Albert Einstein Biography in Hindi : अल्बर्ट आइंस्टीन बायोग्राफी इन हिंदी : शिक्षा एवं शादी
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Albert Einstein Biography in Hindi साथ ही इससे जुड़े शिक्षा एवं शादी के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें
| पूरा नाम | अल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन |
| जन्म | 14 मार्च 1879 |
| जन्म स्थान | उल्म (जर्मनी) |
| निवास | जर्मनी, इटली, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, |
| पिता | हेर्मन्न आइंस्टीन |
| माता | पौलिन कोच |
| पत्नी | मरिअक पहली , एलिसा लोवेन्न थाल (दूसरी पत्नी
|
| शिक्षा | स्विट्ज़रलैंड, ज्यूरिच पॉलीटेक्निकल अकादमी |
| क्षेत्र | भौतिकी |
| पुरस्कार
| भौतिकी का नॉबल पुरस्कार, मत्तयूक्की मैडल, कोपले मैडल, मैक्स प्लांक मैडल, शताब्दी के टाइम पर्सन |
| मृत्यु | 18 अप्रैल 1955 |
प्रारंभिक जीवन –
भौतिकी के महान वैज्ञानिक, नोबेल पुरस्कार विजेता अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 को जर्मनी के एक छोटे से शहर उलम में एक यहूदी परिवार में हुआ था. उस समय जर्मनी पर एडोल्फ हिटलर का शासन चलता था. अल्बर्ट आइंस्टीन के पिता का नाम – हरमन आइंस्टीन था. तथा माता का नाम पौलिन आइंस्टीन था. उनके पिता एक इंजीनियर थे. साथ ही वे एक बिजनेसमैन भी थे ।
अल्बर्ट आइंस्टीन की शादी –
विश्व के इस महान वैज्ञानिक ने अपने जीवन में दो शादियां की थी। वे स्कूल में मिलेना मरिअक से मिले थे, जिसके बाद साल 1903 में उन दोनो ने शादी कर ली, उन्हें इस शादी से तीन संतानें भी प्राप्त हुईं थी, हालांकि यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाई और साल 1919 में उन दोनों में तलाक हो गया। इसके बाद आइंस्टीन ने एलिसा लोवेस से अपनी दूसरी शादी रचा ली।
रिसर्च –
अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन काल में 300 से भी अधिक वैज्ञानिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। कुछ रिसर्च में आइंस्टीन की पहली पत्नी मालवा मेरिक ने मदद किया था।
अल्बर्ट आइंस्टीन –
उन्होंने अपने जीवन में कई सारे खोज किए ही पर विश्व विख्यात प्रसिद्ध वैज्ञानिक होने का वजह E=MC² रहाथा। इस इक्वेशन का खोज उन्होंने 1945 में किया था। E=MC² में परमाणु द्रव्यमान और ऊर्जा का यह समीकरण है जिससे आज परमाणु ऊर्जा और क्लियर ऊर्जा जैसे खतरनाक मिसाइल बनाने में इस फार्मूले का यूज़ होता है।
विचार –
- क्रोध मूर्खों की छाती में ही बसता है।
- यदि मानव जीवन को जीवित रखना है तो हमें बिलकुल नयी सोच की आवश्यकता होगी।
- इन्सान को यह देखना चाहिए कि क्या है, यह नहीं कि उसके अनुसार क्या होना चाहिए।
- कोई भी समस्या चेतना के उसी स्तर पर रह कर नहीं हल की जा सकती है जिस पर वह उत्पन्न हुई है।
- बिना सवाल किसी अधिकृत व्यक्ति का सम्मान करना सत्य के खिलाफ जाना है।
- बीते हुए कल से सीखना, आज में जीना, कल के लिए आशा रखना। सबसे महत्तवपूर्ण चीज़ है, प्रशन पूंछना बंद मत करना।
- मूर्खता और बुद्धिमता में यह फर्क है की बुद्धिमता की एक सीमा होती है।
- प्रत्येक इंसान जीनियस है। लेकिन यदि आप किसी मछली को उसकी पेड़ पर चढ़ने की योग्यता से जज करेंगे तो वो अपनी पूरी ज़िन्दगी यह सोच कर जिएगी की वो मुर्ख है.
पुरस्कार
- भौतिकी का नॉबल पुरस्कार सन 1921 में दिया गया.
- मत्तयूक्की मैडल सन 1921 में दिया गया.
- कोपले मैडल सन 1925 में दिया गया.
- मैक्स प्लांक मैडल सन 1929 में दिया गया.
- शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार सन 1999 में दिया गया.
मृत्यु –
समय 18 अप्रैल 1955 में उनकी मृत्यु हो गई आइंस्टाइन की मृत्यु के बाद उनके परिवार की अनुमति के बिना उनका दिमाग निकाल लिया गया। यह अनैतिक कार्य Dr.Thomas Harvey ने उनके दिमाग पर रिसर्च करने के लिए किया गया। 1975 में उनके बेटे Hans की आज्ञा से उनके दिमाग के 240 सैंपल कई वैज्ञानिकों के पास भेजे जिन्हें देखने के बाद उन्होने पाया कि उनके दिमाग में आम इन्सान से ज्यादा cells की गिनती हुई।
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