Upsarg Kise Kahate Hain : उपसर्ग किसे कहते हैं?
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Upsarg Kise Kahate Hain बारे में साथ ही इससे जुड़े उदाहरण एवं प्रकार के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
उपसर्ग किसे कहते हैं? –
वे शब्दांश जो किसी मूल शब्द के पूर्व में लगकर नए शब्द का निर्माण करते हैं नए अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं।
उदाहरण –
पराजय, यहाँ परा शब्दांश ने जय शब्द के आदि में जुड़कर = पराजय नया शब्द बनाया है और जय शब्द के अर्थ को बदल दिया है — जय का अर्थ होता है जीत और पराजय का अर्थ एकदम उल्टा होता है, हार अतः यहा परा उपसर्ग है।
- प्र + हार = प्रहार (चोट पहुँचाना)
- उप + हार = उपहार (भेंट)
- आ + हार = आहार (भोजन)
- सम् + हार = संहार (नाश)
उदाहरण-
- अभि + हार = अभिहार – आक्रमण
- अनु + हार = अनुहार – समानता
- अप + हार = अपहार – उड़ा ले जाना
- आ + हार = आहार – भोजन
- उद् + हार = उद्धार – त्राण
- उप + हार = उपहार – भेंट
- प्र + हार = प्रहार – चोट
- प्रति + हार = प्रतिहार – द्वारपाल
- परि + हार = परिहार – निवारण
- वि + हार = विहार – क्रीड़ा
- सम् + हार = संहार – नाश
उपसर्ग कितने प्रकार के होते हैं
हिन्दी में चार प्रकार के उपसर्ग प्रयुक्त होते हैं
(1) संस्कृत के उपसर्ग
(2) हिन्दी के उपसर्ग
(3) उर्दू के उपसर्ग (अरबी + फारसी)
(4) अँगरेजी के उपसर्ग
हिन्दी के उपसर्ग –
- अगम्य अ + गम्य
- अधर्म अ + धर्म
- अधखिला अध + खिला
- अधमरा अध + मरा
- उनतीस उन + तीसा
- उनसठ उन + सठ
- औघड़ औ + घड़
- औगुण औ + गुन
- कुपात्र कु + पात्र
- कुख्यात कु + ख्यात
संस्कृत भाषा के उपसर्ग –
- प्रत्येक = प्रति + एक सु + संगठित
- प्रतिध्वनि = प्रति + ध्वनि सु + डौल
- दुरात्मा = दुर् + आत्मा सु + संगठित
- दुर्गति = दुर् + गति सु + डौल
- संहार = सम् + हार सु + संगठित
- संशय = सम् + शय सु + डौल
- अध्यक्ष अधि + अक्ष
- अध्यादेश अधि + आदेश
उर्दू, अरबी-फारसी उपसर्ग –
- अलबत्ता अल + बत्ता
- अलमस्त अल + मस्त
- हररोज हर रोज
- हरसाल हर साल
- शब्द उपसर्ग
- बदकिस्मत -बद + किस्मत
- बदमाश बद + माश
- नाराज ना + राज
- नालायक ना + लायक
आशा करते है कि Upsarg Kise Kahate Hain के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे लेख पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।