खान सर से वामपंथियों, कांग्रेसियों को इतनी समस्या क्यों है?

खान सर के पीछे पड़े वामपंथी भले ही उनके लिए विष उगलें लेकिन यही वामपंथी अपनी हरकतों से न चाहते हुए भी उन्हें सबका चहेता बनाने पर तुले हुए हैं।

Why the left hates Khan Sir?

SOURCE TFI

ऐसी वाणी बोलिए कि जमकर झगड़ा होय,

पर उनसे न पंगा लीजिए जो आपसे तगड़ा होय!”

Khan Sir Controversy: लगता है वामपंथी बिरादरी का इस चुटकुले से छत्तीस का आंकड़ा रहा है तभी तो वह अनेकों बार मुंह उठाकर अपनी भद्द पिटवाने हेतु आ जाते हैं। अब खान सर के बारे में जो नहीं जानता वो या तो इस लोक का प्राणी नहीं है या फिर जीवन भर किताबों में अपना मस्तक गड़ाया रहा है। हां, वामपंथियों की बात अलग है, वो तो इनसे अलग ही पगलाये हुए हैं।

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खान सर को निशाने पर लिया

हाल ही में कांग्रेस आईटी सेल ने यूट्यूब पर कोचिंग के लिए चर्चित खान सर को निशाने पर लेते हुए ट्वीट में उसे लगभग धमकाया है और उसे भारत की धर्मनिरपेक्षता पर ‘कीचड़ उछालने’ का आरोप लगाया है। कांग्रेस सोशल मीडिया प्रभारी सुप्रिया श्रीनाते ने एक अपमानजनक पर हास्यास्पद ट्वीट में पोस्ट किया- “घटिया निहायत ही घटिया – इसे गिरफ़्तार करना चाहिए और जो अट्टहास कर रहे हैं इनकी भद्दी बेहूदा बातें सुन कर उनको सोचना चाहिए कि क्या बन रहे हैं हम?” –

Khan Sir से सम्बंधित Controversy तब पैदा हुई, जिस वीडियो पर वो कमेंटरी कर रही थीं उसमें खान सर दो व्यक्तियों के माध्यम से अल्पसंख्यक तुष्टीकरण और उसके दुष्परिणाम को अपने ही चुटीले शैली में समझा रहे थे। अब चक्कर क्या है कि ‘खान सर’ अपनी ही धुन में चलने वाले व्यक्ति हैं। ये किसी की नहीं सुनते और इन पर तो RRB NTPC परीक्षा में हिंसक छात्रों को बढ़ावा देने का आरोप भी लगा था।

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वामपंथियों को हो रही है पीड़ा

अब ये आरोप कितने सच है ये तो जांच पड़ताल का विषय है परंतु एक बात तो शत प्रतिशत सत्य है कि अगर खान सर से कोई सबसे अधिक कुपित है तो वो दक्षिणपंथी नहीं, वामपंथी है। ‘खान सर’ छोड़ते किसी को भी नहीं परंतु पीड़ा सबसे अधिक वामपंथियों को ही होती है। विश्वास नहीं होता तो इस उत्तर को देख लीजिए, जो उक्त वीडियो के प्रत्युत्तर में कई समय पूर्व ही खान सर ने बनाया था –

परंतु खान सर इसीलिए वामपंथियों के निशाने पर नहीं रहे हैं। यह कारनामा 2020 से ही चला आ रहा है। कुछ लोग खान सर पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, तो कुछ लोग खान सर को मुसलमान मानने से ही इनकार कर रहे हैं। लेकिन इस शिक्षक ने जिस प्रकार से आतंकवाद पर अपना पक्ष रखा है और जिस प्रकार से उन्होंने उग्रवादियों पर तंज कसा है, उसके पीछे कई लोग सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर समर्थन भी दे रहे हैं।

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बेतुके प्रदर्शनों पर जबरदस्त तंज

उदाहरण के लिए 2021 में बंधुवर ने सैमुएल पैटी की हत्या के बाद फ्रांस के रुख को लेकर पाकिस्तान के बेतुके प्रदर्शनों पर जबरदस्त तंज कसा था। इसके साथ ही उन्होंने इस प्रदर्शन में नन्हे मुन्नों की भागीदारी पर चिंता जताते हुए कहा है, “बच्चा लोग, तुम्हें अभी पढ़ाई करनी चाहिए। आपको पता भी है आप किस चीज़ में भाग ले रहे हैं? आपके पिता लोग तो पंचर बनाते रह गए, यदि आप लोग यहां से नहीं निकले, तो आप भी अपने पिता का काम ही पकड़ेंगे।”

अब ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि खान सर से वामपंथी और इस्लामिस्ट काफी खार खाए हुए हैं, क्योंकि जो भी उनके तुगलकी फरमान नहीं मानता, वो इस धरती पर ही रहने योग्य नहीं, विचार रखना तो दूर की बात। परंतु खान सर का हिसाब सिम्पल है – भाड़ में जाए दुनिया, हम बजाए हरमुनिया।

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