भगवा बिकिनी पर बवाल: यह छुईमुई दृष्टिकोण हमें दिशाहीन कर देगा

पोशाक के रंग को लेकर विरोध करना एक हास्यास्पद कृत्य है जो पहले से चल रहे अभियानों की विश्वसनीयता को कमजोर करता है और ऐसे विरोध से बचना ही उचित है।

Row over Bhagwa Bikini : This touch-me-not attitude is going to land us nowhere

SOURCE TFI

शाहरुख खान की आने वाली फिल्म पठान का एक गाना आया है जिसका नाम है बेशर्म रंग। इस गाने ने सोशल मीडिया पर इतना रंग फैला दिया कि पूरा सोशल मीडिया इस गाने के विरोध में रंग गया है। बेशर्म रंग में टुकड़े-टुकड़े गैंग की सदस्य मानी जाने वाली अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के द्वारा धारण किए गए वस्त्र के रंग (Saffron bikini) को लेकर फिलहाल बवाल मचा हुआ है। लोग करोड़ों रुपये में बनी इस फिल्म को 2 कौड़ी की फिल्म बनाने की बात कर रहे हैं।

इस लेख में जानेंगे कि कैसे भगवा बिकनी जैसे हल्के मुद्दे को लेकर बहिष्कार और विरोध का रास्ता अपनाना ठीक नहीं है और कैसे ऐसा करना बॉलीवुड के सच को सबके सामने लाने के अभियान का बाधक बन सकता है।

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दीपिका के वस्त्रों पर बवाल

पठान मूवी को बायकॉट करने की मांग जोरों-शोरों से की जा रही है, लोगों का कहना है कि शाहरुख खान की पठान का आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा से भी बूरा हाल किया जाएगा। अगर आप सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय हैं तो आप इस बात से तो परिचित ही हो होंगे कि सतरंगी बिकनी (Saffron bikini) पहनकर बेशर्म रंग गाने में नृत्य करने वाली दीपिका के किन वस्त्रों को लेकर यह विवाद हो रहा है। वैसे तो दीपिका पादुकोण ने इस गाने में कई रंग की बिकनी पहनी हुई हैं। लोगों का कहना है कि गाने के एक सीन में दीपिका पादुकोण ने भगवा रंग की बिकनी (Saffron bikini) पहनी है जो सनातन धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। लेकिन क्या असल में दीपिका पादुकोण ने गाने में भगवा रंग की बिकनी पहनी (Saffron bikini) भी है? सच तो ये है कि वो भगवा रंग है ही नहीं, बल्कि केसरिया रंग जैसा कोई और रंग है।

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सनातन धर्म का अपमान

अब बात करते हैं शाहरुख खान की फिल्म पठान का बहिष्कार करने की। दरअसल, इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बॉलीवुड का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। क्योंकि बॉलीवुड पर समय-समय पर सनातन धर्म का अपमान करने और सनातन धर्म का मखौल उड़ाने जैसे आरोप लगते आए हैं। अगर बॉलीवुड अपनी इस तरह की घटिया हरकतें करता है तो अवश्य ही यह बहिष्कार के लायक ही है और इसके विरुद्ध चल रहे अभियान फलने-फूलने भी चाहिए।

लेकिन दीपिका पादूकोण ने किस रंग के कपड़े पहने हैं अगर इस बात को लेकर फिल्म का बहिष्कार किया जाने लगा तो यह बॉलीवुड़ में फैली गंदगी को खत्म करने के लिए देश में छिड़ी बहस को कमजोर करेगा। फिल्म में किस अभिनेत्री ने किस रंग की बिकनी पहनी है, इस मुद्दे को लेकर बहिष्कार अभियान चलाने के बजाए असल मुद्दों का चयन करना बहुत आवश्यक है। जिससे बॉलीवुड को वास्तव में सबक सिखाया जा सके।

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गलत बयानों का बहिष्कार करना होगा

शाहरुख़ ख़ान की फिल्म का बॉयकॉट करना ही है तो उनकी उन गलत बयानों को बहिष्कार का आधार बनाना सही होगा जिसमें उन्होंने हिंदू विरोधी या कुछ देश विरोधी बातें बोली हों। अन्यथा बॉलीवुड के विरुद्ध चले रहे अभियान की गंभीरता का स्तर गिरेगा। वो कैसे तो, इसे और अच्छे से समझने के लिए देखना होगा कि जब लोगों ने बेशर्म गाने में दीपिका के पोशाक को लेकर विरोध करना शुरू किया तो देश के वामपंथियों ने बीजेपी नेता मनोज तिवारी, दिनेश लाल यादव यानी निरहुआ और रविकिशन के उन सीन की तस्वीरें शेयर कीं जिसमें उनके साथ गाने में अभिनय कर रहीं अभिनेत्रियों ने दीपिका के जैसे पोशाक पहने हैं। ऐसे ही अनेक उदाहारण मौजूद हैं, अभिनेता और अभिनेत्रियों ने इस रंग की पोशाक पहनी हैं। जिसकों आधार बनाकर देश का वामपंथी गैंग दीपिका और पठान के बचाव में उतर आया है।

सारगर्भित बात यह है कि बिना आधार के पोशाक के रंग को लेकर विरोध करना एक हास्यास्पद अभियान है जो पहले से चल रहे अभियानों की विश्वसनीयता को कमजोर करता है और ऐसे विरोध से बचना ही उचित है।

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