कांग्रेस पार्टी के चश्मोचिराग राहुल गांधी पिछले कई महीनों से भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) पर निकले हैं। परंतु इस यात्रा का असल उद्देश्य क्या है- राहुल गांधी की छवि चमकाना, बिखरती कांग्रेस को संजीवनी देना या फिर हिंदू धर्म का अपमान करना? यह कुछ ऐसे प्रश्न हैं, जो राहुल की इस यात्रा के दौरान निरंतर उठ रहे हैं। अगर आज हम आपसे ये कहें कि राहुल गांधी भारत जोड़ों यात्रा को सिर्फ हिंदू धर्म को अपमानित करने के उद्देश्य से निकाल रहे हैं। अगर हम ये कहें कि इस यात्रा में सिर्फ और सिर्फ राहुल हिंदू हितैशी बनने का ढोंग कर रहे हैं और अपनी इस यात्रा के दौरान उन्होंने हिंदू धर्म के लोगों को नीचा दिखाने का काम किया है तो कांग्रेसियों को बुरा नहीं लगना चाहिए। क्योंकि हम ऐसा यूं ही नहीं कह रहे हैं। इसके क्रमानुसार प्रमाण भी आपके सामने प्रस्तुत करेंगे।
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Bharat Jodo Yatra में तपस्वियों और पुजारियों को लेकर विवादित बयान
दरअसल, हाल ही में भारत जोड़ने निकले राहुल गांधी ने एक बार फिर हिंदुओं को तोड़ने वाला बयान दे दिया है। राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा- ‘भारत तपस्वियों का देश है, पुजारियों का नहीं’। जिसके बाद एक बार फिर राहुल का हिंदू विरोधी चेहरा सामने आ गया है क्योंकि पुजारी भी तपस्वी ही होता है। क्योंकि देश में पुजारी भी कठिन से कठिन परिस्थितयों में अपना जीवन व्यतीत करते हैं। तपस्वी भी हिंदू है और पुजारी भी। लेकिन कांग्रेस सासंद भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में देश का इतना लंबा भ्रमण करने के बाद भी ये नहीं जान पाए। पुजारियों का अपमान करते हुए राहुल सनातन धर्म में फूट डालने का काम कर रहे हैं।
विवादित पादरी से मिले थे राहुल
वैसे देखा जाये तो पूरी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल यही तो करते आये हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) की शुरुआत ही हिंदू विरोध से हुई थीं। वो अपनी इस यात्रा के दौरान पादरी जॉर्ज पोन्नैया से मिले थे। अब सोच रहे होंगे कि पादरी से मिलना कौन सा हिंदू विरोध हो गया? दरअसल, ये कोई ऐसे वैसे पादरी बिल्कुल भी नहीं थे। राहुल गांधी और पादरी की मुलाकात सुर्खियों में रही थीं, क्योंकि जॉर्ज पोन्नैया वही व्यक्ति हैं जिन्होंने भारत माता का अपमान किया था और कहा था कि हमारी संस्कृति में लोग चप्पलें पहनते हैं ताकि भारत माता की गंदगी हमें गंदा न कर दें। पादरी ने आगे ये तक कहा था कि यह भूमि खतरनाक है, इससे हमें चर्मरोग हो सकता है।
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केवल इतना ही नहीं कि पादरी ने राहुल गांधी के सामने हिंदू धर्म का अपमान करते हुए ये तक कह दिया था कि यीशु मसीह ही एकमात्र वास्तविक भगवान हैं, कोई शक्ति देवी या देवता भगवान नहीं हैं। पादरी के द्वारा इतना कहने के बावजूद भी राहुल गांधी ने पादरी के विरुद्ध एक शब्द भी नहीं बोला था। जो राहुल गांधी के हिंदू हितैशी होने की ढोंग की ओर ही इशारा करता है।
गौ हत्यारे के साथ राहुल गांधी
फिर राहुल अपनी इस यात्रा के सफर में ही रिजिल मकुट्टी नाम के एक व्यक्ति से मुलाकात की थी, जिसपर गौ हत्या के आरोप लगे हैं। आपको बता दें कि रिजिल मकुट्टी कांग्रेस के ही नेता थे जिस पर वर्ष 2017 में बीफ प्रतिबंध के विरोध में सड़क पर बछड़े की हत्या करने के आरोप है। जब लोगों का विरोध बढ़ा तो पार्टी ने रिजिल मकुट्टी को निलंबित कर दिया। वहीं रिजिल मकुट्टी के भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ चलने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं थी, जिनमें दोनों मुस्कारते दिखाई पड़ रहे हैं।
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कई विवादित बयान भी दिए
इसके अलावा अन्य मामलों का जिक्र करें तो भाजपा और आरएसएस पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कई बार हिंदू धर्म के विरोध बयान दिए हैं। उदाहरण के लिए राहुल ने एक बार नोटबंदी और जीएसटी का उल्लेख करते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘लक्ष्मी की शक्ति’ और ‘दुर्गा की शक्ति’ पर आक्रमण किया है। उन्होंने कहा था कि आरएसएस और भाजपा वाले अपने आपको हिंदू पार्टी कहते हैं और लक्ष्मी जी और मां दुर्गा पर आक्रमण करते हैं। अब आप स्वयं ही बताइए कि क्या राहुल गांधी के इस बयान में कोई तर्क था? मां लक्ष्मी और मां दुर्गा को लेकर इस तरह की विवादित बातें बोलना क्या सही है?
ये तो केवल कुछ उदाहरण हैं, जिनमें राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हिंदू धर्म का जिक्र करते और विवादित बातें बोलते नजर आए। इसके अतिरिक्त भी कई बार उन्होंने कई बार ऐसा किया है। जो यह दिखाता है कि राहुल गांधी कितने भी हिंदू हितैशी होने का दिखावा कर लें, परंतु वास्तविकता तो ठीक इसके उल्ट ही है। असल में तो ये भारत जोड़ो यात्रा कम और हिंदू तोड़ों यात्रा अधिक नजर आती है।
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