल गांधी का प्रेम चीन के लिए जागा है तो लोगों के दिमाग में कई प्रश्न भी उठते होंगे जैसे- क्या राहुल गांधी चीन के एजेंट हैं? क्या राहुल गांधी भारतीय सेना के खिलाफ घटिया बयानबाजी करके चीन के द्वारा मिले चंदे का कर्ज उतार रहे हैं। प्रश्न कई है जिनके उत्तर केवल और केवल राहुल गांधी को पता होंगे।

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