Saur Urja : Value and Advantage
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Saur Urja के बारे में साथ ही इससे जुड़े महत्व एवं लाभ के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
सौर ऊर्जा वह उर्जा है जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। सौर ऊर्जा ही मौसम एवं जलवायु का परिवर्तन करती है। यहीं धरती पर सभी प्रकार के जीवन का सहारा है।सौर उर्जा के विविध प्रकार से प्रयोग किया जाता है, किन्तु सूर्य की उर्जा को विद्युत उर्जा में बदलने को ही मुख्य रूप से सौर उर्जा के रूप में जाना जाता है। सूर्य की उर्जा को दो प्रकार से विदुत उर्जा में बदला जा सकता है। पहला प्रकाश-विद्युत सेल की सहायता से और दूसरा किसी तरल पदार्थ को सूर्य की उष्मा से गर्म करने के बाद इससे विद्युत जनित्र चलाकर।विज्ञान व संस्कृति के एकीकरण तथा संस्कृति व प्रौद्योगिकी के उपस्करों के प्रयोग द्वारा सौर ऊर्जा भविष्य के लिए अक्षय ऊर्जा का स्रोत साबित होने वाली है।
सूर्य से सीधे प्राप्त होने वाली ऊर्जा में कई विशेषताएं हैं। जो इस स्रोत को आकर्षक बनाती हैं। जो कि विश्व की संपूर्ण विद्युत खपत से कई गुने अधिक है। साफ धूप वाले बिना धुंध व बादल के दिनों में प्रतिदिन का औसत सौर-ऊर्जा का सम्पात 4 से 7 किलोवाट घंटा प्रति वर्ग मीटर तक होता है। देश में वर्ष में लगभग 250 से 300 दिन ऐसे होते हैं जब सूर्य की रोशनी पूरे दिन भर उपलब्ध रहती है।
सौर ऊर्जा –
सौर ऊर्जा वह ऊर्जा है जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। वैसे तो सौर ऊर्जा का इस्तेमाल पेड़-पौधों, जीव जंतुओं एवं जलवायु द्वारा किया विभिन्न स्तर पर किया जाता है लेकिन आजकल सौर ऊर्जा से विद्युत् उत्पन्न करने का भी प्रचलन बढ़ गया है। सौर ऊर्जा से विद्युत् उत्पन्न करने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जाता है।
महत्त्व –
हम पर्यावरण को नुक्सान पहुँचाए बिना बिजली उत्पन्न करते हैं। सोलर पैनल से विद्युत् उत्पन्न करने पर किसी भी प्रकार की विषैली गैस का उत्सर्जन नहीं होता है न ही किसी प्रकार से ध्वनि प्रदूषण होता है एवं इसमें विद्युत् उत्पादन के दौरान वायु प्रदूषण भी नहीं होता है। आजकल खेती में भी सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का भरपूर उपयोग हो रहा है इसके साथ ही आप सौर पैनल अपने घरों में, वाणिज्यिक इमारतों, कंपनियों आदि में भी लगवा सकते हैं।
उपयोग –
जल उष्मन, खाना पकाने, प्रशीतलन, जल परिष्करण तथा विद्युत ऊर्जा उत्पादन हेतु किया जा सकता है।
सौर ऊर्जा के लाभ –
- इसका रखरखाव कम है क्योंकि इसमें कोई हिलने-डुलने वाले हिस्से नहीं हैं और कोई टूट-फूट नहीं है। इसलिए भले ही शुरुआती लागत अधिक हो, सौर संयंत्रों के लिए रखरखाव की लागत अपेक्षाकृत कम है।
- सौर ऊर्जा प्रदूषण मुक्त है और स्थापना के बाद कोई ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करती है।
- सौर ऊर्जा में कम चलने वाली लागत और ग्रिड टाई-अप कैपिटल रिटर्न शामिल है।
- वर्तमान समय में सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सौर संयंत्र बंजर और कम कृषि उत्पादकता वाली भूमि पर लगाए जा सकते हैं। अतः इसके लिए वृक्षों को काटने और भूमि को खाली करने की जरूरत नहीं है।
- इसमें जल आसवन से लेकर बिजली उपग्रहों तक के विविध प्रकार के प्रयोग हैं।
सौर ऊर्जा से हानि –
- सौर पैनल बहुत भारी होते हैं और इन्हें संभालना आसान नहीं होता है।
- इसको इंस्टॉल करने के लिए प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता होती है।
- सौर ऊर्जा भंडारण महंगा है
- सौर ऊर्जा का उत्पादन पूरी तरह से गैर-प्रदूषणकारी है,
- परिवहन और सौर प्रणालियों की स्थापना जीएचजी उत्सर्जन से जुड़ी है।
आशा करते है कि Saur Urja के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।