विडंबना! पारिवारिक हिंसा के दोषी को भगवंत मान ने पंजाब में परिवार कल्याण मंत्री बनाया है

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के आरोपी एक मंत्री से इस्तीफा लेकर एक ऐसे व्यक्ति को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का जिम्मा दिया है जो पारिवारिक हिंसा का दोषी है और जमानत पर बाहर है।

Bloody Irony! Man convicted for family dispute to be the health and family welfare minister of Punjab

SOURCE TFI

Minister Balbir Singh: भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टोलरेंस पॉलिसी का राग आलापने वाली पार्टी आम आदमी पार्टी ने पंजाब में एक नया कारनामा किया है जिसके बाद कुछ नहीं तो अरविंद केजरीवाल को पुरस्कृत तो कर ही देना चाहिए। दरअसल, एक और कृत्य से आप ने सिद्ध किया है कि उसके बड़े-बड़े दावे, बड़े-बड़े वादे और बड़ी-बड़ी बातें एक छल है जो वो जनता के साथ करती है। केजरीवाल के चहेते भगवंत मान ने भ्रष्टाचार के आरोपी “फौजा सिंह सरारी” से इस्तीफा दिलवाकर एक ऐसे व्यक्ति को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का जिम्मा दिया है जो पहले ही घरेलू हिंसा दोषी के रूप में  जेल की हवा खा चुका है।

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Balbir Singh: मंत्री पर घरेलू हिंसा के दोषी

एक व्यक्ति जो घरेलू हिंसा जैसे अपराध में जेल में रह कर आया हो वही व्यक्ति अब पंजाब राज्य के परिवारों का कल्याण करेगा कैसी व्यवस्था है न, पंजाब सरकार की। इन मंत्री का नाम है डॉ. बलबीर सिंह जो पटियाला ग्रामीण सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं और पेशे से आंखों के डॉक्टर हैं। मंत्री जी अभी जामानत पर बाहर हैं। दरअसल, इनकी साली ने मंत्री जी के विरुद्ध घरेलू हिंसा के केस दर्ज करवाया है जिसमें सिंह को तीन साल की सजा हुई थी और अभी भी उस केस से बरी नहीं हुए हैं।

ऐसे में आम आदमी पार्टी का बलबीर सिंह (Balbir Singh) को मंत्री बनाना बताता है कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के विरुद्ध केवल हवा बनाकर जनता का वोट लेना जानते हैं, इससे अधिक और कुछ नहीं। खैर बलबीर सिंह की जैसी स्थिति है और जिस अपराध के वे दोषी हैं उससे आंका जा सकता है कि वे पंजाब की जनता का कितना कल्याण कर पाएंगे।

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फौजा सिंह पर जबरन वसूली का आरोप

अब फौजा सिंह सरारी के इस्तीफे के कारण पर भी ध्यान देते हैं क्योंकि इस इस्तीफे के बाद प्रश्न यह उठता है कि पंजाब में आखिर चल क्या रहा है?  दरअसल, पिछले साल के सितंबर महीने में लगभग पांच मिनट की एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी। जिसमें दो व्यक्ति आपस में ठेकेदारों से पैसे के लेन-देन को लेकर कुछ बात कर रहे थे। ऑडियो क्लिप का सत्य क्या है वो तो एक अलग जांच का विषय है लेकिन दावे किए जाते हैं कि ऑडियो में जिन दो व्यक्तियों की आवाजें हैं उसमें से एक फौजा सिंह की है, फौजा सिंह पर धमकी देकर जबरन वसूली का आरोप है। ऑडियो क्लिप के बाहर आने के बाद विपक्ष ने जब इस मुद्दे पर हंगामा किया तो भगवंत मान ने खानापूर्ति के लिए पहले तो फौजा सिंह को कारण बताओ नोटिस दिया लेकिन इसके बाद जब हंगामा शांत नहीं हुआ तो अंत में सरारी का इस्तीफा लेना पड़ा।

फौजा सिंह पंजाब पुलिस के एक सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर हैं। इन्होंने पहली बार सीमावर्ती जिला फिरोजपुर की गुरुहरसहाय सीट से चुनाव लड़ा और जीता था, जिसके बाद भगवंत मान ने इन्हें जुलाई 2022 में अपनी कैबिनेट में शामिल किया था।

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मान से पंजाब संभल नहीं रहा है

पंजाब में आम आदमी पार्टी की लगभग दस महीने पुरानी सरकार लुढ़क-लुढ़क कर आगे बढ़ रही है।  भ्रष्टाचार के कारण दूसरे कैबिनेट मंत्री का इस्तीफा लिया गया है, इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला का इस्तीफा लिया गया था। सिंगला पर स्वास्थ विभाग में टेंडर पास कराने में कमीशन खोरी के आरोप लगे थे, इसके तहत सिंगला को जेल भी जाना पड़ा था। हालांकि सिंगला अभी भी आम आदमी पार्टी में एक सक्रीय विधायक की भूमिका निभा रहे हैं। वो न केवल पार्टी की आंतरिक बैठकों में शामिल होते हैं बल्कि पार्टी की रणनीतियां बनाने में भी हिस्सा लेते हैं।

पंजाब में भ्रष्टाचार ही एक बड़ी समस्या नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद वहां पर ड्रग्स और खालिस्तानी गतिविधियों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इसी के साथ पंजाब की कानून व्यवस्था की लचर अवस्था किसी से छिपी नहीं है। सिद्धू मूसेवाला, दीप सिद्धू और शिवसेना नेता सुधीर सूरी की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई।

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पंजाब की मौजूदा राजनीति और आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद की स्थिति पर यदि विचार किया जाए तो यही देखने के लिए मिलता है कि भगवंत मान से पंजाब संभल नहीं रहा है। जिस प्रकार वे पंजाब की शासन व्यवस्था को चला रहे हैं उससे तो यही प्रतीत होता है कि लोकसभा में अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने जो कुछ भगवंत मान के दिन में नशा करने की आदत को लेकर टिप्पणी की वह सत्य है।

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