अमिताभ बच्चन ने शत्रुघ्न सिन्हा के साथ कभी भी काम ना करने की कसम क्यों खाई थी?

एक समय तक अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा अच्छे दोस्त हुआ करते थे, परंतु फिर इनकी दोस्ती में दरार आ गई। इसके पीछे का कारण शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया था।

अमिताभ बच्चन शत्रुघ्न सिन्हा

Source- TFI

“जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं, जिस राख से बारूद बने, उसे विश्वनाथ कहते हैं।”

ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसे अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के विश्वनाथ फिल्म में बोले इस चर्चित संवाद का स्मरण न हो। हिंदी फिल्म जगत के जाने-माने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा आज भी अपने लाजवाब डायलॉग डिलीवरी के लिए जाने जाते हैं। 80 के दशक में बुलंद आवाज से हर किसी को खामोश कर देने वाले सिन्हा ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से बॉलीवुड में तहलका मचा रखा था। शत्रुघ्न सिन्हा एक ऐसे इकलौते अभिनेता थे जो बॉलीवुड के अमिताभ बच्चन को पछाड़ने तक का गुदा रखते थे।

और पढ़े: दो चोपड़ा बंधुओं की कहानी – एक ने अपना वर्चस्व स्थापित किया तो दूसरे हँसी के पात्र बन गए

दोस्ती की दी जाती थीं मिसालें

शत्रुघन सिन्हा ने अपने फ़िल्मी करियर में कई बॉलीवुड अभिनेताओं के साथ स्क्रीन शेयर की थी, उसमें एक नाम बिग बी यानी अमिताभ बच्चन का भी शामिल है। एक समय ऐसा था जब इन दोनों अभिनेताओं की दोस्ती की मिसालें भी दी जाती थी लेकिन फिर कुछ समय बाद इन दो दोस्तों के बीच दीवार खड़ी हो गयी। क्या आपको पता है वो कौन सी फिल्म थी जिसके बाद अमिताभ बच्चन ने शत्रुघ्न सिन्हा के साथ फिर कभी काम न करने की कसम खा ली थी? आइये हम बताते हैं आपको क्या था पूरा किस्सा?

बॉलीवुड जगत से लेकर राजनीति तक अपना लोहा मनवाने वाले अभिनेता शत्रुघन सिन्हा ने कालीचरण, विश्वनाथ, शान, काला पत्थर जैसी फिल्मों बेहतरीन फिल्मों में अपने अभिनय का जादू दिखाया है। अपने फिल्मी करियर में शत्रुघ्न सिन्हा ने कम से कम 200 हिन्दी फ़िल्मों में काम किया और अद्भुत एक्टिंग के जरिए अलग छाप छोड़ी।

और पढ़े: अजय देवगन से पहले इन दो अभिनेताओं को ऑफर की गई थी फिल्म दृश्यम, अच्छा किया ठुकरा दिया

दोस्ती में आई दरार

‘नसीब’, ‘काला पत्थर’, ‘शान’ और ‘दोस्ताना’ जैसी कई बड़ी फिल्मों में अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा साथ दिखाई दिए थे। उस दौर में अमिताभ और शत्रुघ्न सिन्हा की दोस्ती के चर्चे बॉलीवुड गलियारों में खूब हुआ करते थे लेकिन फिर इनकी दोस्ती में मानो एक दीवार खड़ी हो गयी थीं। फिल्म काला पत्थर के समय तो दोनों ने एक दूसरे से बात करना तक बंद कर दिया था और तब से एक साथ किसी भी फिल्म में अभिनय करते हुए नज़र नहीं आए।

सिन्हा ने अपनी बायोग्राफी ‘एनीथिंग बट खामोश’ (Anything But Khamosh: The Shatrughan Sinha Biography) में भी इस बात का खुलकर अपनी बात रखी। शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया था कि 70s में उनका कद अमिताभ बच्चन से अधिक था और वह इस बात से उनसे जलने लग गए थे। उन्हें लगता था कि मैं नसीब से लेकर दोस्ताना जैसी फिल्मों में उनपर भारी रहा। दोनों की दोस्ती में खलल पड़ने का ये भी एक बड़ा कारण था। शत्रुघ्न सिन्हा ने ये भी बताया था कि अमिताभ बच्चन की वजह से उन्होंने कई फिल्मों के साइनिंग अमाउंट भी लौटाया था।

और पढ़े: चंद्रकांता- वह सीरियल जिसे बंद करने के लिए स्वयं दूरदर्शन को कदम उठाने पड़े

बात करना भी कर दिया था बंद

वहीं बायोग्राफी के लॉन्च के समय एक इंटरव्यू में शत्रुघ्न सिन्हा से जब प्रश्न पूछा गया कि क्या वह उनकी और अमिताभ बच्चन की दोस्ती में आई दरार का कारण रेखा और जीनत अमान को मानते हैं? तब उन्होंने हंसते हुए कहा था कि ‘काला पत्थर’ फिल्म की शूटिंग के समय एक मशहूर एक्ट्रेस अमित से मिलने आया करती थीं। अमिताभ कभी भी हमारी उनकी मुलाकात नहीं करवाते थे।

अपनी बुलंद आवाज और चाल-ढाल के अतरंगी ढंग की शैली के कारण शत्रुघ्न जल्दी ही दर्शकों के दिलों में राज़ करने लगे थे। उस दौर में बिग बी के साथ शत्रुघ्न की भी एक के बाद एक कई फ़िल्में रिलीज़ हो रही थी। जब भी शत्रुघ्न सिन्हा, अमिताभ बच्चन के साथ फिल्मों में आते थे वो उनको टक्कर तो देते ही थे लेकिन कभी कभी तो उनको खा भी जाते थे। इस बात का प्रमाण आपको फिल्म काला पत्थर देखकर मिल जाएगा जिसमें उन्होंने कहा था ‘तीसरे बादशाह हम है’। यह केवल एक डायलॉग नहीं बल्कि वास्तविकता थीं। देखा जाए तो उस समय हिंदी फिल्म जगत में दो ही बादशाहों का बोलबाला था। एक थे अमिताभ बच्चन और दूसरे राजेश खन्ना। ऐसे में बॉलीवुड में उन दिनों दो बादशाह होने पर स्वयं को तीसरा बादशाह कहना केवल एक संवाद तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने इसे साबित भी किया था।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version